स्वागत है मेरी पोस्ट में, इस पोस्ट में हम एक बहुत ही रोचक और प्रेरणादायक कहानी जानने वाले हैं। यह कहानी हमें सिखाती है कि झूठ की उम्र छोटी होती है और छल-कपट से कभी भी सच्चा सम्मान नहीं मिलता है। चलिए, "नीले सियार की कहानी" के माध्यम से समझते हैं कि ईमानदारी और सत्य ही सफलता का सच्चा मार्ग हैं।
नीले सियार की कहानी
बहुत समय पहले की बात है। जंगल में एक दिन बहुत तेज हवा चल रही थी। हवा से बचने के लिए एक सियार एक बड़े पेड़ के नीचे खड़ा था। तभी अचानक पेड़ की एक भारी शाखा उस पर गिर गई, जिससे उसके सिर पर गहरी चोट लग गई। चोट के कारण सियार कई दिनों तक शिकार पर नहीं जा सका और भूखा रहने लगा। भूख और कमजोरी ने उसे और भी असहाय बना दिया।
अब वह दुबला पतला और कमजोर हो गया थाकुछ दिनों बाद, जब उसे भूख सहन नहीं हुई तो वह खाने ढूंढने के लिए निकला। सियार ने एक हिरन को देखा और शिकार करने के लिए उसके पीछे दौड़ पड़ा। लेकिन वह जल्दी ही थक गया और हिरन को पकड़ नहीं पाया। पूरे दिन भटकने के बाद भी उसे खाने के लिए कुछ नहीं मिला, जिससे उसका हौसला टूट गया। हारकर, उसने गांव की ओर जाने का निश्चय किया, सोचते हुए कि वहां उसे कुछ खाने को मिल जाएगा।गांव में पहुंचाते ही, वह शिकार की तलाश में इधर-उधर घूमने लगा। तभी उसकी नजर कुछ कुत्तों के झुंड पर पड़ी, जो उसकी ओर तेजी से बढ़ रहे थे। घबराकर सियार धोबियों की बस्ती की ओर भागा और वहां रखे एक बड़े ड्रम में छिप गया। यह ड्रम नील से भरा था। कुत्तों के जाने के बाद जब सियार बाहर निकला, तो उसने देखा कि उसका पूरा शरीर नीला हो चुका है। अपने नए रंग को देख सियार के दिमाग में एक योजना आई, और वह तुरंत जंगल की ओर लौट गया।जंगल में वापस जाकर सियार ने सभी जानवरों को इकट्ठा किया और कहा, “क्या किसी ने कभी नीले रंग का जानवर देखा है? यह अनोखा रंग मुझे भगवान ने दिया है और कहा है कि अब से मैं जंगल का राजा हूं।” सभी जानवर उसके नीले रंग को देख कर अचंभित हो गए और उसकी बात मान गए। सियार ने यह भी कहा कि भगवान का आदेश है कि सारे सियार जंगल छोड़ दें, जिससे कोई आपदा न आए। सियारों के जंगल छोड़ने के बाद, सभी जानवर नीले सियार को राजा मानने लगे और उसकी सेवा करने लगे।अब सियार का राज चलता रहा। मोर पंखा झलते और बंदर पैर दबाते। वह हर रोज अलग-अलग जानवरों की बलि मांगकर अपना पेट भरता और खुद को राजा बताता। एक दिन, चांदनी रात में, सियार को प्यास लगी और वह अपनी मांद से बाहर निकला। तभी उसे दूर से सियारों की हू-हू की आवाज सुनाई दी। उसकी आदत भी वही आवाज निकालने की थी, इसलिए वह खुद को रोक नहीं पाया और जोर-जोर से हू-हू करने लगा।आस-पास के जानवरों ने जब उसे हू-हू करते सुना, तो समझ गए कि वह भी एक साधारण सियार है जिसने उन्हें धोखा दिया है। जानवरों को यह एहसास होते ही वे सभी मिलकर उस पर टूट पड़े और उसे मार डाला। इस प्रकार सियार की हकीकत सबके सामने आ गई और उसे उसकी करनी का फल मिल गया।कहानी से सीख
हमें हमेशा सच का साथ देना चाहिए। झूठ या छल से हम कुछ समय के लिए दूसरों को भ्रमित कर सकते हैं, लेकिन सच एक न एक दिन सबके सामने आ ही जाता है। जो लोग दूसरों को धोखा देते हैं, अंत में उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़ता है।आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
प्रेरणादायक कहानियां हिंदी में, नैतिक कहानियां बच्चों के लिए, जंगल की कहानियां हिंदी में, जानवरों की कहानियों से सीख, सियार की कहानी हिंदी में
|
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
|