कैसे कह दूं दुआ बेअसर हो गई साईं भजन
कैसे कह दूं दुआ बेअसर हो गई साईं भजन
कैसे कह दूं दुआ बेअसर हो गई,
मैं जो रोया साईं को खबर हो गई।
पहुंचे आंसू बाबा ने जब मेरे प्यार से,
दिल तो भर आया आँखें नम हुईं,
कैसे कह दूं दुआ बेअसर हो गई।
सिर झुका के साईं को मैंने चूमे कदम,
कुछ न बोले फिर भी बाबा को खबर हो गई,
कैसे कह दूं दुआ बेअसर हो गई।
पूछा लोगों ने दर पे साईं के क्या मिला,
मैंने बोला श्रद्धा सबुरी मिल गई,
कैसे कह दूं दुआ बेअसर हो गई।
मैं जो रोया साईं को खबर हो गई।
पहुंचे आंसू बाबा ने जब मेरे प्यार से,
दिल तो भर आया आँखें नम हुईं,
कैसे कह दूं दुआ बेअसर हो गई।
सिर झुका के साईं को मैंने चूमे कदम,
कुछ न बोले फिर भी बाबा को खबर हो गई,
कैसे कह दूं दुआ बेअसर हो गई।
पूछा लोगों ने दर पे साईं के क्या मिला,
मैंने बोला श्रद्धा सबुरी मिल गई,
कैसे कह दूं दुआ बेअसर हो गई।
Dua Sai Bhajan by Pankaj Raj [Full Video Song] I Sai Ki Beti
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जब मनुष्य सच्चे दिल से किसी उच्च शक्ति के आगे अपनी पीड़ा, भावनाएँ और प्रार्थना रखता है, तो वह पुकार कभी अनसुनी नहीं जाती। हर आंसू, हर दर्द, हर मौन प्रार्थना उस करुणामयी शक्ति तक अवश्य पहुँचती है, भले ही वह प्रत्यक्ष रूप से दिखाई न दे। कभी-कभी उत्तर शब्दों में नहीं, बल्कि भीतर गहरे सुकून, शांति और सहारे के रूप में मिलता है। जब मनुष्य अपने दुखों के साथ सिर झुकाकर, श्रद्धा और विनम्रता से किसी दैवीय चरणों में समर्पण करता है, तो उसे अनुभव होता है कि उसकी पुकार सुनी गई है—चाहे वह उत्तर तुरंत न भी मिले, फिर भी मन को एक अजीब-सी तसल्ली और विश्वास मिल जाता है।
जीवन में जब कठिनाइयाँ आती हैं और समाधान नजर नहीं आता, तब भी यदि मन में श्रद्धा और धैर्य बना रहे, तो वही सबसे बड़ा वरदान बन जाता है। सच्ची प्रार्थना का फल हमेशा किसी न किसी रूप में मिलता है—कभी धैर्य के रूप में, कभी भीतर जागती आशा के रूप में, तो कभी जीवन में आने वाले सकारात्मक बदलाव के रूप में। यह अनुभव मनुष्य को भीतर से मजबूत बनाता है और उसे यह एहसास दिलाता है कि उसकी दुआ कभी व्यर्थ नहीं जाती। यही श्रद्धा और सबुरी (धैर्य) जीवन की सबसे बड़ी पूँजी है, जो हर कठिनाई में संबल और मार्गदर्शन देती है।
जीवन में जब कठिनाइयाँ आती हैं और समाधान नजर नहीं आता, तब भी यदि मन में श्रद्धा और धैर्य बना रहे, तो वही सबसे बड़ा वरदान बन जाता है। सच्ची प्रार्थना का फल हमेशा किसी न किसी रूप में मिलता है—कभी धैर्य के रूप में, कभी भीतर जागती आशा के रूप में, तो कभी जीवन में आने वाले सकारात्मक बदलाव के रूप में। यह अनुभव मनुष्य को भीतर से मजबूत बनाता है और उसे यह एहसास दिलाता है कि उसकी दुआ कभी व्यर्थ नहीं जाती। यही श्रद्धा और सबुरी (धैर्य) जीवन की सबसे बड़ी पूँजी है, जो हर कठिनाई में संबल और मार्गदर्शन देती है।
Sai Bhajan: Dua
Album: Sai Ki Beti
Singer: Pankaj Raj
Music Director: BABLU MAHINDRA
Lyricist: OM PARKASH DEEPAK
Music Label:T-Series
Album: Sai Ki Beti
Singer: Pankaj Raj
Music Director: BABLU MAHINDRA
Lyricist: OM PARKASH DEEPAK
Music Label:T-Series
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Author - Saroj Jangir
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