डमरू बाजे मेरे भोलेनाथ का भजन

डमरू बाजे मेरे भोलेनाथ का भजन

डमरू बाजे मेरे भोलेनाथ का,
एक जोगी कैलाश के ऊपर,
जिनके सिर पे गंगा,
देख रहा सारी दुनिया को,
बैठा मस्त मलंगा।

जिनके मस्तक पे बैठा चंदा है,
और जटा-जूट में गंगा है,
वो तो अपनी ही मस्ती में आके,
वो डमरू बजाके,
गोरा संग पर्वत पर नाचे।

डम डम डम डम,
डम डम डम डम बाजे,
बाजे रे बाजे डमरू बाजे,
मेरे भोलेनाथ का,
डमक डम डमरू बाजे,
मेरे भोलेनाथ का।।

लेके भूतों का संग में टोला,
मेरा बाबा शंकर भोला,
बाबा सबको बुलाए,
उन्हें नाच नचाए,
सारा कैलाश डगमग डोला।

ऊँचे पर्वत पे करके धमाल,
बजाए भोला डम डम डमरू,
गोरा मैया भी नाचे दे दे ताल,
बांध के पैरों में घुँघरू।

जमजम बाजे झांझ-नगाड़े,
छम-छम घुँघरू बाजे।

डम डम डम डम,
डम डम डम डम बाजे,
बाजे रे बाजे डमरू बाजे,
मेरे भोलेनाथ का,
डमक डम डमरू बाजे,
मेरे भोलेनाथ का।।

शम शम शम शमशानों में,
जो रहने वाला,
गम गम गम गंगा को,
शीश पे धरने वाला।

जोगी है मतवाला,
गले मुंडों की माला,
कंठ भुजंग विराजे,
चंदा मस्तक पर है साजे।

डम डम डम डम,
डम डम डम डम बाजे,
बाजे रे बाजे डमरू बाजे,
मेरे भोलेनाथ का,
डमक डम डमरू बाजे,
मेरे भोलेनाथ का।।

महिमा तुम्हारी भोले,
जग से निराली,
खाली ना लौटे कोई,
दर से सवाली।

गोरे बदन पे है,
जटा ये काली,
भोले की झाँकी तो,
जग से निराली।

दुनिया का कण-कण है,
जिनका पुजारी,
कालों के काल,
मेरा भोला भंडारी।

‘लव और कुश’ का,
मन मयूर भी,
झूम-झूम के नाचे।

डम डम डम डम,
डम डम डम डम बाजे,
बाजे रे बाजे डमरू बाजे,
मेरे भोलेनाथ का,
डमक डम डमरू बाजे,
मेरे भोलेनाथ का।।


Damru Baje | डमरू बाजे | Rohit Gorle | Shyam Band | Shiv Bhajan |

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भोलेनाथ, वह मस्त मलंगा जोगी हैं, जो कैलाश के शिखर पर गंगा को जटाओं में धारण कर, चंद्रमा को मस्तक पर सजाए, अपनी मस्ती में डमरू बजाते हैं। उनके साथ गोरा माता, भूतों का टोला, और घुंघरुओं की छमछम के साथ नाचता कैलाश सारा संसार को अपनी अलौकिक लीला से मोह लेता है। उनकी कृपा से श्मशान में भी जीवन का आनंद बरसता है, और गले में मुंडमाला व भुजंगों को धारण करने वाला उनका रूप भक्तों के हृदय को भक्ति और उल्लास से भर देता है। भोले की यह मस्ती और डमरू की ध्वनि हर भक्त को उनके प्रेम में डुबो देती है, जिससे सारा वातावरण भक्तिमय हो उठता है।
 
‘लव और कुश’ जैसे भक्त भोलेनाथ की महिमा का गुणगान करते हैं, जो कालों के काल और जग के भंडारी हैं। उनकी झांकी इतनी निराली है कि दुनिया का कण-कण उनका पुजारी बन जाता है। कोई भी सवाली उनके दर से खाली नहीं लौटता, क्योंकि उनकी कृपा अनंत और अपार है। भोलेनाथ का आशीर्वाद भक्तों के मन को मयूर-सा नचाता है, और उनकी डमरू की धुन में सारा संसार झूम उठता है। यह वह आध्यात्मिक बंधन है, जो भक्त को भोलेनाथ के चरणों में बांधे रखता है, और उनके प्रेम और कृपा से जीवन हर पल मंगलमय और आनंदमय हो जाता है। 

Title :- Damru Baje | डमरू बाजे
Singer :- Rohit Gorle 8109860764 , 9826584469
Lyrics :- Vivekanand ji Maharaj
Music :- Sachin Bhosale & Salman
Saxophone :- Varun Gorle
Side Rhythm :- Kunal ,Navin ,Rahul
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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