तिल के तेल के दीपक से ग्रह दोषों को दूर करें Grah Dosh Nivaran : Til Ke Tel Ka Deepak
तिल के तेल का दीपक जलाने से ग्रह दोषों का निवारण: एक आसान और प्रभावी उपाय
तिल के तेल के दीपक का है धार्मिक महत्व
मान्यता है की पूजा के दौरान दीपक जलाने से विशेष लाभ होता है। अग्नि शुद्धता का प्रतीक है और नकारात्मक प्रभावों को दूर करने वाली होती है। पूजा करते समय देवी-देवताओं के सामने दीपक जलाना शुभ होता है। घी, सरसों का तेल और तिल के तेल का दीपक विशेष रूप से पवित्र माना गया है। इन तेलों में से, तिल के तेल का दीपक जलाना विशेष लाभकारी माना गया है। माना जाता है कि तिल के तेल का दीपक जलाने से न केवल वातावरण शुद्ध होता है, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जाओं (Remove Negative Energy) को दूर भी करते हैं। तिल के तेल के दीपक और ग्रह दोषों का निवारण
कई बार ऐसा होता है की हम सभी काम ठीक करते हैं लेकिन अचानक से ही अनिष्ट होने लगे हैं। आप सफलता प्राप्त करने के लिए बहुत प्रयत्न करते हैं लेकिन परिणाम प्राप्त नहीं होते हैं, ऐसे में आत्मविश्वास भी कमजोर पड़ने लगता है। ऐसे में आपको जान लेना चाहिए की ग्रह दोष का प्रभाव तो आप पर नहीं है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तिल के तेल का दीपक जलाने से व्यक्ति की कुंडली में मौजूद ग्रह दोषों में कमी आती है। विशेष रूप से शनि ग्रह से जुड़ी समस्याओं का निवारण तिल के तेल के दीपक से किया जा सकता है। माना जाता है कि शनिदेव को तिल के तेल का दीपक अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, या अन्य दोष (Vastu Upay) कम हो सकते हैं। इसके अलावा, तिल के तेल का दीपक जलाने से सूर्य और चंद्रमा की स्थिति में भी मजबूती आती है, जिससे व्यक्ति के जीवन में उन्नति के रास्ते खुलते हैं।
कुंडली में सूर्य और चंद्रमा की स्थिति मजबूत करने के लिए तिल के तेल का दीपक
हिंदू ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है, जो आपके आत्मबल, भाग्य और कार्यक्षेत्र में सफलता का प्रतीक है। कुंडली में यदि सूर्य की स्थिति मजबूत होती है, तो व्यक्ति के जीवन में तेजी, प्रगति और आत्मविश्वास बना रहता है। तिल के तेल का दीपक जलाने से कुंडली में सूर्य ग्रह की शक्ति बढ़ती है, जिससे भाग्य का साथ मिलता है और जीवन में उन्नति के अवसर बढ़ते हैं। इसके अलावा, तिल के तेल का दीपक घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे आर्थिक तंगी जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है।तिल के तेल का दीपक देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का एक सरल और प्रभावी उपाय है। इससे न केवल घर में सुख-समृद्धि आती है, बल्कि मानसिक शांति और भावनाओं की स्थिरता आती है। तिल के तेल का दीपक जलाने से कुंडली में चंद्रमा ग्रह भी मजबूत बनता है, जो मन को स्थिरता और शांति प्रदान करता है। साथ ही, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि की साढ़े साती का प्रभाव है, तो तिल के तेल का दीपक शनि के कुप्रभाव को भी कम करता है।
तिल के तेल का दीपक जलाने के फायदे
नकारात्मक ऊर्जा का नाश: तिल के तेल का दीपक जलाने से वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है, जिससे मन और मस्तिष्क शांत रहते हैं।मानसिक शांति
नियमित रूप से तिल के तेल का दीपक जलाने से साधक को मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है।लक्ष्मी कृपा
मुख्य द्वार पर तिल के तेल का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।शनि दोष का निवारण
शनि ग्रह से जुड़े दोष, जैसे शनि साढ़ेसाती या शनि की ढैय्या से राहत मिलती है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए तिल का तेल विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।तिल के तेल का दीपक जलाते समय ध्यान देने योग्य बातें
बत्ती का चयन
तिल के तेल के दीपक में लाल धागे की बत्ती का प्रयोग करना अधिक शुभ माना गया है। यह दीपक की लौ को स्थिर रखता है और पूजा के बीच दीपक बुझने की संभावना कम होती है।
बत्ती का चयन
तिल के तेल के दीपक में लाल धागे की बत्ती का प्रयोग करना अधिक शुभ माना गया है। यह दीपक की लौ को स्थिर रखता है और पूजा के बीच दीपक बुझने की संभावना कम होती है।पूजा में खंडित दीपक का उपयोग न करें
पूजा के दौरान खंडित या टूटा हुआ दीपक जलाना अशुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूजन कर्म में केवल संपूर्ण और साफ सामग्री का ही प्रयोग नहीं करना चाहिए और दीपक साफ़ सुथरा और खंडित नहीं होना चाहिए। खंडित दीपक का उपयोग नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है और पूजा का फल भी कम कर सकता है। इसलिए, हमेशा सही और बिना टूट-फूट के दीपक का ही प्रयोग करना चाहिए।दीपक का स्थान
दीपक को पूजा के दौरान घी का दीपक अपने बाएं हाथ की ओर तथा तेल का दीपक दाएं हाथ की ओर जलाना चाहिए। ऐसा करने से पूजा का फल अधिक मिलता है और भक्तों पर देवताओं की कृपा बनी रहती है।दीपक अखंड रूप से जलाएं
पूजा के दौरान दीपक बुझना नहीं चाहिए, क्योंकि यह पूजा की पूर्णता को बाधित कर सकता है। इसलिए पूजा के दौरान दीपक की लौ पर ध्यान रखना जरूरी है। पूजा के दौरान दीपक बुझना नहीं चाहिए, क्योंकि ऐसा शुभ नहीं होता है। इसलिए पूजा के दौरान दीपक की लौ पर ध्यान रखना जरूरी है। आप ध्यान रखें की दीपक अखंड रूप से प्रज्वलित हो, देवी -देवताओं की पूजा से लेकर हवन, पाठ या किसी भी मांगलिक कार्यक्रम इस बात का विशेष ध्यान रखें। तिल के तेल का धार्मिक महत्व और शांति का स्रोत
तिल के तेल का दीपक जलाने से वातावरण में एक शुद्ध सुगंध फैलती है जो मन को शांति देती है। इसे जलाने से राहु-केतु जैसे ग्रह दोषों में भी कमी आती है। यह दीपक घर में सकारात्मकता बनाए रखने के लिए लाभकारी है और साधक को आंतरिक शांति का अनुभव होता है। तिल के तेल का दीपक जलाने से न केवल धार्मिक लाभ होते हैं, बल्कि यह व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्थिरता को भी बनाए रखता है।आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- दीपावली पर तनाव और एंग्जायटी करे दूर Mental Healthcare Deepawali Cleaning
- दिवाली पर ऐसे सजाये घर रौशन होगा हर कोना Simple Home Decoration Tips
- दीपावली लक्ष्मी पूजन विधि मुहूर्त आरती सामग्री सूची Lakshmi Pujan Vidhi Samagri Aur Aarti
- छोटी दीपावली पूजा का शुभ मुहूर्त Chhoti Deepawali Puja Shubh Muhurt
- दीपावली पर बच्चों की कवितायें Diwali Short poems for kids
- दीपावली लक्ष्मी पूजा में गन्ने का महत्त्व Lakshmi Puja Deepawali Par Ganna Kyo Chadhaya Jata Hai
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |