पतंजलि चिरायता क्वाथ क्या है
पतंजलि चिरायता क्वाथ (Divy Chirayata Kvath ) एक काढ़ा है जिसकी निश्चित मात्रा को उबाल कर पिया जाता है। चिरायता पौधे की छाल और पत्तियां स्वाद में कड़वी होती हैं लेकिन औषधीय गुणों से युक्त होती हैं। चिरायता एक ऐसी ओषधि है जिससे कई प्रकार के रोगों का इलाज सम्भव है। चरक संहिता के अनुसार चिरायता को तिक्त स्कंध तृष्णा निग्रहण समूह में तथा सुश्रुत के अनुसार अरग्वध समूह में गिना जाता है। प्रधान रूप से इसे सन्निपात ज्वर, व्रण, रक्त विकारों को दूर करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। भाव प्रकाश निघण्टुकार के मतानुसार "किरातः सारको रक्षोऽशीतलस्तिक्तको लघुः ।
सन्निपात ज्वरश्वांस कफ पित्तास्रदाहनुत्॥ कासशोथ तृषा कुष्ठ ज्वर व्रण कृमिप्रणुत॥" यह के श्रेष्ठ संक्रमण रोधी ओषधि है। इसका वीर्य गर्म होता है और वात, कफ और पित्त शामक है। आयुर्वेद में जहाँ चिरायते की गुणों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त होती है वहीँ इसके औषधीय गुणों के कारण होम्योपैथिक और एलोपेथी में भी इसके औषधीय गुणों को पहचान कर इसका उपयोग किया जाता है।
पतंजलि चिरायता क्वाथ के लाभ
पतंजलि / दिव्य चिरायता क्वाथ का उपयोग आयुर्वेदा में कई प्रकार के रोगों के निदान के लिए किया जाता है। आइये जानते हैं की पारम्परिक रूप से चिरायता का उपयोग किन किन रोगों के उपचार के लिए किया जाता है।
यह भी पढ़ें :
पतंजलि श्वासारी क्वाथ (Swansari Kvath ) के फायदेपतंजलि टोटला क्वाथ के फायदे।पतंजलि गिलोय क्वाथ परिचय और फायदे पतंजलि दशमूल क्वाथ के लाभसभी आयुर्वेदिक दवाओं के विषय में अधिक जाने ज्वर (बुखार) को कम करने के लिए चिरायता
पतंजलि चिरायता क्वाथ उच्च ज्वर (बुखार) को नियंत्रित करने के लिए एक श्रेष्ठ ओषधि है। यह सामान्य ज्वर के अतिरिक्त मलेरिया, डेंगू, स्वाइन फ्लू और अन्य संक्रमण से उत्पन्न ज्वर को समाप्त करने के लिए उत्तम ओषधि है। मलेरिया के कारण रोगी में शारीरिक कमजोरी उत्पन्न हो जाती है जिसे चिरायते के सेवन से दूर किया जा सकता है। चिरायता क्वाथ ज्वर उत्पन्न होने के मूल कारणों को समूल नष्ट करता है। प्राचीन समय से इसे ग्रामीण क्षेत्रों में ज्वर नाश के लिए घर में रखा जाता रहा है इसी कारण से इसे देहाती जड़ी बूँटी के नाम से भी पहचाना जाता है और मान्यता है की यह कुनैन की टेबलेट्स से भी अधिक प्रभावी होती है। चिरायता क्वाथ रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है और शरीर से हानिकारक कीटाणुओं का सफ़ाया करता है। यदि किसी संक्रामक रोग से ज्वर उत्पन्न हुआ है तो उसमे भी चिरायता का क्वाथ लाभ करता है। सामान्य सर्दी और फ्लू से उत्पन्न बुखार की रोकथाम के लिए भी चिरायता उपयोगी औषधि है।
रक्त शुद्धि के लिए चिरायता
आयुर्वेद में चिरायता के रक्त को शुद्ध करने वाला बताया गया है। चिरायता रक्त से टॉक्सिन्स को दूर करके रक्त शुद्ध करता है, इसके अतरिक्त अन्य रक्त विकारों को दूर करता है। मासिक धर्म के अनियमित रक्त स्त्राव, नाक से खून के बहने आदि विकारों में भी चिरायता का सेवन लाभकारी होता है।
कब्ज में चिरायता के फायदे
चिरायता के सेवन से क्रोनिक कॉन्स्टिपेशन में भी आराम मिलता है। पतंजलि चिरायता क्वाथ के सेवन से कब्ज दूर किया जा सकता है क्योंकि यह आँतों को अंदर से चिकना कर मल त्यागने में आँतों की मदद करता है। वैद्य की सलाह के उपरान्त नियमित रूप से चिरायता के क्वाथ का सेवन किया जाना चाहिए।
त्वचा विकारों के लिए चिरायता
त्वचा विकारों के लिए भी चिरायता का सेवन लाभकारी होता है। चिरायता की पत्तियों का लेप बना कर इसे घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है क्योंकि इसमें हीलिंग प्रॉपर्टीज के साथ एंटी बेक्टेरियल गुण भी होते हैं। चिरायता स्वंय में एंटी बेक्टेरियल होने के साथ साथ आंतरिक सूजन को भी कम करता है। सामान्य फोड़े फुंसियों के लिए चिरायता की पत्तियों का लेप लगाने से लाभ मिलता है।
चिरायता का उपयोग ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए
शुगर को नियंत्रित करने के लिए भी चिरायता उपयोगी ओषधि है। चिरायता का तिक्त रस शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। शोध के अनुसार चिराता/चिरायता अग्नाशयी कोशिकाओं में इंसुलिन उत्पादन को उत्तेजित करता है जिससे मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। शोध के मुताबिक यदि इन्सुलिन की ऊपर स्थित रेसेप्टर काम करना बंद कर देते हैं तो इन्सुलिन का स्राव कम हो जाता है, ऐसी स्थिति में चिरायता के सेंवन से रिसेप्टर की तीव्रता को बढ़ाया जा सकता है और ऐसा करने से रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद और ल.वि.वि. के जन्तु विज्ञान विभाग के डॉ एएम सक्सेना, राहुल गुप्ता द्वारा "सर्च फॉर इन्डीजिनस ब्लड शुगर लोवरिंग हर्ब्स फॉर ट्रीटमेंट ऑफ डायबिटीज" विषय पर किये गए शोध के मुताबिक चिरायता की जड़, तने और टहनियों के उपयोग से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।
चिरायता के सेवन से लिवर होता है मजबूत
चिरायता के सेवन से आप लिवर को भी दुरुस्त कर सकते हैं। यह लिवर को आंतरिक रूप से मजबूत करता है। फैटी लीवर, सिरोसिसजैसे विकारों के अतिरिक्त लिवर सबंधी विकारों में चिरायता का सेवन लाभकारी माना जाता है। चिरायता लिवर को डिटॉक्सीफाई भी करने में मदद करता है। चिरायता में हेपटो -प्रोटेक्टिव गुण पाया जाता है जो कि लीवर के विकारों को दूर करके लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
चिरायता के सेवन से पाएं गठिया में आराम
पतंजलि चिरायता क्वाथ से आप गठिया रोग में भी आराम पा सकते हैं। गठिया रोग, जोड़ो के दर्द को कम करने के लिए चिरायता काफी उपयोगी होता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेंटरी प्रॉपर्टीज के कारण यह जोड़ों के दर्द को कम करता है और सूजन को दूर करता है। चिरायता में एंटी आर्थराइटिस गुण होते हैं।
चिरायता के सेवन से खांसी का इलाज
चिरायता गले की खरांस को दूर कर कफ को नियंत्रित करने में मदद करता है। गले के संक्रमण को दूर करने में भी उपयोगी होता है। तिक्त रस के कारण फेफड़ों में जमा कफ को भी दूर करता है। यदि आपको कफ जनित या सूखी खांसी की शिकायत रहती है तो वैद्य की सलाह के उपरान्त चिरायता क्वाथ का सेवन लाभदायक होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए चिरायता क्वाथ
चिरायता के साथ गडूची मिला कर लेने से रोगों से लड़ने की शक्ति में सुधार होता है। यह संक्रामक रोगों से उप्तन्न ज्वर का नाश करने के अतिरिक्त हानिकारक कीटाणुओं का भी सफाया करने में सक्षम ही। चिरायता में इम्युनो-मॉडुलेटरी के गुण की प्रधानता होती है जिसके कारण से इसके सेवन से प्रतिरक्षा तंत्र मजबूर बनता है।
चिरायता के सेवन से दूर करें पेट के कीड़े
तासीर में उष्ण और रस तिक्त होने के कारण इसके सेवन से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं। आँतों से हानिकारक कीड़ों को समाप्त करने के लिए वैद्य की सलाह के उपरान्त चिरायता क्वाथ का सेवन किया जाना चाहिए।
चिरायता क्वाथ से करें पेचिस को दूर
चिरायता क्वाथ का सेवन करने से पेचिश में आराम मिलता है। आप मात्र चिरायता क्वाथ ले नहीं तो वैद्य की सलाह के उपरान्त चिरायता क्वाथ में किराततिक्तादि चूर्ण लेने से शीघ्र आराम मिलता है।
चिरायता ब्लोटिंग में उपयोगी
शादी पार्टी या बाहर का खाना खाने के कारण पेट में लगातार गैस का रहना, ब्लोटिंग आदि विकारों के लिए चिरायता का क्वाथ काफी लाभकारी होता है। चिरायता क्वाथ के सेवन से आँतों की सूजन, आँतों के कीड़े दूर होते हैं और यह पेट में बनने वाले एसिड को नियंत्रित करता है। कब्ज को दूर करने के अतिरिक्त यह दस्त को रोकने में भी लाभकारी है।
आंखों के विकारों में चिरायता के फायदे चिरायता का सेवन, चिरायता क्वाथ का सेवन आपकी आँखों के लिए भी बहुत ही उपयोगी होता है।
चिरायता से स्तनों में दूधवृद्धि
पतंजलि चिरायता क्वाथ के सेवन से महिलाओं में स्तन दूध वृद्धि होती है। अकेले चिरायता के अतिरिक्त इसमें शुंठी, देवदारू की लकड़ी, पाठा का पंचांग, मुस्तक मूल, मूर्वा, सारिवा की जड़, गुडूचीतना, मिलाकर इसका क्वाथ पीने से स्तनों में शीघ्र दूध की वृद्धि होती है। चिरायता, कटुरोहिणी, सारिवा का क्वाथ भी स्तन दूध वृद्धि में उपयोगी होता है।
चिरायता क्वाथ का उपयोग भूख वृद्धि के लिए
चिरायता के नियमित सेवन से यह भूख में वृद्धि करता है क्योंकि यह त्रिदोष नाशक है, वात कफ और पित्त को नियंत्रित करता है और पेट में अम्ल की मात्रा को भी नियन्त्रिक कर भूख को जाग्रत करता है। यदि किसी को भूख नहीं लगती है तो वह केवल चिरायता का क्वाथ ले सकता है, या फिर बराबर मात्रा में चिरायता, सोंठ तथा गुडूची के 15-30 मिली क्वाथ (काढ़ा ) का सेवन करने से भी भूख जाग्रत होती है।
अधिक प्यास लगाने पर चिरायता क्वाथ का लाभ
अधिक प्यास लगाने पर चिरायता का क्वाथ लाभकारी होता है। वैद्य की सलाह के उपरान्त चिरायता, गुडूची, सुगन्धबाला, धनिया, को मिला कर क्वाथ लेने से अधिक प्यास लगने सबंधी विकार शीघ्र दूर होता है।
दस्त रोकने में मदद करता है चिरायता (Chirayata to treat Diarrhea in Hindi)
जहां चिरायता कब्ज को दूर कर भूख जाग्रत करता है वहीँ चिरायता के सेवन से दस्त जैसे विकार को भी नियंत्रित किया जा सकता है। दस्त को रोकने के लिए चिरायता क्वाथ के अतिरिक्त चिरायता चूर्ण में नागरमोथा, इन्द्रजौ तथा रसाञ्जन के चूर्ण को मिलकर शहद के साथ लेने पर शीघ्र आराम आता है।
चिरायता के अन्य फायदे चिरायता क्वाथ के सेवन से वात कफ और पित्त तीनों नियंत्रित होते हैं। चिरायता त्रिदोष नाशक हैं।
- चिरायता के पत्तों को पीस कर लेप करने से घाव जल्दी भरता है।
- चिरायता के सेवन से पेषाब खुलकर लगता है।
- चिरायता के सेवन से सुखी खांसी और कफ की खांसी दूर होती है।
- चिरायता के सेवन से सूजन दूर होती है।
- पतंजलि चिरायता क्वाथ और सौंठ को बराबर मात्रा में मिलाकर क्वाथ बना कर लेने से शरीर में उत्पन्न सूजन दूर होती है।
- त्वचा रोगों के लिए या तो चिरायता क्वाथ का सेवन करें अन्यथा चिरायता क्वाथ की दो चमच्च रात को एक गिलास में भिगो दें और सुबह इसे छान कर सेवन करें।
- चिरायता के क्वाथ के साथ अडूसा, कुटकी, त्रिफला, गिलोय तथा नीम की छाल का काढ़ा बना लें और वैद्य की सलाह से इसके सेवन से शरीर में खून की कमी (Anemia) दूर होती है।
- चिरायता के सेवन से शरीर के आंतरिक भागों में रक्तस्त्राव की रोकथाम होती है।
- जिगर और अमाशय की सूजन के लिए भी चिरायता क्वाथ को रात में पानी में भिगो कर सुबह छान कर लेने से लाभ मिलता है।
- कुटकी और चिरायता के क्वाथ को मिला कर लेने से सोरायसिस रोग में लाभ प्राप्त होता है।
- टायफाइड रोगियों के लिए भी चिरायता उपयोगी होता है।
- चिरायता में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं जो शरीर से विषाक्त/मुक्त कणों को बाहर निकालने में हमारे शरीर की रक्षा करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है।
- सामन्य सर्दी और फ्लू की बुखार और उसके कारण से पैदा हुई कमजोरी भी चिरायता के सेवन से दूर होती है।
- चिरायता का क्वाथ शारीरिक कमजोरी को दूर करता है।
How to make Chirayata Churna at Home घर पर ही बनाएं चिरायता का चूर्ण
चिरायता क्वाथ को आप अपने घर पर भी तैयार कर सकते हैं। चिरायता क्वाथ बनाने के लिए आप चिरायता क्वाथ में निम्न सामग्री को मिलाएं।
100 ग्राम चिरायता की छाल/सूखी टहनियाँ
100 ग्राम श्यामा तुलसी (जिस तुलसी के पत्ते कुछ नीलापन/कालापन लिए होते हैं। )
100 ग्राम नीम की कोपलों की पत्तियां (यदि कोंपलें उपलब्ध नहीं हो तो सामान्य हरी पत्तियां)
सभी सामग्री को मिला कर मोटा पीस लें (अधिक महीन नहीं पीसे क्योंकि चिरायता और तुलसी, नीम में जो ओषधिए गुण होते हैं वे प्राकृतिक रूप से तैलिये रूप में होते हैं जो की उड़नशील होता है, अधिक महीन पीसने पर वह सूख कर उड़ जाता है ) अब इस चूर्ण को हवा बंद डिब्बे में बंद कर दे और वैद्य की सलाह के उपरान्त निश्चित मात्रा में इसका सेवन करें।
चिरायता क्या होता है What is Chirayta
चिरायता (Swertia chirata) पौधा होता है जो औषधीय गुणों से भरपूर होता है। चिरायता का पौधा अक्सर ऊंचाई वाले प्रदेशों में पाया जाता है। चिरायता की पट्टियां, तना औषधीय गुणों से युक्त होता है जिसे आयुर्वेदा में रक्त को शुद्ध करने वाला और ज्वर को कम करने वाला माना जाता है। चिरायता मुख्य रूप से हिमालय की पहाड़ियों, मध्य भारत की पहाड़ियों, अरुणांचल प्रदेश आदि पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है। चिरायता सबसे अधिक नेपाल में पाया जाता है। चिरायता पौधे के पंचांग और पुष्प का उपयोग ओषधि रूप में किया जाता है। आयुर्वेद में पारम्परिक रूप से चिरायता का उपयोग यकृत विकारों, मधुमेह, ज्वर, मलेरिया आदि रोगों में किया जाता है। यहाँ यह विशेष है की चिरायता में विभिन्न प्रकार की मिलावटें की जाती हैं, इसलिए किसी प्रतिष्ठित निर्माता/विश्वसनीय पंसारी से ही इसे क्रय करना चाहिए।
चिरायता के पंचांग, छाल और पुष्प को संगृहीत करके चिकित्सा उपयोग में लाया जाता है। चिरायते में पीले रंग का एक कड़ुवा अम्ल-ओफेलिक एसिड होता है जो इसे औषधीय गुण प्रदान करता है। चिरायते के पुष्प, छाल, पंचांग और जड़ को भी ओषधि रूप में लिया जाता है। चिरायता को अग्निमंदता, अजीर्ण, यकृत विकारों में यथा सूजन को दूर करने और विषाक्त प्रदार्थों को बाहर निकालने में, रक्त विकार उदर तथा रक्त कृमियों के निवारणार्थ, शोथ एवं ज्वर के बाद की दुर्बलता के उपचार के लिए कार्य में लिया जाता है।
चिरायता के विभिन्न नाम Various Names of Chirayata
चिरायता को विभिन्न नामों से जाना जाता है। चिरायता को प्रादेशिक भाषाओं में चिरायता, चिरेता, चिरैता, नेपालीनीम, चिराइता आदि नामों से जाना जाता है। इसके संस्कृत के नाम हैं किराततिक्त, कैरात, कटुतिक्त, किरातक, काण्डतिक्त, अनार्यतिक्त, रामसेनक आदि।
चिरायता को अंग्रेजी में ब्राउन चिरेता (Brown chireta), व्हाइट चिरेता (White chireta), Chiretta (चिरेता) कहा जाता है। चिरायता का वानस्पतिक नाम Swertia chirayita (Roxb. ex Fleming) Karst. (स्वर्टिया चिरायता) Syn-Gentiana chirayita Roxb. ex Fleming है।
असली चिरायते की पहचान How Recognize Original Chirayata (Swertia chirayita )
चिरायता औषधीय गुणों से युक्त एक औषधीय पौधा है जो पहाड़ी क्षेत्रों में ही पाया जाता है यथा हिमालय और नेपाल के इलाकों में इसलिए इसकी बढ़ती माँग के कारण इसमें कई प्रकार की मिलावट की संभावना बनी रहती है। यदि आप पतंजलि प्रोडक्ट को खरीद रहे हैं तो इसमें मिलावट की कोई गुंजाइस शेष नहीं रह जाती है, लेकिन यदि आप पंसारी की दूकान से चिरायता को खरीद रहे हैं तो खरीदने से पहले जांच लें आप असली चिरायता ही खरीदें।
असली चिरायता की छाल चपटी और बाहर की तरफ से भूरे रंग की होती है। छाल के अंदर की तरफ छोटे रेशे दिखाई देते हैं। असली चिरायते का स्वाद कैसेला होता है और चबाने में कुरकुरा होता है। चिरायता में मीठा और पहाड़ी चिरायता को मिला दिया जाता है जिसके औषधीय गुण नहीं होते हैं।
Chirayata Doses चिरायता क्वाथ का सेवन कैसे करें
चिरायता क्वाथ का सेवन करने से पूर्व आपको वैद्य से सलाह लेनी चाहिए। किसी भी व्यक्ति की उम्र, शरीर की तासीर, रोग का प्रकार और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए ओषधि की मात्रा, चिरायता के साथ अन्य ओषधियों को वर्णन और मात्रा परिवर्तनशील होती है।
Where to Buy Chirayata चिरायता कहाँ से खरीदें
चिरायता को खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता की जाँच किसी वैद्य से अवश्य करवा लेवें। यदि आप चाहें तो बाबा रामदेव, पतंजलि चिकित्सालय/पतंजलि स्टोर्स पर उपलब्ध चिरायता क्वाथ को खरीद सकते हैं। आपको वहाँ पर वैद्य की निशुल्क परामर्श भी प्राप्त हो जाएगा। यदि आप "पतंजलि चिरायता क्वाथ" को ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो इसे आप निचे दिए गए लिंक पर विजिट करके ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। इस सबंध में मजीद मालूमात के लिए आप लिंक पर विजिट करें।
https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/kwath/chirayta-kwath-100-gm/1583
Patanjali Chirayata Kvath Price पतंजलि चिरायता क्वाथ की कीमत यह लेख लिखे जाने तक पतंजलि चिरायता क्वाथ के १०० ग्राम के पैकेट के ६६ रुपये मूल्य है। मूल्य में समय के साथ बदलाव सम्भव है। आप इस सबंध में ऊपर दिए गए अधिकृत लिंक को विजिट करें।
|
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
|