मुक्ता पिष्टी ( मोती पिष्टी ) के फायदे उपयोग सेवन विधि Mukta Pishti Fayade Upyog Sevan Vidhi

मुक्ता पिष्टी ( मोती पिष्टी ) के फायदे उपयोग सेवन विधि Mukta Pishti Fayade Upyog Sevan Vidhi

मुक्ता पिष्टी ( मोती पिष्टी ) के फायदे उपयोग सेवन विधि Mukta Pishti Fayade Upyog Sevan Vidhi

पिष्टी क्या होती है What is Pishthi Pishti Kya Hoti Hai Hindi

पिष्टी आयुर्वेदिक दवा होती है। यह दवा बहुत ही बारीक पीस कर बनायी जाती है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले सामग्री को डिटॉक्सिफिड किया जाता है जिसे शुद्धिकरण कहते हैं। इसके बाद इसे महीन पीसा जाता है और आखिर में इस महीन पीसे हुए दवा के चूर्ण को केवड़ा, गुलाब जल आदि में भिगोया जाता है और पुनः पीसा जाता है। किस प्रदार्थ को किस के साथ खरड़ किया जाता है यह दवा और उसके बनाने के तरीके के ऊपर निर्भर करता है। पिष्टी को अंगूठे और अंगुली के बीच रगड़ कर महसूस किया जाता है की ये मोटा ना हो और महीन पाउडर हो।

मुक्ता पिष्टी / मोती पिष्टी क्या होती है Mukta Pishti Kya Hoti Hai Hindi

मुक्ता पिष्टी सफ़ेद मोती से बनाया जाता है, जिसके स्वंय के कई आयुर्वेदिक लाभ होते हैं। यह शरीर शरीर को शीतलता देता है। इसे मुख्य रूप से मोती को गुलाब जल के साथ महीन पीस करके बनाया जाता है। मुक्ता

पिष्टी का विपाक मधुर, रस मधुर, गुण लघु और वीर्य शीत होता है। प्रधान रूप से कफ और वात को शांत करता है। यह जिस मोती से बनाया जाता है वह सफ़ेद, वजन में हल्का होता है। मूल रूप से यूनानी दवाओं में मोती से ओषधि का निर्माण किया जाता रहा है लेकिन इसके गुणों के कारण आयुर्वेद में भी इससे पिष्टी और भस्म का निर्माण किया जाता है। मोती पिष्टी में लगभग अस्सी से पिच्यासी प्रतिशत कैल्शियम होता है।

मुक्ता पिष्टी / मोती पिष्टी की तासीर

मुक्ता पिष्टी की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसे शरीर की तासीर के अनुसार गुलकंद, शहद या गाय के घी के साथ लेना श्रेयकर होता है। पित्त रोगियों को इसे शहद के साथ लेना चाहिए। गाय के घी के साथ तीनों विकारों के साथ लिया जाता है।

मुक्ता पिष्टी / मोती पिष्टी कैसे बनायी जाती है

मुक्ता पिष्टी एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे मोती (मुक्ता) से बनाया जाता है। उपचारात्मक दृष्टि से यह पाचन में सुधार करता है। मोती प्राकृतिक होता है और समुद्री जीवों के द्वारा इसे बनाया जाता है।
यह मूल रूप से घोंघा की ही एक प्रजाति (बाइवाल्वज) होती है जो अपनी सीपी में मोती का निर्माण करती है। घोंघा अपने कवच, सीपी में सुरक्षित रहता है। जब वह सीपी का मुंह खोलता है (आहार प्राप्त करने के लिए ) तो उसके कवच में खुले समुद्र के कुछ कण, यथा मिटटी और अन्य प्रदार्थ अंदर आ जाते हैं। घोंघा इनको अपनी त्वचा से निकलने वाले चिपचिपे प्रदार्थ से एक बाँध कर एक जगह इकट्ठा करने लग जाता है, जिससे मोती का निर्माण होता है। रासायनिक रूप से मोती सूक्ष्म रूप से कैल्शियम कार्बोनेट होता है, अतः इससे बनायीं जाने वाली ओषधि से यह शरीर में कैल्शियम की आपूर्ति करता है। वर्तमान समय में व्यावसायिक रूप से मोती का निर्माण किया जाने लगा है।

मुक्ता पिष्टी / मोती पिष्टी के लाभ क्या होते हैं

मुक्ता पिष्टी पित्त को नियंत्रित करती है और शरीर में कैल्शियम की कम को दूर करती है। इसके अन्य महत्वपूर्ण लाभ निम्न हैं।

मुक्ता पिष्टी / मोती पिष्टी का सेवन कैसे करें

आपकी आयु, शरीर की क्षमता और तासीर के अनुसार वैद्य की सलाह के उपरांत लिया जाना चाहिए। मुक्ता पिष्टी को सदा ही शहद, गुलकंद, अनारदाने के रस, गाय का सुद्ध देसी घी आदि के साथ लिया जाता है। मुक्ता पिष्टी का अकेले सेवन करना, अधिक मात्रा में सेवन करना हानिकारक हो सकता है। इसकी मात्रा और विधि शरीर की प्रकृति (वात, कफ और पित्त ) के ऊपर निर्भर करती है। एक विशेष बात और की मोती पिष्टी / मुक्ता पिष्टी का सेवन सदा ही प्रातः काल या दिन के समय करना ज्यादा उत्तम रहता है। रात्रि में इसका सेवन सामान्य परिस्थितियों में नहीं करना चाहिए।

पतंजलि मुक्ता पिष्टी / मोती पिष्टी के लाभ : मुक्ता पिष्टी ( मोती पिष्टी ) के फायदे

कैल्शियम की कमी को करे दूर

आपने जाना की किस प्रकार से यह हमें प्राकृतिक रूप से प्राप्त होता है। यह शुद्ध रूप से कैल्शियम कार्बोनेट होता है इसलिए हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करता है। बाजार में उपलब्ध अंग्रेजी दवाओं की तुलना में शरीर में यह सुपाच्य होता है जिससे पथरी बनने की शिकायत नहीं रहती है। इसके अलावा बाजार में जो कैल्शियम की दवा प्रचलन में है वो पचने में कठिन होती है, क्यों की या तो सिंथेटिक होती हैं या फिर जानवरों आदि की हड्डियों से बनायी जाती हैं। इस दृष्टि से भी मुक्ता पिष्टी के सेवन से जो कैल्शियम प्राप्त होता है वह अधिक लाभदायक होता है, आसानी से शरीर में घुल जाता है। मांसपेशियों और हड्डियों के जोड़ों को शक्ति प्रदान करता है और कैल्शियम की कमी के कारण मांशपेशियों के दर्द, दन्त क्षय को भी दूर करता है।

शरीर को करें शीतल

मुक्ता पिष्टी की तासीर ठंडी होती है इसलिए यह शरीर की दाह को शांत करता है और ठंडक देता है। हाथ पैरों की जलन, तलवों में जलन में यह लाभदायक होती है।

पित्त का नियंत्रण

  • मोती पिष्टी पित्त को नियंत्रित करने का कार्य करता है इसलिए जिनको भी हाइपर एसिडिटी, पेट में जलन हो उन्हें इसके सेवन से आराम मिलता है। यह शरीर में बनने वाले एसिड को प्राकृतिक रूप ले कम करता है।
  • यदि कोई व्यक्ति मूत्र विकार, जैसे बार बार मूत्र का आना आदि से ग्रस्त हो तो मोती पिष्टी के सेवन से लाभ प्राप्त होता है
  • मांसपेशियों के दर्द, कमजोर हड्डियों के कारन लो बॉनसिटी आदि विकारों में लाभप्रद होता है।
  • मोती पिष्टी के सेवन से नर्वस सिस्टम दुरुस्त
  • होता है और कई बार ऊटपटांग विचारों का आना जैसे की अमुक व्यक्ति किसी रोग से ग्रस्त है, जबकि वास्तव में उसे रोग है ही नहीं आदि विकारों में भी इसके सेवन से लाभ मिलता है। व्यक्ति को मानसिक रूप से शांति प्राप्त होती है और अनिंद्रा, गुस्सा, चिडचिडे स्वभाव में राहत मिलती है। इसके सेवन से उन्माद कम होता है और बुरे बुरे विचार आना एक तरह से मानसिक विकारों में भी लाभदायी होता है
  • गर्भावस्था के दौरना कैल्शियम से होने वाली कमी में भी इसके सेवन से लाभ मिलता है। महिलायों के पीरियड्स के दोरान अधिक रक्त प्रवाह आदि विकारों में भी इसके सेवन से सुधार होता है। छोटे बच्चों को भी इसे दिया जाता है क्यों की यह सुपाच्य होता है।
  • यह हृदय विकारों में भी उपयोगी होता है। रक्तचाप को नियंत्रित करता है और हृदय मो मजबूती देता है।
  • यह एक उत्तम वीर्य वर्धक दवा होती है।
  • मोती पिष्टी खाँसी, श्वास, कफ, नेत्र रोग, शुक्राणुक्षीणता, दुर्बलता, मन्दाग्नि आदि रोगों में भी अधिक लाभदायी होती है
  • मोती पिष्टी के सेवन से जीर्णज्वर, रक्तपित्त, दिमाग की कमजोरी, सिरदर्द, पित्त की वृद्धि, दाह, प्रमेह व मूत्रकृच्छ आदि रोगों में भी लाभ प्राप्त होता है।
  • मोती पिष्टी अम्लत्वनाशक होती है और दाह को शांत करती है।
  • मोती पिष्टी वात को भी शांत करती है।
  • मोती पिष्टी ज्वर नाशक होती है।
  • गठिया के रोग में भी इसके सकारात्मक प्रभाव होते हैं।
  • मोती पिष्टी में कुछ गुण कैंसर विरोधी भी होते हैं।
  • मोती पिष्टी के सेवन से पाचन में सुधार होता है और पित्त तथा कफ शांत होता है।
  • गले में जलन के साथ खांसी, कफ रहित खांसी आदि विकारों को दूर करती है।
  • मसूड़ों की सूजन और दाँतों की सड़न में भी लाभदायी होती है।
  • निम्न अस्थि खनिज घनत्व को सुधारती है।
  • जोड़ों के दर्द, मांसपेशियों के दर्द में प्रभावी दवा होती है।
  • मुंह की जलन और छालों में लाभदायी दवा होती है।
  • पेट में जलन को शांत करता है और अतिरिक्त अम्लता को समाप्त करता है। यह जठरशोध को शांत करता है, जठरशोध के संक्रमण को दूर करता है, शराब के अधिक सेवन, पेट के छाले आदि कई समस्याओं को इसके सहयोग से राहत प्राप्त होती है।
  • पित्त की अधिकता के कारण उत्पन्न अल्सर में भी यह एक उपयोगी दवा होती है।
  • आखों से सबंधित विकारों में भी इसके परिणाम सकारात्मक प्राप्त होते हैं।

मुक्ता पिष्टी / मोती पिष्टी को कहाँ से खरीदें

मोती या मुक्ता पिष्टी आपको पतंजलि आयुर्वेद के स्टोर्स पर उपलब्ध है। यह दवा आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। इस दवा के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने और ऑनलाइन खरीदने के लिए आप पतंजलि आयुर्वेदा की ऑफिसियल वेब साइट पर विजिट करें जिसका लिंक निचे दिया जा रहा है। यदि प्राइस की बात करें तो इसमें कोई संदेह नहीं है की पतजंलि की यह दवा सस्ते में प्राप्त की जा सकती है। अन्य उत्पादकों की तुलना में यह किफायती दरों पर उपलब्ध है।

https://www.patanjaliayurved.net/product/ayurvedic-medicine/pishti/mukta-pishti/122

सन्दर्भ : Source
मुक्ता पिष्टी ( मोती पिष्टी ) एक आयुर्वेदिक दवा है जो मोतियों को पीसकर बनाई जाती है। यह एक शक्तिशाली खनिज सूत्र है जो कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है।
मुख्ता पिष्टी के कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
  • पाचन में सुधार: मुक्ता पिष्टी पाचन में सुधार करने में मदद करती है। यह पेट में अतिरिक्त एसिड को संतुलित करने में मदद करती है, जिससे एसिडिटी और सीने में जलन से राहत मिलती है। यह कब्ज को भी कम करने में मदद करता है।
  • त्वचा स्वास्थ्य में सुधार: मुक्ता पिष्टी त्वचा स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करती है। यह त्वचा को पोषण देने और इसे स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करती है। यह मुँहासे, झुर्रियों और अन्य त्वचा की समस्याओं को रोकने में भी मदद कर सकता है।
  • रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद: मुक्ता पिष्टी रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। यह इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे मधुमेह के रोगियों के लिए रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।
  • तनाव और चिंता को कम करने में मदद: मुक्ता पिष्टी तनाव और चिंता को कम करने में मदद कर सकती है। यह एक अनुकूलन क्षमता है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर को तनावपूर्ण परिस्थितियों से निपटने में मदद करती है।

मुख्ता पिष्टी के उपयोग

मुख्ता पिष्टी का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के लिए किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:
पाचन संबंधी समस्याएं: एसिडिटी, कब्ज, अपच
त्वचा संबंधी समस्याएं: मुँहासे, झुर्रियां, अन्य त्वचा की समस्याएं
मधुमेह: रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद
तनाव और चिंता: तनाव और चिंता को कम करने में मदद

मुख्ता पिष्टी की खुराक

मुख्ता पिष्टी की खुराक व्यक्ति की आयु, स्वास्थ्य और स्थिति के आधार पर भिन्न हो सकती है। कृपया वैद्य से इसकी खुराक का पता करें.

मुख्ता पिष्टी के दुष्प्रभाव

  • मुख्ता पिष्टी आमतौर पर सुरक्षित होती है, लेकिन कुछ मामलों में इसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • पेट में दर्द
  • मतली और उल्टी
  • दस्त

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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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13 टिप्पणियां

  1. उच्च रक्त चाप में उपयोगी है क्या
    1. High bp ko badhati nahi kam kar deti ap apni jankari durust kare
    2. आपने सही कहा यह ब्लड प्रेशर को कम कर सकती है. धन्यवाद त्रुटी सुधार के लिए.
    3. मुक्ता पिष्टी/मोती पिष्टी उच्च रक्तचाप को कम करने में उपयोगी हो सकती है. कृपया वैद्य से इस सबंध में राय लेवें अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक का अध्ययन करें .
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3326876/
  2. क्या इसे मोती भस्म भी कहा जाता है
  3. भस्म और पिस्टी में मूल अंतर निर्माण का होता है .जहाँ मोती भस्म तीक्ष्ण होती है वही पिस्टी (मोती पिस्टी/मुक्ता पिस्टी सौम्य होती है .कृपया पिस्ती और भस्म के अंतर को समझें .
  4. Urine me burning ke liye bhi liya ja sakta h kya?
  5. बढ़िया जानकारी
  6. मुक्ता पिसती ओर मोती पिसती में फर्क होता है
  7. Kitni matra ma Lana ha.
  8. Hb 16g
  9. Nice post, Its very easy to understand hope you doing awesome. Thanks you
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