पतंजलि शहद के फायदे Patanjali Honey Benefits Shahad Ke Fayde

पतंजलि शहद के फायदे Patanjali Honey Benefits : Honey Benefits Shahad Ke Fayde

शहद हमारे लिए कई प्रकार से लाभदायक है। सदियों से शहद को एक बहुत ही उपयोगी और औषधीय गुनों से युक्त प्रदार्थ माना गया है और वर्तमान में नवीनतम वैज्ञानिक शोध से भी इस बात की पुष्टि होती है। शहद एक प्राकृतिक फ़ूड सुप्प्लिमेंट्स है जिसमे कई प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं और थेरेपेटिक गुण भी होते हैं। शहद के अनेकों औषधीय लाभ होते हैं। शहद का उपयोग स्वास्थ्य के लिए हजारों सालों से हो रहा है। ऐसा नहीं है की शहद केवल भारतीय चिकित्सा पद्धति का ही हिस्सा रही है, अन्य स्थानों पर भी शहद के गुणों को पहचान कर इसका लाभ लिया जाता रहा है। 
 
प्राचीन समय में मिश्र में शहद के सेवन से त्वचा के विकार दूर किये जाते थे। बाइबल में भी शहद का जिक्र किया गया है। वर्तमान में आधुनिक शोध में भी यह बात मानी जाने लगी है की शहद में कई विकारों से लड़ने की क्षमता है और इसके सेवन से स्वास्थ्य लाभ होता है। आयुर्वेद में शहद को एक ओषधि का दर्जा दिया गया है और इससे कई विकारों को दूर किया जाता रहा है। शहद एंटीसेप्टिक और एंटी बेक्टेरियल, एंटी ऑक्सीडेंट्स तथा इसके साथ ही शहद में आयरन, कैल्सियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और जिंक आदि खनिज तत्वों के होने के कारण इसका उपयोग वर्तमान में बढ़ रहा है।
 
पतंजलि शहद के फायदे Patanjali Honey Benefits Shahad Ke Fayde

शहद में विटामिन बी 1, बी 2, बी 3, बी 5 और बी -6 प्रचूर रूप से पाए जाते हैं जो स्वस्थ शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। शहद में 37 प्रतिशत फ्रेक्टोज (फूलों की चीनी ), 34 प्रतिशत ग्लुकोज (अंगूर की चीनी), पांच प्रतिशत शुक्रोज , 0.25 प्रतिशत खनिज , 0.20 प्रतिशत आर्गेनिक एसिड, 1.50 प्रतिशत प्रोटीन एवं अमिनो एसिड, 20 प्रतिशत जल तथा दो प्रतिशत से कुछ अधिक पराग कण होते हैं। 

शहद कौनसा अच्छा : जिस शहद में पानी की मात्रा जितनी कम होती है वह उतना ही श्रेष्ठ माना जाता है। असली शहद लम्बे समय तक भंडारण में ख़राब नहीं होता है। आप स्वय शहद की एक बून्द लीजिये और अपनी अंगुली पर डाल के देखिए। यदि यह फैल जाता है तो समझिये की इसमें मिलावट है। असली शहद आपस में बंध कर रहता है और फैलता नहीं है। शुद्ध शहद पानी में आसानी से घुलता नहीं है और सर्दियों में अक्सर जम जाता है। गहरे रंग का शहद अधिक एंटीऑक्सीडेंट्स गुणों से युक्त होता है। वैसे बाजार में कई निर्माताओं के द्वारा शहद उपलब्ध है लेकिन मेरी व्यक्तिगत राय में पतंजलि का शहद किफायती और गुणवत्ता में भी अच्छा है। पतंजलि शहद में अलग से कुछ भी इसमें मिलाया नहीं जाता है जैसे सुगंध या आर्टिफीसियल कलर आदि।

पतंजलि शहद (पतंजलि शुद्ध शहद-पतंजलि प्योर हनी ) कहाँ से खरीदें : पतंजलि शहद आपको पतंजलि आयुर्वेदा के स्टोर्स से या फिर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। इसे ऑनलाइन खरीदने के लिए आप पतंजलि की अधिकृत वेबसाइट, निचे दिए गए लिंक का विजिट करें।
https://www.patanjaliayurved.net/product/natural-health-care/honey/pure-honey-250gm/696
पतंजलि शहद (पतंजलि शुद्ध शहद-पतंजलि प्योर हनी ) की कीमत : वर्तमान में पतंजलि हनी के २५० ग्राम के रुपये 72 (PURE HONEY -250gm) हैं। यह कीमत परवर्तनशील है, कृपया अधिकृत पतंजलि वेबसाइट का विजिट करें।
पतंजलि शहद (पतंजलि शुद्ध शहद ) के विषय में पतंजलि आयुर्वेदा का कथन : 
Patanjali Pure honey is a sweet aliment produced by honey bees and derived from the nectar of flowers and Best pure honey available with our standard. Honey gets its sweetness from the monosaccharide fructose and glucose and has approximately the same relative sweetness as that of granulated sugar (97% of the sweetness of sucrose, a disaccharide). Patanjali pure Natural Honey is rich in fructose, minerals, vitamins and other nutritious elements. Honey is not only a natural sweetener but a multifunctional food that offers ample health benefits.
बाबा रामदेव जी पतंजलि शहद के विषय में व्याख्यान : 
 
 

शहद के विषय में आदरणीय नित्यानंदन जी के विचार :

शहद ठण्डा है या गरम ? HONEY NATURE ACCORDING TO AYURVEDA BY NITYANANDAM SHREE
शहद की तासीर : शहद की तासीर गर्म होती है। 
पतंजलि शहद के लाभ : प्रति रक्षा तंत्र (रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए ) :  शहद एंटीऑक्सीडेंट्स का एक उत्तम स्त्रोत होता है। रोजाना हम साँस लेते हैं जिनके जरिये कई प्रकार की जीवाणु हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। हमारे शरीर में भी कई प्रकार के जीवाणु होते हैं। यदि रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो रोग लगेंगे ही। इसलिए पहली बात है शरीर को मजबूत करना जिससे विभिन्न बिमारियों से लड़ने में शरीर सक्षम हो। आयुर्वेद के अनुसार कोई भी आहार जो आपके 'ओज' में वृद्धि करता है वह आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करता है। शहद रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है और शरीर में मौजूद शूक्ष्म हानिकारक जीवो से लड़ने में हमारी मदद करता है। आप सुबह खाली पेट शहद की दो चम्मच सेवन कीजिए आपको लाभ होगा। यदि आप दालचीनी के साथ इसका सेवन करते हैं तो इसके लाभ अधिक बढ़ जाते है।

मेडिकल ग्रेड शहद भोजन से पैदा होने वाले जीवाणुओं जैसे इशटीशिया कोली और सेलमोनेला को नष्ट कर सकता है। एंटीबायोटिक्स के साथ एक दिक्क्त यह है की इससे बेक्टेरिया भी प्रतिरोधी क्षमता का विकास कर लेते हैं लेकिन जो आयुर्वेदिक तरीके हैं उनमे वे शरीर को ही इतना मजबूत बना देते हैं जिससे शरीर हानिकारक बेक्टेरिया से लड़ने में सक्षम हो जाता है। जब शरीर रोगों से लड़ने में सक्षम हो जाता है तो आसानी से कोई व्यक्ति रोगों की चपेट में नहीं आता है। शहद में जिंक और आयरन मौजूद होते हैं जो इम्यून पावर को बढ़ाते हैं। हृदय रोगों में भी इस रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के कारन सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। 
रक्तचाप में उपयोगी है पतंजलि शहद : शहद रक्तचाप विकार में भी उपयोगी हो सकता है। शहद शरीर में रक्त के सर्कुलेटरी सिस्टम को दुरुस्त करता है। अकारण उच्च और निम्न रक्त दबाव को सुचारू करने में सहायक होता है। 
पाचन विकारों को करें दूर शहद : शहद प्राकृतिक है और पाचन में मदद करता है। शहद हल्का सा लैक्सेटिव होने के कारण पाचन में मदद करता है। कब्ज, आफरा (पेट फूलना ) आदि में शहद के प्रयोग से लाभ होता है। इसके सेवन से पेट दर्द और ऐंठन में भी राहत मिलती है। शहद के साथ अदरक के सेवन से पाचन में शीघ्र आराम मिलता है।

मोटापा दूर करने के लिए शहद का उपयोग : यदि आप अतिरिक्त चर्बी से परेशांन हैं तो शहद आपकी मदद कर सकता है। शहद को गुनगुने पानी में मिलाकर उसमे निम्बू के रस को मिला दें और इसका सेवन करें। इससे आपको पेट की चर्बी से राहत मिलेगी। इससे एक फायदा और भी होता है, वह है आपका पाचन भी सुधरेगा और शरीर से विषाक्त प्रदार्थ भी समाप्त होंगे। 
शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने के लिए : शहद के सेवन से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है और कमजोरी दूर होती है। शहद में प्राकृतिक ग्लूकोज और फ्रक्टोज शुगर के कण होते हैं जो त्वरित ऊर्जा देते हैं और थकान और कमजोरी को दूर करते हैं और शहद में कैल्शियम, कॉपर, आयरन, मैगनीशियम, फॉसफोरस, पोटैशियम और जिंक आदि लाभकारी तत्व भी पाए जाते हैं जो शरीर को पुष्ट बनाते हैं। 
त्वचा के संक्रमण को रखे दूर : शहद के उपयोग से आप त्वचा विकारों को भी दूर रख सकते हैं। त्वचा विकारों पर या सर में रुसी होने पर शहद की हलकी मालिश करने के बाद नहा लें तो रुसी और त्वचा के बेक्टेरिया मर जाते हैं। शहद प्राकृतिक से त्वचा को मॉइस्चर करता है।

वजन बढ़ाने के लिए शहद का उपयोग : जिन लोगों को शारीरिक कमजोरी रहती है उनके लिए भी शहद उत्तम होता है। यह पाचन को दुरुस्त करता है और वजन बढ़ाने में सहयोगी होता है। आप शहद को दूध के साथ लीजिए और आप स्वंय फर्क देखिये। एक गिलास दूध में एक चम्मच शहद के सेवन से लाभ मिलता है।

Patanjali Pure Honey Benefits पतंजलि शहद के अन्य लाभ :
  • शहद तो ताजे अनार के रस के साथ लेने से हृदय मजबूत बनता है।
  • दूध में शहद मिलाकर पीने से वजन बढ़ता है और कमजोरी दूर होती है।
  • शहद में अदरक का रस मिलाकर पिने से सर्दी जुकाम और खांसी में आराम मिलता है।
  • मुंह के विकारों में यथा मसूढ़ों पर शहद लगाने से मसूड़े स्वस्थ रहते हैं और संक्रमण दूर होता है।
  • शहद शरीर में हाईड्रोक्लोरिक एसिड बनने की मात्रा को कम कर देता है जिससे सीने में जलन आदि विकार दूर होते हैं।
  • शराब के अधिक सेवन से उत्पन्न "हैंगओवर" को दूर करने के लिए भी शहद के सेवन से लाभ मिलता है।
  • शहद को अदरक के रस और काली मिर्च में मिलाकर लेने से खांसी, अस्थमा में सुधार होता है। 
  • दिन में दो से तीन बार सुद्ध शहद को होठों पर लगाने से यह होठों के फटने, सूजन में भी लाभ देता है। 
  • हलके जले घाव पर शहद लगाने से घाव जल्दी ठीक होता है। यह शहद के एंटी सेप्टिक और एंटी बेक्टेरियल गुणों के कारण से होता है। 
  • एप्पल साइडर विनेगर में शहद मिलाकर नाखूनों पर लगाने से नाखूनों के विकार दूर होते हैं। 
  • रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद लेने से बेहतर और गहरी नींद आती है। शहद सेरोटोनिन कैमिकल को मेलाटोनिन केमिकल में बदल देता है, जो खराब नींद के लिए जिम्मेदार होता है।
  • नियमित रूप से शहद के सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है। 
  • शहद शरीर में गुड बेक्टेरिया को बढ़ाता है। 
  • शहद में अदरक का रस मिलाकर लेने से यह डिटॉक्सीफाईड की तरह से काम करता है और शरीर से विषाक्त प्रदार्थों को दूर करता है। 
  • दूध के साथ शहद मिलाकर लेने से स्टेमिना बढ़ता है और हड्डियां भी मजबूत बनती है। 
  • शहद में निम्बू रस मिलाकर सेवन करने से गले की खरास दूर होती है। 
  • शहद में निम्बू के रस को मिलाकर दिन में दो से तीन बार कुल्ला करने से मुंह के बेक्टेरिया दूर होते हैं और मुंह की बदबू दूर होती है।
  • आंवले के रस में शहद मिलाकर लेने से रक्त की कमी दूर होती है।
  • स्वसन विकारों में शहद को हल्दी चूर्ण में मिलाकर लेने से लाभ होता है।
  • खरोंचों पर शहद की मालिस करने पर वह जल्दी भरते हैं और सूजन और खुजली दूर होती है। खरोंचो के निशान भी इससे दूर होते हैं।
  • सामान्य तापमान के एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद के सेवन से नर्वस सिस्टम दुरस्त रहता है।
  • शहद और दालचीनी के सेवन से हृदय रोगों में लाभ प्राप्त होता है। शहद का सेवन खून में पॉलीफोनिक एंटीऑक्सीडेंट्स का लेवल बढ़ाता है, जिससे आप दिल की बीमारियों से बचे रहते हैं।
  • शहद में फ्रूट ग्लूकोज, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फेट, सोडियम, क्लोरीन, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे गुण होते हैं, जो शरीर को बैक्टीरिया से बचाने में मदद करते हैं।
  • सर्दियों में शहद से चेहरे पर 30 मिनट मसाज करें। इसके बाद गुनगुने पानी से चेहरा साफ कर लें इससे त्वचा साफ़ होती है और ग्लो बढ़ता है।
  • शहद एंटी एजिंग होता है और बढ़ती उम्र के प्रभावों को कुछ हद तक दूर करता है।
  • गर्म दूध में शहद मिलाकर पीने से तनाव दूर होता है। ये तंत्रिका कोशिकाओं और तंत्रिका तंत्र को आराम पहुंचाने का काम करता है
  • शहद कार्बोहाइड्रेट का भी प्राकृतिक स्रोत है इसलिए इसका सेवन से शरीर में शक्ति, स्फूर्ति और ऊर्जा आती है और यह रोगों से लड़ने के लिए शरीर को शक्ति देता है।
  • नियमित रूप से शहद के सेवन से पेट के कैंसर से बचाव किया जा सकती है, शहद में मौजूद ऑक्सीडेंट की मदद से ट्यूमर बनने से भी रोका जा सकता है। नियमित रूप से शहद खाने से पेट का कैंसर कभी नहीं होता है। इसमें ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो ट्यूमर बनने से रोकते हैं।
  • कीमोथेरेपी से श्वेत रक्त कणिकाओं की संख्या स्वभाविक रूप से कम हो जाती है। शहद के वैद्य के बताये गए तरीके से सेवन करने से स्वेत रक्त कणिकाओं की कमी में लाभ मिलता है।
  • त्रिफला के चूर्ण के साथ शहद को मिलाकर रात्रि को लेने से पेट से सबंधित विकारों में लाभ मिलता है। बूढ़े लोग जिनका डायजेशन कमजोर हो चुका है, उनके लिए शहद बहुत फायदेमंद होता है।
  • चमकदार त्वचा के लिए भी शहद का सेवन से लाभ होता है और त्वचा का रंग साफ करने और इसमें निखार लाने के लिए ठंडे पानी में शहद मिलाकर रोजाना सेवन करना चाहिए।
  • यदि आप वीर्य के किसी विकार से ग्रस्त हैं यथा धातु का पेशाब में आना, कमजोरी, स्तम्भन स्वप्नदोष,पेशाब में वीर्य या धातु का जाना, शीघ्रपतन, वीर्य का पतला होना, तो आप एक चम्मच हल्दी में एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर रोज सुबह इसका सेवन करे आपको निश्चित ही लाभ मिलेगा। हल्दी के सबंध में आपको बता दें की हल्दी की आप गाँठ लाईये और इसे घर में पीसिये। बाजार में उपलब्ध हल्दी पुरानी भी हो सकती है जिससे उसके प्राकृतिक गुण कुछ कम हो जाते हैं। घर पर भी आप हल्दी को पीस कर पंद्रह दिनों में काम में अवश्य ले लेवे।
शहद के सेवन में सावधानियां : शहद वैसे तो बहुत सारे लाभ होते हैं लेकिन विशेष परिस्थितियों में वैद्य की सलाह से ही इसका सेवन करें। कुछ ज्ञात सावधानियां निम्न प्रकार से हैं।
  • मधुमेह में शहद का सेवन नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें भी एक किस्म की शर्करा ही होती है।
  • छोटे बच्चों का पाचन कमजोर होता है, इसलिए उन्हें शहद नहीं दिया जाना चाहिए। शहद के सेवन से उनका पाचन बिगड़ जाता है और पेट दर्द होने लगता है।
  • शहद के सेवन में ध्यान रखें की यह शुद्ध हो, कई बार कच्चा शहद (बिना सफाई के ) फ़ूड पोइज़निंग का कारण बनता है।
  • अधिक मात्रा में शहद का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
  • यदि आपको एलर्जी है तो वैद्य की सलाह के उपरांत ही शहद का सेवन करे।
  • शहद को या तो सामान्य तापमान या हलके गुनगुने पानी के साथ ही उपयोग में लिया जाना चाहिए। गर्म पानी या दूध में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
  • शहद को चाय और कॉफी में चीनी के विकल्प के रूप में काम में लेने से बचना चाहिए।
  • नॉन वेज के साथ शहद का सेवन उचित नहीं होता है।


शुद्ध और मिलावटी शहद की पहचान कैसे करें : शहद से औषधीय लाभ लेने के लिए यह बहुत जरुरी है की वह १०० प्रतिशत शुद्ध हो। वर्तमान समय में हर वस्तु में मिलावट हो रही है जो एक निराशा का विषय है लेकिन हम हमारी सूझ बूझ से शुद्ध शहद की पहचान कर सकते हैं। 
गर्म पानी से कीजिए पहचान : शहद की गुणवत्ता को परखने के लिए आप काच के गिलास में गर्म पानी भरिये और उस में एक चम्मच शहद डालिये। यदि शहद तुरंत पानी में घुल जाता है तो समझिये की उसमे मिलावट की गयी है। यदि शहद एक तार बनता हुआ निचे की और बैठ जाए तो शहद शुद्ध होता है। 
आग से कीजिए शहद की शुध्दता की जांच : यदि आप पानी से शहद की शुद्धता नहीं जांच पा रहे हैं तो एक डंडी पर रुई लपेट कर उसमे शहद लगाए। अब इस शहद लगे रुई को आग के सीधे संपर्क में लाएं। यदि रुई आग पकड़ लेती है तो शहद शुद्ध है अन्यथा रुई जलेगी नहीं। 
टिश्यू पेपर से कीजिए शहद की शुद्धता की जांच : एक और तरीका है जिसके माध्यम से आप शहद की शुद्धता की जाँच कर सकते हैं, वो है टिश्यू पेपर। टिश्यू पेपर पर एक बून्द शहद की डालिये और आप देखेंगे की मिलावटी शहद में पानी होता है जिसे टिश्यू पेपर सोख लेगा और वह गीला हो जाएगा। शुद्ध शहद टिश्यू पेपर पर ज्यो का त्यों ही बना रहता है। 
ब्रेड से कीजिए शहद की शुद्धता की परख : आप एक ब्रेड लीजिये और उस पर शहद लगाइये। यदि शहद मिलावटी होगा तो वह पानी के कारण ब्रेड को नरम कर देगा। यदि शहद सुद्ध है तो वह ब्रेड को नरम करने की बजाय सख्त करने लगेगा। 
अंगूठे से कीजिये शहद की गुणवत्ता की जांच : शुद्ध शहद आपस में बंधा होता है। आप इसे अंगूठे पर लगाकर अंगुली से इसकी लार बनाइये। यदि शहद सुद्ध है तो वह आपस में बंधता चला जायेगा और एक लम्बी लार बनाएगा। मिलावटी शहद में या तो लार बनेगी ही नहीं या फिर कम बनेगी। 
मक्खी से कीजिये परख शहद की : आप एक चम्मच शहद को मक्खी वाले स्थान पर रख दीजिये। यदि शहद शुद्ध है तो मक्खी उस पर बैठकर उड़ जाएगी, मतलब शहद पर चिपकेगी नहीं। यदि आपका शहद मिलावटी है तो मक्खी उसमे फँस कर रह जायेगी और उड़ नहीं पाएगी। 
शीशे की प्लेट से कीजिये शहद की परख : आप एक पारदर्शी शीशे की प्लेट लीजिये और उसे टेढ़ा करके उस पर शहद डालिए। यदि शहद प्लेट पर फैलने लगे तो समझिये की ये नकली है। शुद्ध शहद धीरे धीरे करके निचे की और आता है। 
फ्रिज से कीजिये शहद की परख : आप शहद की बोतल को फ्रिज में रख दीजिये। यदि वह ठण्ड से जमने लगे तो शहद असली है और यदि शहद नहीं जम रहा है तो वह मिलावटी है। 
सफ़ेद कपडे से कीजिए शहद की गुणवत्ता की जांच : सफ़ेद कपडे पर शहद की कुछ बुँदे टपका दीजिए। कुछ देर बाद इस कपडे को साफ़ करें। यदि शहद शुद्ध है तो वह कपडे पर किसी प्रकार का दाग और धब्बा नहीं छोड़ेगा अन्यथा नकली शहद कपडे पर दाग छोड़ देता है। 
कौनसा शहद अधिक लाभदायी है रॉ (Raw) या फिर प्रोसेस्ड हनी : रॉ हनी से तात्पर्य है, वह शहद जो सीधे मधुमक्खी के छत्ते से प्राप्त किया जाता है। इसमें भी विभिन्न पेड़ों पर लगे छत्ते से प्राप्त गुण पेड़ के अनुसार बदल जाते हैं। मधुमक्खी के छत्ते से प्राप्त शहद को नायलोन के कपडे से छान लिया जाता है जिससे मृत मधुमक्खी और मोम निकल जाता है। 
वही प्रोसेस्ड शहद को विभिन्न मशीनों से गुजारा जाता है जिससे उसमे से अतिरिक्त यीस्ट निकल जाता है और शहद और अधिक लम्बे समय तक चलता है। यदि बात यह की जाय की दोनों में से ज्यादा लाभदायी कौनसा होता है तो मधुमक्खी के छत्ते से प्राप्त शहद ज्यादा गुणकारी होता है। प्रोसेस की प्रक्रिया के दौरान शहद से ज्यादातर पोषक तत्व नष्ट हो जाते है। रा (Raw Honey) में ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यदि आपको कोई एलर्जी सबंधी विकार हो तो वैद्य की सलाह के उपरांत ही रा (Raw Honey) का सेवन करें।


कैसे करें शुद्ध शहद की पहचान | Best Way to Check Pure Honey | Patanjali Pure Honey
शहद के विषय में सामन्य प्रश्न : 
शुद्ध शहद की क्या पहचान है What is pure honey? How can we identify pure honey : शुद्ध शहद की पहचान उसकी खुशबु, बनावट और रंग के आधार पर की जा सकती है। ऊपर बताये गए तरीकों से आप शहद की शुद्धता की पहचान कर सकते हैं। 
शहद की शुद्धता जांचने का एक तरीका क्या है How do you know if honey is pure : वैसे तो आप ऊपर बताये गए तरीकों से शहद की शुद्धता की जांच कर सकते है। यदि आप इसकी पहचान तुरंत करना चाहते हैं तो आप एक चम्मच शहद की लीजिये और इसे पानी से भरे कांच के गिलास में डालिये। यदि शहद अशुद्ध हुआ तो वह एक तार नहीं बनाएगा और पानी में आसानी से घुलने लगेगा। शहद के शुद्ध होने की अवस्था में वह एक तार (लार ) बनाता हुआ तले पर बैठने लगेगा और पानी में नहीं घुलेगा।
क्या शुद्ध शहद और सीधे छत्ते से तोडा गया शहद एक ही होते हैं : Is pure honey the same as raw honey? शहद छत्ते से तोड़ने के बाद प्रोसेस्ड किया जाता है। ऐसा नहीं है की प्रोसेस्ड शहद शुद्ध नहीं होता है। यदि शहद में अतिरिक्त कोई मिलावट जैसे कॉर्न सिरप, चीनी, कृतिम रंग या सुगंध नहीं मिलाई जाती है तो वह शुद्ध शहद ही और वह सीधे छत्ते से तोड़े गए शहद के सामान ही गुणकारी होता है। 
क्या शुद्ध शहद उपयोगी /गुणकारी होता है ? Is pure honey good for you : शुद्ध शहद हमारे शरीर के लिए बहुत ही गुणकारी होता है। शुद्ध शहद में प्रचूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं तो हमें कई प्रकार के रोगों से लड़ने की शक्ति देते हैं। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करके हमें आरोग्य रखने में मदद करता है (अधिक पढ़े : शहद के सेवन से लाभ ) 
किस निर्माता का शहद सबसे उत्तम है What brands of honey are pure honey? यह कई विषयों और तथ्यों पर आधारित होता है। मैं किसी निर्माता को एंडोर्स (प्रचार تصدیق کرنا) नहीं करती हूँ। मेरी व्यक्तिगत राय में पतंजलि का शहद शुद्ध भी है और किफायती भी, लेकिन आप अपने मुताबिक निर्माता का चयन करें या फिर इस विषय पर वैद्य से राय लेवें। 



Will pure honey freeze? क्या शुद्ध शहद जम जाता है (फ्रिज या फिर शीत ऋतू में ) : शुद्ध शहद फ्रिज या ठण्ड में पूर्ण रूप से कभी नहीं जमता है फिर भी ठण्ड में शुद्ध शहद भी क्रिटिलाइज / कुछ ठोस अवस्था में जरूर आ जाता है, ऐसी अवस्था में शहद को कभी भी अशुद्ध नहीं समझ लेना चाहिए।

क्या शहद से वजन बढ़ता है Can honey make you gain weight? शहद से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है। शहद वजन बढ़ा भी सकता है और घटा भी सकता है यह इसके सेवन विधि/किस के साथ सेवन किया जा रहा है, इस बात पर निर्भर करता है। शहद को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में मिलाकर पिने से मोटापा दूर होता है वहीँ इसे गर्म दूध में मिलाकर पिने से शरीर वेट गेन करता है।
शहद के दुष्परिणाम Safety and side effects : सामन्य रूप से शहद सेवन के कोई दुष्परिणाम नहीं  होते हैं। यदि इसके सेवन से आपको कुछ भी असामन्य लगे तो वैद्य की राय अवश्य लेवे।
क्या शहद से कफ कम होता है : Can Honey Reduces Cough : कई नवीनतम शोध से यह संकेत मिले हैं की citrus honey and labiatae honey कफ को कम करते हैं। 
क्या शहद मानसिक रोगों के लिए भी उपयोगी है : हाँ, कई शोध में इस बात के भी संकेत मिले हैं की शहद एंटी डिप्रेसन भी होता है और कई प्रकार के मेमोरी डिसऑर्डर्स को भी दूर करने में मदद करता है।
Can honey reduce belly fat? क्या शहद थुलथुले पेट को कम करता है : हाँ, यदि वैद्य की सलाह से शहद का सेवन ओषधीय रूप में किया  जाय तो यह अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है।
What are the benefits of applying honey on face? क्या त्वचा पर शहद लगाने के कोई फायदे हैं : हाँ, त्वचा पर / चेहरे पर शहद लगाने से काले घेरे दूर होते हैं और चेहरा सुन्दर और चमकदार बनता है। ऑयली त्वचा पर इसे लगाने से भी लाभ मिलता है। 
Does honey cause diabetes? क्या शुगर रोग में शहद सेवन किया जा सकता है : शुगर रोग में शहद का सेवन करने से इन्सुलिन का लेवल बढ़ जाता है इसलिए इस विषय में आप वैद्य की विस्तृत राय लेवें।  


नवीनतम शोध के विषय पर आप निम्न वेबसाइट का अध्ययन करें। 
 
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5406168/ 
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5424551/
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5822819/
https://www.mayoclinic.org/drugs-supplements-honey/art-20363819


The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.

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