नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल कितना होता है ? जाने खाली पेट, ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के बाद कितना होना चाहिए?
आजकल डायबिटीज (मधुमेह), जिसे आयुर्वेद में प्रमेह भी कहते हैं, एक समस्या बनती जा रही है, जिसमे जीवनशैली का बहुत बड़ा रोल है। आपके नित्य जीवन में आहार विहार पर आपको ध्यान देना चाहिए.
बहुत से लोग यह नहीं जानते कि उनके शरीर में ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए और कब यह बढ़कर डायबिटीज का रूप लेता है। ब्लड शुगर, यानी रक्त में ग्लूकोज का स्तर, हमारे शरीर के ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है। इस लेख में हम आपको ब्लड शुगर लेवल के सामान्य मापदंडों के बारे में बताएंगे, ताकि आप समझ सकें कि आपके शरीर में ब्लड शुगर कितना सामान्य होना चाहिए।
ब्लड शुगर लेवल का मतलब खून में ग्लूकोज की मात्रा है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है. इसे सामान्य सीमा में बनाए रखना बेहद जरूरी है क्योंकि अधिक या कम शुगर लेवल से शरीर के विभिन्न अंगों और मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है. डायबिटीज का सही प्रबंधन और समय-समय पर जांच बेहद जरूरी है, जिसके विषय पर हम इस लेख में जानेंगे.
सामान्य ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level Normal Range)
ब्लड शुगर, मधुमेह लेवल को मापने के लिए कुछ महत्वपूर्ण समय होते हैं, जैसे खाली पेट, ब्रेकफास्ट के बाद, लंच के बाद और डिनर के बाद, इन समय पर आपको ब्लड शुगर की जांच करनी चाहिए। खाली पेट, लंच, डिनर के उपरान्त ब्लड शुगर का सामान्य स्तर क्या होना चाहिए, आइये इस बारे में जान लेते हैं.खाली पेट (Fasting Blood Sugar Level)
- सामान्य: 70 से 99 mg/dL
- प्री-डायबिटीज: 100 से 125 mg/dL
- डायबिटीज: 126 mg/dL या इससे ज्यादा
खाली पेट पर ब्लड शुगर लेवल सुबह के समय जांचना सबसे अच्छा होता है। यह आपके शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को दिखाता है।
ब्रेकफास्ट के बाद (Post-Breakfast Blood Sugar Level)
- सामान्य: 140 mg/dL से कम
- प्री-डायबिटीज: 140 से 199 mg/dL
- डायबिटीज: 200 mg/dL या उससे ज्यादा
ब्रेकफास्ट के बाद ब्लड शुगर लेवल यह दर्शाता है कि शरीर ग्लूकोज को कैसे प्रोसेस कर रहा है। डॉक्टर्स के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति में यह लेवल 1-2 घंटे में सामान्य हो जाता है।
लंच के बाद (Post-Lunch Blood Sugar Level)
- सामान्य: 140 mg/dL से कम
- प्री-डायबिटीज: 140 से 199 mg/dL
- डायबिटीज: 200 mg/dL या उससे ज्यादा
लंच के बाद का ब्लड शुगर लेवल भी ब्रेकफास्ट के बाद के समान होना चाहिए। अगर यह लेवल बढ़ा हुआ है, तो डायबिटीज का खतरा हो सकता है, यदि आपको कुछ भी असामान्य दिखे तो चिकित्सक की राय अवश्य ले लेनी चाहिए.
डिनर के बाद (Post-Dinner Blood Sugar Level)
- सामान्य: 140 mg/dL से कम
- प्री-डायबिटीज: 140 से 199 mg/dL
- डायबिटीज: 200 mg/dL या उससे ज्यादा
डिनर के बाद ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि रात के समय शरीर की गतिविधियां कम होती हैं, जिससे शुगर लेवल बढ़ सकता है।
ब्लड शुगर को सामान्य बनाए रखने के टिप्स
नियमित व्यायाम करें: शारीरिक गतिविधियों से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है।
संतुलित आहार लें: ताजे फल, हरी सब्जियां, और साबुत अनाज का सेवन करें।
मीठे और जंक फूड से बचें: इनसे ब्लड शुगर बढ़ सकता है।
नियमित मेडिकल चेकअप कराएं: खासकर अगर परिवार में किसी को डायबिटीज हो या आपकी उम्र 45 साल से अधिक हो।
शुगर की देशी दवा: आयुर्वेदिक उपायों से पाएं शुगर पर काबू
क्या आप जानते हैं, आयुर्वेद में शुगर (मधुमेह) के इलाज के लिए सबसे प्रभावी घरेलू उपाय कौन से हैं? आयुर्वेद न केवल बीमारी का इलाज करता है, बल्कि यह शरीर में होने वाली अन्य जटिलताओं को भी दूर करने में मदद करता है। शुगर के इलाज के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ बेहद कारगर साबित होती हैं। आइए, जानते हैं कुछ आसान और असरदार आयुर्वेदिक उपायों के बारे में:
1. मेथी
मेथी का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन यह शुगर, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप मेथी का सेवन कर सकते हैं।
तरीका
1. मेथी
मेथी का स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन यह शुगर, मोटापा और कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय है। शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप मेथी का सेवन कर सकते हैं।तरीका
एक चम्मच मेथी पाउडर को सुबह खाली पेट या सोते समय गुनगुने पानी के साथ खाएं। आप चाहें तो रात भर एक चम्मच मेथी के दाने पानी में भिगोकर सुबह खाली पेट इसका सेवन कर सकते हैं।
2. काली मिर्च
काली मिर्च का सेवन शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसमें एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट, 'पिपेरिन' पाया जाता है, जो शुगर लेवल को संतुलित करता है।
तरीका
2. काली मिर्च
काली मिर्च का सेवन शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसमें एक महत्वपूर्ण कंपोनेंट, 'पिपेरिन' पाया जाता है, जो शुगर लेवल को संतुलित करता है।तरीका
एक चम्मच काली मिर्च पाउडर को हल्दी के साथ मिला लें और इसे रात को खाने से एक घंटे पहले सेवन करें। यह शुगर को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
3. दालचीनी
दालचीनी भी डायबिटीज को कम करने में कारगर है। यह इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल और वसा को भी कम करती है।
तरीका
3. दालचीनी
दालचीनी भी डायबिटीज को कम करने में कारगर है। यह इंसुलिन रेजिस्टेंस को कम करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल और वसा को भी कम करती है।तरीका
एक चम्मच दालचीनी, आधा चम्मच मेथी पाउडर और हल्दी मिलाकर खाली पेट सेवन करें। आप दालचीनी का टुकड़ा चाय में डालकर हर्बल टी भी पी सकते हैं।
ब्लड शुगर में क्या खाना चाहिए?
ब्लड शुगर के रोगियों को अपनी आहार में खास ध्यान रखना होता है, ताकि उनका शुगर कंट्रोल में रहे। ऐसे रोगियों को आहार में डॉक्टर की सलाह के उपरान्त निम्न बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
ब्लड शुगर में क्या खाना चाहिए?
ब्लड शुगर के रोगियों को अपनी आहार में खास ध्यान रखना होता है, ताकि उनका शुगर कंट्रोल में रहे। ऐसे रोगियों को आहार में डॉक्टर की सलाह के उपरान्त निम्न बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.अनाज: शुगर पेशेंट सामक चावल, दलिया, जौ, सूजी, गेहूं जैसे साबुत अनाज का सेवन कर सकते हैं, क्योंकि ये शरीर में धीरे-धीरे ऊर्जा प्रदान करते हैं और शुगर के स्तर को मेन्टेन रखते हैं।
दाल: हरे चने, काबुली चने, अरहर दाल, कुलथी की दाल आदि जैसे प्रोटीन से भरपूर दालें शुगर कंट्रोल करने में मदद करती हैं। इनसे शरीर को पर्याप्त प्रोटीन और फाइबर भी प्राप्त होता है.
ताजे फल: फल जैसे संतरा, चेरी, नाशपाती, सेब, कीवी इत्यादि का सेवन किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि इनका सेवन सीमित मात्रा में करें, ताकि रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने न पाए, फलों के सेवन से पूर्व चिकित्सक की राय अवश्य ही प्राप्त कर लें.
सब्जियां: डायबिटीज पेशेंट को पालक, कच्चा केला, बीन्स, कच्चा पपीता, शिमला मिर्च, करेला इत्यादि जैसी हरी और कम शक्कर वाली सब्जियां खानी चाहिए, क्योंकि ये पाचन में हल्की होती हैं और शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में उपयोगी हैं।
आयुर्वेद में भी डायबिटीज को "प्रमेह या "मधुमेह" कहा जाता है। आयुर्वेद के ग्रंथों में इस बीमारी के इलाज के लिए कई जड़ी-बूटियों का वर्णन मिलता है। उदाहरण के लिए, गिलोय और करौंदा जैसी जड़ी-बूटियां ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। साथ ही, आयुर्वेद में पाचन तंत्र को सुधारने पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है, क्योंकि बेहतर पाचन से शरीर में ग्लूकोज का स्तर संतुलित रहता है।
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ब्लड शुगर लेवल कितना होना चाहिए हिंदी में | Blood Sugar Levels Normal Range: After Eating & Fasting
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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. Disclaimer -इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी लिरिक्सपंडितस की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है अस्वीकरण नीति पढ़ें.
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य (आयुर्वेद) जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |