राजस्थानी मुहावरे हिंदी अर्थ सहित

राजस्थानी मुहावरे हिंदी अर्थ सहित

हंसा चलणो शब्द परियाणी,
सतपुरुषों रो संग कीजिये,
बोलो अमृत बाणी।।

सायब सब घट माई बिराजे,
आ प्रकट सैलाणी,
बायर क्यूं तुम फिरो भटकता,
करलो आप में जाणी।।

एका एक हो जाओ सायब का,
तज दो पड़पच झूठा,
तेरी नजरिया देखत देखत,
काल लाखों घर लूटा।।

करलो विचार विवेक हमेशा,
मोह समुद्र सुखाणी,
सांसो सांस खाली मती खोवो,
भव सागर तिरजाणी।।

जागो जुगत से नींद उड़ाओ,
सूरत सायब से जोड़ो,
कहत कबीर सुनो भाई संतों,
भरम री गागर फोड़ो।।

हंसा चलणो शब्द परियाणी,
सतपुरुषों रो संग कीजिये,
बोलो अमृत बाणी।।


हंसा चलना शब्द परियाणी || Hansa Chalna Shabad Priyani || Kabir AmritVani

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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