भीगी पलकों तले सहमी ख्वाहिश पले भजन
भीगी पलकों तले सहमी ख्वाहिश पले भजन
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले,
मंज़िलें लापता,
श्याम कैसे चलें?
ऐसे में साँवरे,
तू बता क्या करें,
घाव अब भी हरा,
जाने कैसे भरें,
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले।।
देती ही रहती है,
दर्द ये दिल्लगी,
जाना अब साँवरे,
क्या है ये ज़िंदगी?
ज़िंदगी वो नदी,
ऊँची लहरों भरी,
तैरने का हमें,
कुछ तजुर्बा नहीं,
कुछ तजुर्बा नहीं...
पहुँचा पानी गले,
ना किनारा मिले,
मंज़िलें लापता,
श्याम कैसे चलें?
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले।।
हाल बेहाल है,
आँखों में है नमी,
वक़्त भागे बड़ा,
हसरतें हैं थमी,
राहतें कुछ नहीं,
आज़माइशें कई,
सूखे अरमानों की,
टूटी-फूटी ज़मीं,
कर दे तू एक नज़र,
तृप्त वर्षा बहे,
मंज़िलें लापता,
श्याम कैसे चलें?
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले।।
दास की, देव की,
किसकी तोहीन है?
भक्त की ये दशा,
क्यों वो ग़मगीन है?
बढ़ते मेरे क़दम,
पर दशा हीन है,
पूछते हैं पता,
वो कहाँ लीन है?
हाल पे क़दमों का,
ज़ोर भी ना चले,
मंज़िलें लापता,
श्याम कैसे चलें?
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले।।
हो गई है ख़ता,
तो सज़ा दीजिए,
प्रेम से प्रेम की,
पर सुलह कीजिए,
मौन अब ना रहें,
कुछ बता दीजिए,
छुपती मुझसे खुशी,
का पता दीजिए,
ढूँढ़े ‘निर्मल’ तुझे,
अब लगा लो गले,
मंज़िलें लापता,
श्याम कैसे चलें?
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले।।
सहमी ख्वाहिश पले,
मंज़िलें लापता,
श्याम कैसे चलें?
ऐसे में साँवरे,
तू बता क्या करें,
घाव अब भी हरा,
जाने कैसे भरें,
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले।।
देती ही रहती है,
दर्द ये दिल्लगी,
जाना अब साँवरे,
क्या है ये ज़िंदगी?
ज़िंदगी वो नदी,
ऊँची लहरों भरी,
तैरने का हमें,
कुछ तजुर्बा नहीं,
कुछ तजुर्बा नहीं...
पहुँचा पानी गले,
ना किनारा मिले,
मंज़िलें लापता,
श्याम कैसे चलें?
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले।।
हाल बेहाल है,
आँखों में है नमी,
वक़्त भागे बड़ा,
हसरतें हैं थमी,
राहतें कुछ नहीं,
आज़माइशें कई,
सूखे अरमानों की,
टूटी-फूटी ज़मीं,
कर दे तू एक नज़र,
तृप्त वर्षा बहे,
मंज़िलें लापता,
श्याम कैसे चलें?
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले।।
दास की, देव की,
किसकी तोहीन है?
भक्त की ये दशा,
क्यों वो ग़मगीन है?
बढ़ते मेरे क़दम,
पर दशा हीन है,
पूछते हैं पता,
वो कहाँ लीन है?
हाल पे क़दमों का,
ज़ोर भी ना चले,
मंज़िलें लापता,
श्याम कैसे चलें?
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले।।
हो गई है ख़ता,
तो सज़ा दीजिए,
प्रेम से प्रेम की,
पर सुलह कीजिए,
मौन अब ना रहें,
कुछ बता दीजिए,
छुपती मुझसे खुशी,
का पता दीजिए,
ढूँढ़े ‘निर्मल’ तुझे,
अब लगा लो गले,
मंज़िलें लापता,
श्याम कैसे चलें?
भीगी पलकों तले,
सहमी ख्वाहिश पले।।
दिल को सकुन देने वाला श्याम भजन - भीगी पलकों तले - Bhigi Palko Tale - Soulful song By Sanjay Mittal
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Author - Saroj Jangir
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