हाथी और शेर की कहानी पंचतंत्र की प्रेरणादायक कहानी
Saroj Jangir
नमस्कार दोस्तों, इस पोस्ट में आपका स्वागत है। आज हम आपको एक दिलचस्प और प्रेरक कहानी सुनाने जा रहे हैं "हाथी और शेर की कहानी"। इस कहानी के माध्यम से हम जानेंगे कि दूसरों से जलन करने के बजाय हमें अपनी खूबियों को पहचानना चाहिए और आत्मविश्वास से भरपूर रहना चाहिए।
हाथी और शेर की कहानी प्रेरणादायक कहानी
एक बार की बात है, एक जंगल में एक शेर उदास बैठा हुआ था। वह सोच रहा था, “मेरे पास तो तेज पंजे, मजबूत दांत और ताकत है, फिर भी जंगल के सारे जानवर मोर की तारीफ क्यों करते हैं?”
दरअसल, शेर को इस बात से जलन महसूस होती थी कि जब मोर अपने खूबसूरत पंख फैलाकर नाचता था, तो सारे जानवर उसकी सुंदरता की प्रशंसा करते थे। शेर खुद को जंगल का सबसे ताकतवर जानवर मानता था, लेकिन उसे यह देखकर दुख होता था कि उसकी इतनी ताकत और राजा होने के बावजूद कोई उसकी सराहना नहीं करता। वह इस बात से बिल्कुल खुश नहीं था, कि लोग मोर के प्रशंसा करें। जबकि लोग मोर की प्रशंसा इसलिए करते थे क्योंकि उसके रंग-बिरंगे पंखों के कारण वो नाचते हुए बहुत सुंदर लगता था।
उसी समय वहां से एक हाथी गुजरा, जो भी उदास नजर आ रहा था। शेर ने उसे रोककर पूछा, “तुम इतने बड़े और ताकतवर हो, फिर भी दुखी क्यों हो? तुम्हें क्या परेशानी है?”
हाथी ने अपनी परेशानी बताई, “जंगल में एक छोटा सा जीव भी मुझे परेशान कर देता है।”
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शेर ने हैरानी से पूछा, “वो कौन सा छोटा जीव है?”
हाथी ने जवाब दिया, “वो चींटी है। वह बहुत छोटी है, लेकिन जब मेरे कान में घुस जाती है, तो मुझे बहुत दर्द होता है। मैं कितना भी ताकतवर हूं, फिर भी चींटी के सामने कमजोर महसूस करता हूं।”
हाथी की बात सुनकर शेर को यह अहसास हुआ कि हर जीव की अपनी खासियत होती है, और दूसरों से तुलना करना बेकार है। इतना बड़ा हाथी एक छोटी सी चींटी से परेशान है, जो वास्तव में उसे परेशान कर रहे हैं। शेर ने सोचा, “मोर से जलन करने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि उसने मुझे कभी परेशान नहीं किया। हर प्राणी में कुछ विशेषताएं और कुछ कमजोरियां होती हैं, और हमें दूसरों से ईर्ष्या करने के बजाय अपनी खूबियों को समझना चाहिए।”
इस तरह शेर ने अपने मन से जलन का भाव निकाल दिया और आत्मविश्वास से भर गया।
कहानी से शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें दूसरों से तुलना करने या जलन करने के बजाय अपनी खूबियों को पहचानना चाहिए। हर व्यक्ति में कुछ खास होता है, जो उसे अद्वितीय बनाता है। दूसरों की तारीफ सुनकर ईर्ष्या करने के बजाय हमें अपने अंदर की खूबियों पर ध्यान देना चाहिए।
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