दशमूल क्वाथ के लाभ और उपयोग Benefits of Dashmool Kvath Hindi
दशमूल क्वाथ क्या होता है- दशमूल १० विभिन्न तरह की आयुर्वेदिक गुणों से युक्त पेड़ और झाड़ की जड़ों का उपयोग करके बनाया जाता है। यह क्वाथ गाँवों में प्रथम ओषधि मानी जाती है। दशमूल के काढ़े से वात, पित्त और कफ शांत होते हैं। यह काढ़ा लघुपंचमूल और वृहद्पंचमूल से मिलकर बनाया जाता है और प्रयोजन रहता है की सभी ओषधियों के गुणों का इसमें समावेश हो जाए। यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है और हमें विभिन्न विकारों से मुक्त करता है।
दशमूल क्वाथ के मुख्य घटक Dashmool Kwath Ingredients
- दशमूल क्वाथ एक आयुर्वेदिक काढ़ा है जो दस जड़ी-बूटियों से बनाया जाता है। इन जड़ी-बूटियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- शालपर्णी: यह एक जड़ी-बूटी है जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती है।
- पृश्नुिपर्णी: यह एक जड़ी-बूटी है जो पाचन में सुधार करने और कब्ज को दूर करने में मदद करती है।
- छोटी कटेरी: यह एक जड़ी-बूटी है जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।
- बड़ी कटेरी: यह एक जड़ी-बूटी है जो मूत्राशय और गुर्दे के संक्रमण को ठीक करने में मदद करती है।
- गोखरू: यह एक जड़ी-बूटी है जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करती है।
- बेलगिरी: यह एक जड़ी-बूटी है जो रक्त को साफ करने और पाचन में सुधार करने में मदद करती है।
- अरणी: यह एक जड़ी-बूटी है जो कब्ज को दूर करने और पाचन में सुधार करने में मदद करती है।
- मूल: यह एक जड़ी-बूटी है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करती है।
- सोनापाठा: यह एक जड़ी-बूटी है जो शरीर को डिटॉक्स करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती है।
- गंभारी छाल: यह एक जड़ी-बूटी है जो शरीर के तापमान को कम करने और बुखार को दूर करने में मदद करती है।
- पाढ़ल: यह एक जड़ी-बूटी है जो पाचन में सुधार करने और कब्ज को दूर करने में मदद करती है।
- धाय के फूल: यह एक जड़ी-बूटी है जो खांसी और सर्दी को ठीक करने में मदद करती है।
दशमूल क्वाथ के फायदे और उपयोग Dashmool Kwat ke Fayde in Hindi
खाँसी दूर करने में दशमूल क्वाथ के फायदे
दशमूल क्वाथ एक आयुर्वेदिक काढ़ा है जो खांसी के इलाज में मदद करता है। इसमें अरण्डी की जड़ या पोहकरमूल का चूर्ण डालकर पीने से खांसी, श्वास और पसली की पीड़ा को कम करने में मदद मिलती है।
अरण्डी की जड़ और पोहकरमूल दोनों ही जड़ी-बूटियां हैं जिनमें कफ को कम करने और खांसी को रोकने के गुण होते हैं। अरण्डी की जड़ में अल्केलाइन गुण होते हैं जो कफ को पतला करने में मदद करते हैं। पोहकरमूल में भी कफ को कम करने और खांसी को रोकने के गुण होते हैं। दशमूल क्वाथ में अरण्डी की जड़ या पोहकरमूल का चूर्ण डालकर पीने से यह खांसी को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह श्वास और पसली की पीड़ा को भी कम करने में मदद करता है।
सन्निपात ज्वर में लाभकारी
शमूल क्वाथ एक आयुर्वेदिक काढ़ा है जो ज्वर के इलाज में मदद करता है। इसमें पीपर का चूर्ण मिलाकर पीने से सन्निपात ज्वर, मोह और तन्द्रा को दूर करने में मदद मिलती है। पीपर एक जड़ी-बूटी है जिसमें कफ को कम करने और ज्वर को दूर करने के गुण होते हैं। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। दशमूल क्वाथ में पीपर का चूर्ण मिलाकर पीने से यह ज्वर को दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा, यह मोह और तन्द्रा को भी दूर करने में मदद करता है।
हृदयशूल में गुणकारी है दशमूल का काढ़ा
देशमूल का काढ़ा हृदयशूल, पीठ के शूल और कमर के शूल में लाभकारी होता है। देशमूल एक जड़ी-बूटी है जिसमें दर्द निवारक और सूजन-रोधी गुण होते हैं। यह हृदय, पीठ और कमर के दर्द को कम करने में मदद करता है। देशमूल का काढ़ा बनाने के लिए, 10 ग्राम देशमूल को 500 मिलीलीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर पी लें। इस काढ़े को दिन में दो बार पीना चाहिए।
बुखार दूर करने में लाभकारी है दशमूल
शमूल क्वाथ एक आयुर्वेदिक काढ़ा है जो बुखार के इलाज में मदद करता है। यह समस्त प्रकार के वातश्लैष्मिक ज्वर को शीघ्र नष्ट करने में मदद करता है। इनमें से सभी जड़ी-बूटियों में एंटी-बायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-पित्त गुण होते हैं। ये गुण संक्रमण से लड़ने, सूजन को कम करने और शरीर के तापमान को कम करने में मदद करते हैं।
तनाव दूर करने में दशमूल के फायदे
दशमूल क्वाथ तनाव दूर करने में मदद करता है। यह एक आयुर्वेदिक काढ़ा है जो दिमाग को शांत करने और तनाव को कम करने में मदद करता है। इनमें से सभी जड़ी-बूटियों में एंटी-डिप्रेसेंट और एंटी-स्ट्रेस गुण होते हैं। ये गुण तनाव हार्मोन को कम करने और दिमाग को शांत करने में मदद करते हैं।
शोथ (सूजन) ज्वर में फायदेमंद
दशमूल और सोंठ का काढ़ा सूजन के बुखार में लाभकारी होता है। दशमूल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। सोंठ भी एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है, और इसमें एंटीबायोटिक और एंटीफंगल गुण भी होते हैं।
कमरदर्द में लाभकारी है दशमूल
दशमूल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो कमर दर्द को कम करने में मदद करते हैं। एरण्ड का तेल भी एक प्राकृतिक दर्द निवारक है।
दशमूल क्वाथ के अन्य फायदे
दशमूल क्वाथ एक आयुर्वेदिक औषधि है जो दस जड़ी-बूटियों से बनी होती है। यह वात और कफ दोषों को संतुलित करने में मदद करती है। दशमूल क्वाथ के फायदे निम्नलिखित हैं:
- प्रसूत रोगों में लाभदायक: दशमूल क्वाथ प्रसव के बाद होने वाले रोगों जैसे कि ज्वर, पेट दर्द, अरुचि, रक्त की कमी आदि में लाभदायक है। यह प्रसूता की कमजोरी और थकान को भी दूर करता है।
- वात और कफ दोषों को संतुलित करता है: दशमूल क्वाथ वात और कफ दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। यह सर्दी-जुकाम, खांसी, श्वास फूलना, गठिया, दर्द आदि में लाभदायक है।
- शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है: दशमूल क्वाथ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है। यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
- पेट के रोगों में लाभदायक: दशमूल क्वाथ पेट के रोगों जैसे कि अपच, कब्ज, गैस, दस्त आदि में लाभदायक है। यह पाचन क्रिया को सुधारता है।
- त्वचा रोगों में लाभदायक: दशमूल क्वाथ त्वचा रोगों जैसे कि खुजली, दाद, एक्जिमा आदि में लाभदायक है। यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
दशमूल क्वाथ के घटक
बिल्व : (wood apple, Aegle marmelos) बिल्व फल, बेल पत्थर, बील का अपना धार्मिक महत्त्व भी है। यह शिव जी को अत्यंत प्रिय है इसलिए शिवलिंग पर बील पत्र चढ़ाये जाते हैं। आचार्य चरक और सुश्रुत दोनों ने इसके गुणों के बारे में विस्तार से बताया है। इसका फल वात का शमन करता है और पाचन संस्थान के विकारों को दूर करता है। आयुर्वेद के अनेक औषधीय गुणों एवं योगों में बेल का महत्त्व बताया गया है, परन्तु एकाकी बिल्व, चूर्ण, मूलत्वक्, पत्र स्वरस भी अत्यधिक लाभदायक है।
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दशमूल क्वाथ के फायदे लाभ
- दशमूल के क्वाथ से कटिशूल, जोड़ों के दर्द, गठिया में आराम मिलता है।
- इस क्वाथ से कफ और वात जनित विकार दूर होते हैं।
- पुराने बुखार, तनाव, अनिंद्रा में इसके सेवन से लाभ प्राप्त होता है।
- स्त्रियों में गर्भ धारण करने से सबंधित विकारों में इसका उपयोग किया जाता है।
- हाथ और पैरों में कम्पन में इसका लाभ प्राप्त होता है। पार्किंसन में भी इसका लाभ मिलता है।
- दशमूल के काढ़े से शरीर से विषाक्त प्रदार्थ दूर होते हैं।
- दशमूल क्वाथ के सेवन से त्रिदोष शांत होते हैं।
- खांसी, सिर दर्द, सूजन, बुखार, पसली का दर्द, अरुचि में इसके सेवन से लाभ प्राप्त होता है।
- प्रसूतिजन्य विकार यथा शरीर में सुजन, खून की कमी, चिडचिडापन, चक्कर आना आदि में लाभदायक होता है।
- यह शरीर के विभिन्न हिस्सों के दर्द और सूजन को दूर करता है।
- यह क्वाथ उत्तम रक्त शोधक होता है।
- गर्भावस्था के उपरांत इसका सेवन करने से माताओं का दूध साफ़ होता है।
- मस्तिष्क का उन्माद दूर होता है और तनाव कम करता है।
- दशमूल क्वाथ के सेवन से आम दोष दूर होता है।
- अवसाद और तनाव को दूर करने में लाभदायी होता है।
- कापते हाथ पैरों में इसके सेवन से लाभ प्राप्त होता है।
- स्नायु विकार दूर होते हैं।
- गठिया, साइटिका और कटिशूल के दर्द में आराम मिलता है।
- मुँह के सूखेपन को दूर करता है।
- सीने में दर्द, पसली में दर्द और पार्श्व दर्द को दूर करता है।
- गर्भधारण में मदद करता है।
- खून की कमी को दूर करता है और रक्त साफ़ करता है।
- मांसपेशियां तनावमुक्त होती हैं और उनकी ऐंठन दूर होती है।
- पाचन क्रिया को सुधारने में सहायक होता है और पेट दर्द में आराम मिलता है।
- एंटी पेट्रिक गुणों के कारन दशमूल के काढ़े से तेज बुखार शांत होता है।
- उलटी, जी मिचलाना और माइग्रेन की समस्या में आराम मिलता है।
- अर्थरिटीज की सूजन को कम करने में सहयोगी होता है।
Beneficial in all fevers, gastric troubles and female related diseases. A mix of ancient formulae, with specific qualities. Tasty and effective kwath / decoction. Mix 5-10 grams of kwath in around 400 ml water and boil it, till residue is 100 ml. Filter it and take empty stomach in the morning, one hour before dinner or before going to sleep. If the taste of any kwath is acerbic, then, if you are not diabetic, mix honey or any other sweet item. If you are unable to take this decoction in more quantity, boil for a longer period and with less water content, filter it. Be alert that honey shall be mixed, when decoction is cool and not hot.
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |