दिया नाथ ने दुष्ट को करनी का परिणाम

दिया नाथ ने दुष्ट को करनी का परिणाम

दिया नाथ ने दुष्ट को करनी का परिणाम।।
किन्तु कृष्ण संग हो गया अमर कंस का नाम।।॥

लक्ष्य कंस, उद्देश कंस, कृष्ण अवतार का कंस ही कारण,
कंस को मार के प्रभुवर ने किया देवी का कष्ट निवारण।।॥

दमक एक हेतु पूरा हुआ, जिस हेतु किया हरि नर-संधारण,
कृष्ण के हाथों गति पाई, कंस का भाग्य नहीं साधारण।।॥

वैर-भाव से ही किया सदा कृष्ण का ध्यान,
मिला अंत में कंस को हरि चरणों में स्थान।।
जय जय कृपा-निधान।।॥

अद्भुत पापी देह की आत्मा हरि चरण में आ गई,
ज्योति में ज्योत समा गई, साक्षात मुक्ति पा गई।।॥

यह भक्ति-लीला देख सुन, करने लगे पुष्प-वर्षा,
जय कृष्ण जय-जय श्रीकृष्ण, सब गाने लगे हर्षा।।॥



श्री कृष्ण भजन | दिया नाथ ने दुष्ट को करनी का परिणम | Diya Nath Ne Dusht Ko Karni Ka Parinam

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श्री कृष्ण कंस के साथ युध करके उसका वाध कर देते हैं जिसे देख सभी नगरवासी प्रसन्न होकर उनकी जय जयकार करते हैं।
"स्वर- रवींद्र जैन और साथी
गीत- रवींद्र जैन
संगीत- रवींद्र जैन"
 
Saroj Jangir Author Admin - Saroj Jangir

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