जब बाबा बुलायेंगे शिरडी की बस्ती में
जब बाबा बुलायेंगे शिरडी की बस्ती में
जब बाबा बुलायेंगे शिरडी की बस्ती में,
हम बैठ के जायेंगे ईमान की कश्ती में,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
हम दोनों तो हुस्नो इश्क़ की दुनिया के हैं मालिक,
जो तू अर्शी तो मैं फर्शी फलक तेरा ज़मीन मेरी,
उधर तू दर न खोलेगा, इधर मैं दर न छोड़ूंगा,
हुकूमत अपनी अपनी है वहाँ तेरी यहाँ मेरी,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
पाँव में पड़ गए हैं अब चलते चलते छाले,
गिरने को ज़मीन है पर है कौन जो संभाले,
आ कर के बचा लो बाबा मेरे बाबा शिरडी वाले,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
दुनिया की नहीं परवाह दुनिया से मैं क्या लूंगा,
और बाबा से है मोहब्बत बाबा का सड़क लूंगा,
भारत के सभी संतों को इक साथ बिठा दीजिये,
मैं आँख बंद करके अपने बाबा को पकड़ लूंगा,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
शिरडी में जा रहा हूँ मुझे रोकना नहीं,
बाबा बुला रहे हैं मुझे टोकना नहीं,
हवाएँ, अँधियाँ जाओ पलट जाओ पलट जाओ,
मुझे बाबा से मिलना है, मेरे रास्ते से हट जाओ,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
साईं नाम लेते लेते मेरा काम हो रहा है,
दो हाथ जुड़ गए तो साईं राम हो रहा,
तुम्हारे दर की मिट्टी साईं माथे पे मलता हूँ,
मरम्मत कर दो साईं नाथ इस फूटे मुकद्दर की,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
मुझे इसका ग़म नहीं है कि बदल गया ज़माना,
मेरी ज़िंदगी है साईं कही तुम बदल न जाना,
दुनिया खिलाफ हो ये शिकायत नहीं मुझे,
तेरे सिवा मुझे किसी की जरूरत नहीं है,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
हम बैठ के जायेंगे ईमान की कश्ती में,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
हम दोनों तो हुस्नो इश्क़ की दुनिया के हैं मालिक,
जो तू अर्शी तो मैं फर्शी फलक तेरा ज़मीन मेरी,
उधर तू दर न खोलेगा, इधर मैं दर न छोड़ूंगा,
हुकूमत अपनी अपनी है वहाँ तेरी यहाँ मेरी,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
पाँव में पड़ गए हैं अब चलते चलते छाले,
गिरने को ज़मीन है पर है कौन जो संभाले,
आ कर के बचा लो बाबा मेरे बाबा शिरडी वाले,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
दुनिया की नहीं परवाह दुनिया से मैं क्या लूंगा,
और बाबा से है मोहब्बत बाबा का सड़क लूंगा,
भारत के सभी संतों को इक साथ बिठा दीजिये,
मैं आँख बंद करके अपने बाबा को पकड़ लूंगा,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
शिरडी में जा रहा हूँ मुझे रोकना नहीं,
बाबा बुला रहे हैं मुझे टोकना नहीं,
हवाएँ, अँधियाँ जाओ पलट जाओ पलट जाओ,
मुझे बाबा से मिलना है, मेरे रास्ते से हट जाओ,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
साईं नाम लेते लेते मेरा काम हो रहा है,
दो हाथ जुड़ गए तो साईं राम हो रहा,
तुम्हारे दर की मिट्टी साईं माथे पे मलता हूँ,
मरम्मत कर दो साईं नाथ इस फूटे मुकद्दर की,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
मुझे इसका ग़म नहीं है कि बदल गया ज़माना,
मेरी ज़िंदगी है साईं कही तुम बदल न जाना,
दुनिया खिलाफ हो ये शिकायत नहीं मुझे,
तेरे सिवा मुझे किसी की जरूरत नहीं है,
अपनी मस्ती मस्ती में।।
मस्ती मस्ती || hamsar hayat nizami - Apni Masti Masti Me : New Song - 2022 : Sai Baba Songs #Bhajan
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जब आत्मा पूर्ण समर्पण और विश्वास के साथ किसी दिव्य शक्ति की ओर अग्रसर होती है, तो सांसारिक बाधाएँ और कठिनाइयाँ उसके मार्ग में रुकावट नहीं बन पातीं। मनुष्य जब अपने जीवन की नैया को ईमानदारी, श्रद्धा और आत्मविश्वास की पतवार से चलाता है, तो उसे बाहरी दुनिया की परवाह नहीं रहती। उसके लिए अपने आराध्य का स्मरण और उनकी शरण में रहना ही सबसे बड़ा सुख और उपलब्धि बन जाता है। जीवन की राह में चाहे कितनी भी ठोकरें, थकावट या अकेलापन आए, जब मन में अपने ईष्ट के प्रति अटूट प्रेम और भरोसा हो, तो हर कठिनाई छोटी प्रतीत होती है। ऐसी अवस्था में व्यक्ति अपनी मस्ती, अपने विश्वास और अपनी लगन में डूबा रहता है, और वही उसकी सबसे बड़ी ताकत बन जाती है।
➤Song : Apni Masti Masti Masti { Masti Masti }
➤Singer : Hamsar Hayat nizami
➤Video : JMD Studio
➤Singer : Hamsar Hayat nizami
➤Video : JMD Studio
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Author - Saroj Jangir
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