पनघट पे मुझको छेड़े फोड़े वो मटकी मेरे
पनघट पे मुझको छेड़े फोड़े वो मटकी मेरे
क्या बताऊं मैं उसकी करतूत तुझको,
मैया, कन्हैया छेड़े है मुझको।।
करके परेशान मुझको, लेता वो आनंद है,
उसकी ये आदत न मुझको पसंद है,
जाने दे न घर से बाहर तू उसको,
मैया, कन्हैया छेड़े है मुझको।।
मुझको बुलाए काली, खुद वो है काला,
छलिया है मैया तेरा नंदलाला,
तेरे अलावा मैं बताऊं किसको,
मैया, कन्हैया छेड़े है मुझको।।
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Singer - Khushbu Tiwari kt
Lyrics - Yadav Raj
Music - Arya Sharma
Mix & Mastring - Dj Rupendra Hathras
Poster Design - Rupendra Hathras (Sonotek)
श्रीकृष्ण की नटखट शरारतों का चित्रण गोपिकाएँ शिकायत भरे स्वर में मैया यशोदा से कहती हैं कि कन्हैया पनघट पर आकर उन्हें छेड़ते हैं, उनकी मटकी फोड़ देते हैं और तरह-तरह से परेशान करते हैं। वे बताती हैं कि कृष्ण इसमें आनंद लेते हैं, पर उनकी यह आदत गोपिकाओं को पसंद नहीं आती। साथ ही वे व्यंग्य करते हुए कहती हैं कि कृष्ण स्वयं काले हैं पर उन्हें "काली" कहकर चिढ़ाते हैं। गोपिकाएँ अपना दुखड़ा किसी और से नहीं कह सकतीं, इसलिए सीधे मैया के पास आकर यह लीला सुनाती हैं।यह भजन भी देखिये
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Author - Saroj Jangir
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