एल्यूमीनियम के बर्तन में खाना नहीं बनाये
सेहत ही सबसे बड़ा धन है, अतः इसके साथ यदि हम कंजूसी करेंगे तो बचाये हुए पैसे डॉक्टर को देकर आ जाएंगे। इसलिए हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष रूप से जागरूक होने की जरूरत है। इस लेख में हम जानेंगे की एल्यूमीनियम के बर्तन में खाना पकाना क्या सही है और आप इसके दुष्प्रभावों से कैसे बच सकते हैं।
Side Effects Of Aluminum Utensils Hindi
एल्यूमीनियम एक बहुत ही आम धातु है जो कई तरह के उत्पादों में उपयोग की जाती है, जिनमें बर्तन भी शामिल हैं. एल्यूमीनियम बर्तन हल्के, सस्ते और टिकाऊ होते हैं, यही वजह है कि एलुमिनियम के बर्तन जैसे की कढाई, पैन, तवा आदि को गृहणियां पसंद करती हैं. हालांकि, कुछ अध्ययनों से पता चला है कि एल्यूमीनियम बर्तनों में खाना पकाना और खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी हो सकता है. शोधकर्ताओं के अनुसार एल्युमीनियम के बर्तन में चाय, टमाटर प्यूरी, सांभर और चटनी आदि को अधिक समय तक नहीं पकाना चाहिए, क्योंकि ये सभी एसिडिक होते हैं और अधिक समय तक एलुमिनियम के संपर्क में आने से इनमे एलुमिनियम घुल कर भोजन में शामिल हो जाता है। एल्युमीनियम के बर्तन में खाना जितनी देर तक रहेगा उतना ही हानिकारक होता है क्योंकि ऐसे भोजन में एल्युमीनियम अधिक घुलने लगता है।
एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना पकाने के नुकसान
कम कीमत के होने के कारण ही एल्युमीनियम के बर्तनों की बहुतायात हमें बाजार में देखने को मिलती है यही कारण है की दुनियाभर में लगभग 60% बर्तन एल्यूमिनियम से बनाए जाते हैं. इसके अधिक प्रचलन का कारण इसके स्वास्थ्य लाभ नहीं है अपितु, सस्ता, टिकाऊ और सर्वसुलभता के साथ अच्छा हीट कंडक्टर होना है. ऐसा नहीं है की आप एलुमिनियम के बर्तनों में खाना बनाना बिलकुल ही छोड़ दें, लेकिन आपको यह अवश्य ही पता होना चाहिए की इसके संभावित दुष्परिणाम क्या हो सकते हैं. एल्युमीनियम के बर्तनों से हमें क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं, कैसे इनसे बचा जा सकता है, आइये जान लेते हैं।
एल्युमीनियम जम जाता है शरीर में aluminum accumulates in the body
एल्युमीनियम के बर्तन में जब हम खाना पकाते हैं / बनाते हैं तो यह भोजन में आसानी से घुल जाता है और भोजन के साथ ही शरीर में चला जाता है। एनसीबीआई के अनुसार, शरीर के लिए केवल 0.01-1% एल्यूमीनियम का सेवन करना सही होता है. भोजन के माध्यम से अवशोषित एल्यूमीनियम खून के माध्यम से शरीर के विभिन्न अंगों तक चला जाता है। यह एल्युमीनियम शरीर के विभिन्न अंगों में जमा होने लगता है और शरीर को कई प्रकार के दुष्परिणाम देता है। अल्जाइमर रोग का एक कारण एल्युमीनियम भी है। अतः अल्जाइमर रोग से ग्रसित व्यक्ति को एल्युमीनियम से बने बर्तनों में भोजन बनाने से परहेज करना चाहिए। इसके अतिरिक्त हड्डी रोगों या गुर्दे की हानि में भी एल्युमीनियम से दूरी बनानी चाहिए।
आयरन और कैल्शियम की कमी
एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना बनाने से आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों को एल्युमीनियम सोख लेता है। शरीर से भी यह आयरन और कैल्शियम को अवशोषित करना शुरू कर देता है जिससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक Harmful to mental health
एक अध्ययन में पाया गया कि एल्यूमीनियम बर्तनों में पकाया गया भोजन बच्चों के मस्तिष्क की क्रियाओं को प्रभावित करता है और यह हानिकारक एजेंट का स्रोत हो सकता है। अध्ययन में यह भी पाया गया कि एल्यूमीनियम बर्तनों में पकाया गया भोजन बच्चों के इंटेलिजेंस को भी प्रभावित कर सकता है. यदि आप बच्चों के लिए खाना पकाते हैं, तो एल्यूमीनियम बर्तनों का उपयोग करने से बचें. इसके बजाय, स्टेनलेस स्टील, या मिट्टी के बर्तनों का उपयोग करें. ये बर्तन एल्यूमीनियम बर्तनों की तुलना में बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अधिक सुरक्षित हैं.
किडनी रोगों में ना करें एल्यूमीनियम बर्तनों का उपयोग
गुर्दे की बीमारी वाले लोग अपने शरीर से एल्यूमीनियम को ठीक से हटाने में सक्षम नहीं होते हैं. इससे उनके शरीर में एल्यूमीनियम का स्तर बढ़ सकता है. एल्यूमीनियम का उच्च स्तर कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि हड्डी रोग और मस्तिष्क रोग.
सेल्स पर प्रभाव
एल्यूमीनियम का सेवन शरीर के कोशिकाओं और ऊतकों पर भी असर डाल सकता है. यह धीरे-धीरे कोशिकाओं में जमा होने लगता है, जिससे ऊतकों के काम में गड़बड़ी हो सकती है. पहले से बीमार लोगों के लिए यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है.
एल्यूमीनियम का अधिक सेवन कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे कि:
- अल्जाइमर रोग: एल्यूमीनियम मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे अल्जाइमर रोग हो सकता है.
- पार्किंसंस रोग: एल्यूमीनियम मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे पार्किंसंस रोग हो सकता है.
- ऑस्टियोपोरोसिस: एल्यूमीनियम शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को बाधित कर सकता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है.
- एनीमिया: एल्यूमीनियम शरीर में आयरन के अवशोषण को बाधित कर सकता है, जिससे एनीमिया हो सकता है.
- किडनी की बीमारी: एल्यूमीनियम किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे किडनी की बीमारी हो सकती है.
एसिड से रिएक्शन
एल्यूमीनियम एसिड, खाने की खट्टी चीजों और पत्तेदार सब्जियों से प्रतिक्रिया करता है. यह प्रतिक्रिया खाने में एल्यूमीनियम का स्तर बढ़ा देती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. बॉडी में जिंक और केल्सियम का लेवल कम होने लगता है. अतः खट्टी खाद्य वस्तुओं को तो भूलकर भी एल्यूमीनियम के बर्तनों में नहीं पकाना चाहिए. खट्टे खाद्य पदार्थ जैसे कि टमाटर, आम, लेमन, विनेगर आदि में एल्युमिनियम का रिएक्शन होता है। एल्युमिनियम के बर्तनों में खट्टे पदार्थ को पकाने से बचना चाहिए.
इम्यून सिस्टम
एल्यूमीनियम का सेवन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी कमजोर कर सकता है. इसी कमजोर प्रतिरक्षा के कारण बीमारियां धीरे-धीरे व्यक्ति कई रोगों से घिर जाता है.
जब एल्यूमीनियम बर्तन में खाना पकाया जाता है, तो एल्यूमीनियम भोजन में घुल सकता है. एल्यूमीनियम भोजन में घुलने के बाद, यह हमारे शरीर में अवशोषित हो जाता है.
एल्युमीनियम के बर्तनों में खाना क्यों नहीं पकाना चाहिए?
- एल्युमिनियम के बर्तनों में खाना पकाने से खाने में पाए जाने वाले आयरन और कैल्शियम जैसे तत्व उनमें समाहित हो जाते हैं। खाने के साथ एल्युमिनियम पेट में चला जाता है और इससे शरीर से आयरन और कैल्शियम की कमी हो सकती है, क्योंकि शरीर में गई अधिक एलुमिनियम की मात्रा केल्सियम और आयरन को सोख लेती है। अनुसंधानों के अनुसार, जितनी अधिक देर खाना बर्तन में रहता है, उतना अधिक एलुमिनियम हमारे शरीर में चला जाता है।
- एल्युमिनियम के बर्तनों में खाना पकाने से हर दिन हमारे शरीर में लगभग 4 से 5 मिलीग्राम एल्युमिनियम प्रविष्ट होता है। यह धातु जटिल होती है और उसे शरीर से बाहर निकालना सरल नहीं होता है, कहने का आशय है की यह अधिक एलुमिनियम हमारे शरीर में जमा होता रहता है.
- एल्युमिनियम जो शरीर में जमा हो जाता है, वह लिवर में मौजूद फ़िल्टर को प्रभावित करता है और इससे हड्डियां कमजोर होने लगती हैं.
- एलुमिनियम के बर्तनों में अधिक समय तक पकाए गए भोजन से शरीर में आयरन की कमी होने लगती है .
- एल्युमिनियम के बर्तनों में हमें भोजन नहीं बनाना चाहिए क्योंकि इससे मस्तिस्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और और इससे अल्जाइमर (याददाश्त संक्रमण) रोग की सम्भावना होती है।
- एलुमिनियम के बर्तनों में बनाए गए खाने से तंत्रिका तंत्र पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है और नर्वस सिस्टम में कई विकार पैदा हो जाते हैं।
- अम्लीय खाद्य प्रदार्थों को एलुमिनियम के पात्र में कभी भी नहीं रखना चाहिए और भोजन पकाना चाहिए, इससे एलुमिनियम घुल कर भोजन में मिल जाता है।
- एल्युमिनियम एक आम धातु है जो कई तरह के उत्पादों में पाया जाता है, जैसे कि खाना पकाने के बर्तन, डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ, और सौंदर्य प्रसाधन. हालांकि, एल्युमिनियम का कुछ स्तर शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है, खासकर बुजुर्ग लोगों के लिए.
- उम्र बढ़ने के साथ, किडनी के काम करने की क्षमता कम हो जाती है. इससे एल्युमिनियम शरीर में जमा होने लगता है. एल्युमिनियम मस्तिष्क के लिए हानिकारक हो सकता है और डिमेंशिया और अल्जाइमर रोग का खतरा बढ़ा सकता है.
एल्यूमीनियम हमारे शरीर में जमा हो सकता है, और यह कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जिनमें शामिल हैं:
- अल्जाइमर रोग
- पार्किंसंस रोग
- ऑस्टियोपोरोसिस
- किडनी की बीमारी
- थायराइड की समस्याएं
- लिवर की बीमारी
- कैंसर
एल्युमिनियम के बर्तन में कौन सी चीजें न पकाएं
एल्युमिनियम एसिडिक फूड में आसानी से घुल जाता है. इसलिए, अगर आप एल्युमिनियम के बर्तन में खाना पका रहे हैं तो इन चीजों का इस्तेमाल करने से बचें:
- टमाटर
- विनेगर
- चाय
- कॉफी
- नींबू
- संतरा
- अंगूर
- क्रैनबेरी
- खट्टे फल
- खट्टे सब्जियां
यदि आप एल्यूमीनियम बर्तनों का उपयोग करते हैं, तो कुछ चीजों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है ताकि आप अपने स्वास्थ्य को नुकसान से बचा सकें:
- एल्यूमीनियम बर्तनों में केवल कम एसिड वाले भोजन पकाएं. एल्यूमीनियम बर्तनों में अम्लीय भोजन न पकाएं. अम्लीय भोजन एल्यूमीनियम से अधिक एल्यूमीनियम को भोजन में छोड़ सकता है.
- एल्यूमीनियम बर्तनों में खाना पकाते समय, भोजन को बहुत अधिक गर्म न करें. एल्यूमीनियम बर्तनों को उच्च तापमान पर न पकाएं. उच्च तापमान पर पकाने से एल्यूमीनियम से अधिक एल्यूमीनियम भोजन में छोड़ सकता है.
- आप पुराने, खरोंच वाले एल्यूमीनियम के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं, तो आप उच्च मात्रा में एल्यूमीनियम के अवशोषण के संपर्क में आ सकते हैं. एल्यूमीनियम एक धातु है जो शरीर में आसानी से अवशोषित हो जाती है और यह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ी हुई है, जैसे कि अल्जाइमर रोग और पार्किंसंस रोग. यदि आपके पास पुराने, खरोंच वाले एल्यूमीनियम के बर्तन हैं, तो उन्हें बदलना सबसे अच्छा है.
- कई एल्यूमीनियम यूटेंसिल्स टेफलॉन की शीट से लेयर्ड होते हैं, जिससे खाने में एल्युमिनियम का अवशोषण ज्यादा न हो. टेफ्लॉन एक नॉन-स्टिक कोटिंग है जो एल्यूमीनियम को भोजन में जाने से रोकती है. यह कोटिंग एल्यूमीनियम को जंग लगने और खराब होने से भी बचाती है. एल्युमिनियम के बर्तन में पकाते समय चलाने के लिए हमेशा लकड़ी के या सिलिकॉन स्पैटुला का इस्तेमाल करें. लकड़ी और सिलिकॉन की स्पैटुला एल्यूमीनियम को खरोंच नहीं करती हैं. स्टील या धातु की स्पैटुला एल्यूमीनियम को खरोंच सकती हैं, जिससे एल्यूमीनियम भोजन में जा सकता है.
यदि आप अपने स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं, तो आप एल्यूमीनियम बर्तनों का उपयोग करने के बजाय अन्य प्रकार के बर्तनों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि स्टेनलेस स्टील बर्तन या तांबे के बर्तन. ये बर्तन एल्यूमीनियम बर्तनों की तुलना में अधिक महंगे हो सकते हैं, लेकिन वे स्वास्थ्य के लिए अधिक सुरक्षित हैं. यदि आप एल्युमिनियम के बर्तनों में खाना पकाने से चिंतित हैं, तो आप अन्य बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे कि स्टेनलेस स्टील, तांबा, या आयरन. आप इन बर्तनों में खाना पकाने से एल्युमिनियम के संपर्क को कम कर सकते हैं. आपके खाने को तैयार करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है कि आप स्टील, मिट्टी और कास्ट आयरन के बर्तनों का उपयोग करें। ये सभी सुरक्षित मटीरियल्स होते हैं जो आपके खाने की गुणवत्ता को बनाए रखने में मदद करते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारियों पर आधारित है जो विभिन्न साइट्स पर उपलब्ध है, इस जानकारी क अपनाने से पहले स्वंय के विवेक का उपयोग करें और हेल्थ एक्सपर्ट से राय लें. Lyricspandits.blogspot.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.