पतंजलि स्वेत मूसली चूर्ण के फ़ायदे Benefits of Patanjali Swet Musali Churna

पतंजलि स्वेत मूसली चूर्ण के फ़ायदे Benefits of Patanjali Swet Musali Churna


पतंजलि स्वेत मूसली चूर्ण के फ़ायदे Benefits of Patanjali Swet Musali Churna

पतंजलि स्वेत मूसली चूर्ण क्या है स्वेत या सफ़ेद मूसली अपने चिकित्सीय गुणों के कारण से आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण ओषधि है जिसका प्रयोग सैंकड़ों ओषधियों के निर्माण में घटक रूप में /स्वतंत्र रूप में किया जाता है लेकिन विशेष रूप से इसे यौवनवर्धक, शक्तिवर्धक और वीर्यवर्धक के रूप में पहचाना जाता है। आयुर्वेद के अतरिक्त इसका उपयोग यूनानी चिकित्सा में भी किया जाता है। इस पादप की जड़ें और बीज़ सबसे अधिक उपयोगी होते हैं जिनका उपयोग ओषधि निर्माण में किया जाता है। 
 
सफेद मूसली में सेपोनिन और सेपोजिनिन पाए जाते हैं जो इसके गुणों को बढ़ा देते हैं और साथ ही इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, सैपोनिंस जैसे पोषक तत्व और कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम आदि खनिज भी पाए जाते हैं। मुसली की जड़ों में लगभग 25 प्रकार के अल्कलॉइड, विटामिन और खनिज जैसे कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम होते हैं। इसमें पॉलीसेकेराइड, रेजिन, फिनोल और श्लेष्म सामग्री भी होती है। मुसली की जड़ों में फ्रुक्टोज, ग्लूकोज, गैलेक्टोज, सुक्रोज, जाइलोज और मैनोज जैसे सरल शर्करा भी पाए जाते हैं (सन्दर्भ) मूसली को आयुर्वेद में रसायन कहा जाता है क्योंकि यह शरीर को शक्ति प्रदान कर पोषण देती है।

(Chlorophytum borivilianum Santapau R.R.Fern) Swet Musali Plant स्वेत या सफ़ेद मूसली पादप की जानकारी

कुदरती रूप से बरसात के मौसम में बीहड़ इलाकों में उगने वाले इस दिव्य गुणों से भरपूर पादप की बढ़ती मॉंग के कारण वर्तमान में व्यावसायिक उत्पादन भी किया जाने लगा है। इस पादप की उत्पत्ति उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण अफ्रीका से हुई मानी जाती है। हमारे देश में यह हिमालय के इलाकों, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश में बहुलता से पाया जाता है। उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में स्वेत मूसली बहुलता से पाया जाता है। सफ़ेद मूसली कंदीय और तना रहित होता है। इस पादप की पत्तियाँ चक्राकार, चपटी, रेखीय, अण्डाकार और नुकीले शीर्ष वाली होती है जिनकी निचली सतह कुछ खुरदुरी होती है। इस पादप की जड़ें मोटी मांसलदार और गोल गुच्छेदार होती हैं। सफ़ेद मूसली के बीज काले रंग के नुकीले होते हैं। इस पादप के फूल सफ़ेद और आकृति में तारे जैसे होते हैं।


Various Name of Swet Musali स्वेत या सफ़ेद मूसली के विभिन्न नाम 
 
स्वेत मूसली (Chlorophytum Borivilianum) को सफ़ेद मूसली के नाम से भी जाना जाता है जिसका वानस्पतिक नाम Chlorophytum borivilianum Santapau R.R.Fern.,क्लोरोफायटम बोरिबिलिएनम है और सफेद मूसली Liliaceae (लिलिएसी) कुल से सबंधित है। सफ़ेद मूसली को संस्कृत में बल्यकन्दा, धवलमूली के नाम से पहचाना जाता है। क्षेत्रों के मुताबिक स्थानीय नाम भिन्न होते हैं। भारत में Chlorophytum tuberosum; 2. Chlorophytum borivilianum; 3. Comosum; 4. C laxum. स्वेत मूसली की प्रजाति पाई जाती हैं। रासायनिक संरचना में स्वेत मूसली में ग्लाइकोसाइड, डिमेथोक्सी मायरिकेटिन, पौधे के जड़ों में मुक्त शर्करा, श्लेष्म, हेमिकेलुलोस, और अन्य पॉलीसैकराइड होते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से इसमें २५ से अधिक अल्कलॉइड पाए जाते हैं।

पतंजलि स्वेत मूसली चूर्ण के फ़ायदे

स्वेत मूसली का उपयोग सामान्य दुर्बलता को दूर करने के अतरिक्त गाठिया वात, अस्थमा, अधिश्वेत रक्ता, बवासीर और मधुमेह आदि विकारों में किया जाता है। इस पादप की जड़ों को पीस करके ही स्वेत मूसली चूर्ण बनाया जाता है। पतंजलि स्वेत मूसली चूर्ण के निम्न फायदे / लाभ होते हैं -

शारीरिक दुर्बलता को दूर करने के लिए स्वेत मूसली Swet Musali for Physical Power

स्वेत मूसली शारीरिक दुर्बलता को दूर करने वाली ओषधि है। पुरुषों में यौन शक्ति के संवर्धन के लिए यह श्रेष्ठ ओषधि मानी जाती है जो शारीरिक दुर्बलता को दूर करती है। सफ़ेद मूसली के चूर्ण का दूध के साथ सेवन करने से शरीर को समुचित पोषण मिलता है। इस चूर्ण के सेवन से यौन शक्ति का विकास होता है, शीघ्रपतन और नपुंसकता में भी इसका उपयोग श्रेष्ठ है। यह शरीर में पोषण पहुँचा कर शुकाराणुओं की वृद्धि करता है, कामेच्छा को जाग्रत करता है। (सन्दर्भ) स्वप्नदोष से आई कमजोरी को दूर करता है, स्पर्म क्वालिटी में सुधार होता है। सार रूप से यह पुरुषों के यौन विकारों में बहुत ही लाभदाई होती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए Safed Musali increase Immune Power

सफ़ेद मूसली रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है जिससे सामान्य फ्लू, सर्दी जुकाम, खाँसी आदि विकार जल्दी से नहीं लग पाते हैं। यह शरीर को बाहरी संक्रमण से लड़ने की शक्ति देता है। स्वसन विकार, दमा आदि में भी इसका सेवन लाभकारी होता है। जैसे गिलोय शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है, वैसे ही स्वेत मूसली भी शरीर को पुष्ट कर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है।

स्वेत मूसली मूत्र विकारों को दूर करने के लिए Swet Musali for Urine Disorder

मूत्र विकारों में भी स्वेत मूसली का उपयोग लाभदायक होता है। इसके सेवन से पेशाब में जलन दूर होती है।
महिलाओं में यदि ल्यूकोरिया या सफेद पानी का विकार है तो इसके सेवन से आसानी से दूर किया जा सकता है।

जोड़ों के दर्द के लिए स्वेत मूसली का उपयोग Patanjali Swet Musali Churna for Joint Pains

इस चूर्ण के सेवन से बढ़ती उम्र के कारण घुटनों में दर्द, सूजन आदि विकारों में लाभ मिलता है। वात जनित विकारों में यह श्रेष्ठ औषधि है। आर्थराइटिस के प्रबंधन में भी लाभ मिलता है। यदि इसकी कंद उपलब्ध हो तो उसे पीस कर जोड़ों पर लगाने से शीघ्र आराम मिलता है। गठिया रोगों के लिए इस चूर्ण का सेवन दूध के साथ करना चाहिए। सफ़ेद मूसली के एंटी इफ्लेमेंटरी प्रॉपर्टीज होती है जिससे सूजन में आराम मिलता है।

दस्त रोकने के लिए मूसली चूर्ण का उपयोग Patanjali Musali Churna for Diarrhea

स्वेत मूसली चूर्ण के सेवन से पाचन तंत्र के विकार दूर होते हैं और दस्त में भी लाभ मिलता है। दस्त रोकने के लिए मूसली चूर्ण को गुनगुने दूध के साथ उपयोग किया जाना चाहिए।

महिलाओं के लिए भी उपयोगी है स्वेत मूसली चूर्ण Swet Musali Churna for Women Problems

महिलाओं में दूध की कमी के लिए सफ़ेद मूसली के चूर्ण को मिश्री के साथ लेने पर लाभ मिलता है। ल्यूकोरिया विकार के लिए भी यह चूर्ण लाभदाई होता है।

स्वेत मूसली चूर्ण से वज़न बढ़ाएं Swet Musali for Weight Gain

स्वेत मूसली चूर्ण से वज़न बढ़ाने में लाभ मिलता है। मूसली के दूध के साथ सेवन करने से ऐसा हो सकता है की भूख में कमी हो जाए, ऐसे में इसकी मात्रा कुछ कम कर देनी चाहिए।

विषाक्त कणों को निकाले शरीर से बाहर Swet Musali Churna for Free radicals

शरीर में मुक्त कण / विषाक्त प्रदार्थों को शरीर से बाहर निकालने में स्वेत मूसली का चूर्ण लाभदाई होता है। आगे चलकर यही मुक्त कण कैंसर जैसी भयंकर बीमारी का कारण बनते हैं।
पतंजलि आयुर्वेदा का पतंजलि स्वेत मूसली के बारे में कथन

Patanjali Swet Musli Churna is known as the herbal Viagra. It rejuvenates the reproductive system, Boosts the strength and stamina. Useful in general debility weakness and loss immunity.
Doses of Patanjali Swet Musali (Patanjali Safed Musali) 

पतंजलि स्वेत मूसली कहाँ से खरीदें How To Purchase Patanajali Swet Musali
पतंजलि स्वेत मूसली आपको पतंजलि स्टोर्स / पतंजलि चिकित्सालय पर उपलब्ध है। यदि आप इसके सबंध में मजीद मालूमात चाहते हैं तो आप पतंजलि की अधिकृत वेब साइट पर विजिट करें जिसका लिंक निचे दिया गया है जहां से आप इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/churna/swet-mushli/835

Price of Patanali Swet Musali पतंजलि स्वेत मूसली की कीमत
पतंजलि सफ़ेद मूसली (स्वेत मूसली) के १०० ग्राम की कीमत रूपये ३२५ है जो परिवर्तनीय है, इस हेतु आप पतंजलि की अधिकृत वेब साइट पर विजिट करें।

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सफ़ेद मूसली के सेवन में सावधानियाँ

सफ़ेद मूसली चूर्ण के सेवन में कुछ सावधानी रखने की आवश्यकता है जो निम्न हैं।
  • यद्यपि यह एक प्राकृतिक जड़ी बूटी है फिर भी इसके सेवन से पूर्व वैद्य की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। रोक के प्रकार, जटिलता, शरीर की तासीर, उम्र आदि के अनुसार इसके सेवन की विधि और मात्रा, अन्य दवाओं का योग परिवर्तनीय होता है, इसलिए वैद्य की सलाह के उपरान्त ही इस ओषधि का सेवन करें।
  • अधिक मात्रा में स्वेत मूसली का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
  • यदि आप पहले से किसी अन्य विकार की दवा ले रहें है तो आपको वैद्य की सलाह के उपरान्त ही इसका सेवन और मात्रा निश्चित करनी चाहिए।
  • स्वेत मूसली के सेवन से शरीर में ठंडक आती है और यह कफ में बढ़ोत्तरी करता है, इसलिए कफ प्रवृति के लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए या वैद्य के निरीक्षण में करना चाहिए।
  • कुछ विशेष मामलों में इसके सेवन से भूख में कमी हो सकती है।
  • स्वेत मूसली पाचन में कुछ क्लिष्ट होती है इसलिए इसकी निर्धारित मात्रा से अधिक सेवन नहीं करें।
  • गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान स्वेत मूसली का प्रायः नहीं किया जाना चाहिए।

पतंजलि स्वेत मूसली का सेवन कैसे करें - इसे सामान्य रूप से एक छोटा चम्मच रोजाना गुनगुने दूध के साथ लिया जाता है। इसकी मात्रा और सेवन से पूर्व वैद्य की सलाह लेवें।
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.

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Dainik Sakal, Pune. Jan.2001 Benificial Safed Mush by Dr.K.U. Singhwi.
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