क्यों बैठे हो रूठ के बाबा अब तो मान भी जाओ ना

क्यों बैठे हो रूठ के बाबा अब तो मान भी जाओ ना

क्यों बैठे हो रूठ के बाबा,
अब तो मान भी जाओ ना,
भूल हुई जो इस नादान से,
उसको भूल भी जाओ ना,
क्यों बैठे हो रूठ के बाबा,
अब तो मान भी जाओ ना।।

जब भी कोई संकट आया,
तुमने ही तो मिटाया है,
हार गया जब कोई जगत से,
तुमने गले लगाया है,
फिर मुझसे ये कैसी दूरी,
मुझको भी अपनाओ ना,
क्यों बैठे हो रूठ के बाबा,
अब तो मान भी जाओ ना।।

देख देख कर राहें तेरी,
अखियां ये भर आई है,
आठों पहर बेचैन रहूं अब,
सही न जाए जुदाई है,
सांसों की डोरी टूट न जाए,
अब तो हाथ बढ़ाओ ना,
क्यों बैठे हो रूठ के बाबा,
अब तो मान भी जाओ ना।।

दौलत~शोहरत क्या करनी जो,
चरण चाकरी मिल जाए,
मुझसा कोई राजा नहीं जो,
तेरी नौकरी मिल जाए,
‘त्यागी’ के तुम साथ हो बाबा,
बस इतना कह जाओ ना,
क्यों बैठे हो रूठ के बाबा,
अब तो मान भी जाओ ना।।


क्यों बैठे हो रूठ के बाबा || श्याम बाबा का सबसे अलग भजन जो आपको दिल को छू जाए || Jyoti Tiwari

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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