कब्ज एसिडिटी और खट्टी डकार से राहत दिलाये हींग और जीरे का चूर्ण Heeng Jeera Churna Benefits
कब्ज शुरू में तो बहुत मामूली लगता है और हम सोचते हैं की ये स्वतः ही ठीक हो जाएगा। समय के साथ कब्ज गंभीर रोग बन जाता है और तमाम कोशिश के बाद भी ठीक होने का नाम नहीं लेता है। होता यह है की कोई भी रोग एक दिन में तो लगता नहीं, उसे जाने में वक़्त लगता है। इसलिए कब्ज के लिए आप आयुर्वेदिक नुस्खों का प्रयोग करे, धीरे धीरे आपके रोग अवश्य दूर हो जाएंगे। यदि आपको खट्टी डकारें आती है, पेट साफ़ नहीं होता है और गैस बनती हो तो आप हींग और जीरे का चूर्ण घर पर बनाकर इसका सेवन करें आपको कब्ज में सुधार होगा।
हींग और जीरे का चूर्ण कैसे बनाये
हींग और जीरे का चूर्ण आपकी पाचन क्षमता का विकास करता है। इसके सेवन से गैस और अजीर्ण जैसे विकार दूर होते हैं। यह चूर्ण बनाने के लिए आपको 20 ग्राम हींग, 100 ग्राम जीरा की
आवश्यकता होगी। जीरा लेते समय ध्यान रखें की काला जीरा अधिक गुणकारी होता है। जीरे को को हींग में मिलाकर मिक्सी से महीन पाउडर बना लें। अब इसमें आप अपने स्वाद के अनुसार काला नमक मिला लें। इस चूर्ण को आप हवाबंद डिब्बे में रखे।
आवश्यकता होगी। जीरा लेते समय ध्यान रखें की काला जीरा अधिक गुणकारी होता है। जीरे को को हींग में मिलाकर मिक्सी से महीन पाउडर बना लें। अब इसमें आप अपने स्वाद के अनुसार काला नमक मिला लें। इस चूर्ण को आप हवाबंद डिब्बे में रखे।
हींग और जीरे के चूर्ण का सेवन कब करें
इस चूर्ण का उपयोग आप खाना खाने के कुछ देर बाद गर्म पानी (पानी ज्यादा नहीं पिए ) के साथ सेवन करे। आप देखेंगे की कुछ ही दिनों में आपको भोजन के उपरांत भारीपन महसूस नहीं होगा। आफरा और गैस की समस्या भी समाप्त हो जायेगी।
हींग और जीरे के गुण
आप इस चूर्ण को लेने से पहले यह भी जान लीजिये की हींग और जीरा आपको रसोई में क्यों है। जाहिर सी बात है की यदि ये गुणहीन होते तो कब का इनका इस्तेमाल बंद हो गया होता। आइये जानते हैं हींग और जीरे के गुणों के बारे में।
हींग
आमतौर पर हींग (Asafoetida) को गरिष्ठ भोजन के भगार के साथ उपयोग करने का कारण यही है की यह गैस नाशक है और पाचन में सहयोगी होती है। हींग के सेवन के कई लाभ होते हैं क्योंकि हींग में जैसे कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, केरोटीन, राइबोफ्लेविन और नियासिन आदि लाभदायक विटामिन और खनिज होते हैं। घरों में हींग का प्रयोग कब्ज दूर करने, गैस को समाप्त करने के लिए किया जाता रहा है। इसकेअलावा शरीर में दर्द होने और दांतों के दर्द के लिए भी हींग का उपयोग किया जाता है।
जीरा Cumin
जीरा, जिसका हम सब्जी में तड़का देते हैं उसके कई औषधीय गुण भी हैं। जीरा का औषधीय उपयोग भी है। जीरा पाचन तंत्र को सुधरता है। जीरे में पाए जाने वाले कई गुण पाचन तंत्र को सुधारते हैं। जीरे में थायमाल जैसे ऑयल होते हैं जो सेलिवरी ग्लेंड्स को उत्तेजित कर पाचन तंत्र में सहयोग करते हैं। जीरे में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व पाचन की क्रिया को मजबूत बनाते हैं। आप जीरे की चाय का सेवन कर सकते हैं और आप जीरे को महीन पीस कर उसमे आंवले और अजवाईन को पीस कर उस में काला नमक मिला कर सेवन करने से अजीर्ण दूर होता है।
कब्ज के कारण और निवारण
कब्ज सूक्ष्म भी होता है और वृहद भी। वृहद कब्ज को आप ऐसे समझिये की समय पर मल का नहीं लगना, मल का अधिक ठोस या तरल होना, गैस, अजीर्ण, बदहजमी आदि। सूक्ष्म कब्ज से अभिप्राय है की मल त्याग तो हो रहा है लेकिन पूर्णतया नहीं। मल का कुछ भाग आँतों में पड़ा रह जाता है और गैस पैदा करता है। मल का कम आना और अनियमित आना भी कब्ज ही कहा जायेगा।
कब्ज के कारण
कब्ज सामान्यतया हमारे शरीर की प्रकृति के विरुद्ध खान पान की वजह से होता है। कब्ज के निम्न प्रमुख कारण होते हैं। आहार में फाइबर की कमी का होना।
- शारीरिक मेहनत का अभाव होना।
- बढ़ती उम्र के कारन कब्ज का होना।
- ज्यादा मसालेदार और तैलीय प्रदार्थों का सेवन करना।
- अनियमित दिनचर्या और समय पर शौच न जाना।
- दवाओं का अत्यधिक सेवन करना।
- प्रयाप्त मात्रा में पानी न पीना।
- गर्भावस्था के दौरान कब्ज का होना।
- मानसिक तनाव और चिंता करना।
- प्रयाप्त नींद की कमी।
- अस्त व्यस्त जीवन शैली का होना
कब्ज को कैसे दूर करें
कब्ज से सबंधित आयुर्वेदि ओषधियों के बारे में जानने से पहले आप स्वंय क्या कर सकते हैं इसके बारे में जानना अधिक श्रेयकर होता है। आइये जानते हैं की आप ऐसा क्या कर सकते हैं जिससे कब्ज की समस्या में सुधार हो पाए।भोजन में हरी सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें।
- फाइबर युक्त आहार लें। मैदा और महीन पीसे हुए अनाज के सेवन में सतर्क रहे।
- खाना खाने के थोड़ी देर बाद टहलें।
- दिन में प्रयाप्त मात्रा में पानी पिए।
- शारीरिक मेहनत करें।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट करें और खुश रहें।
- समय पर शौच जाएँ और मूत्र / मल को कभी रोकें नहीं।
- खाना खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पिए।
- ताजे फल और सब्जियों का उपयोग अधिक करें।
- डिब्बाबंद भोजन से दूर रहें।
कब्ज दूर करने के घरेलु उपाय
कुछ घरेलु उपायों से हम कब्ज को दूर कर सकते हैं। यदि क्रोनिक कब्ज हो तो वैद्य से संपर्क करें। कब्ज की समस्या में बताये गए उपायों का पालन करे लाभ मिलेगा। सुबह उठने के उपरान्त एक गिलास पानी पिने की आदत बनाये। आप निम्बू के रस में काला नमक मिलाकर पिए लाभ मिलेगा। भोजन के उपरांत कुछ देर तक सीधे लेटना चाहिए। भोजन ग्रहण के उपरांत बैठे रहना उचित नहीं होता है।
- रात के भोजन के उपरांत सीधे सोने को जाने के बजाय थोड़ा बहुत टहलना चाहिए।
- रात्रि के भोजन के उपरांत सोने से पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक चम्मच पानी का मिलाकर सेवन करना लाभदायी होता है।
- सुखी अंजीर को रात भर एक कटोरी पानी में भीगने दें और सुबह अंजीर का सेवन करें। अंजीर को दूध के साथ लेना लाभप्रद होता है।
- सुबह उठने के बाद एक गिलास पानी में एक निम्बू का रस मिलाकर इसमें काला नमक भी मिला लें और खाली पेट इसका सेवन करें।
- रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले इसबगोल के भूसी का सेवन करने से कब्ज दूर होता है।
- एक गिलास गुनगुने पानी में 2 चम्मच ऐलोवेरा जेल घोलकर पी लें।
- रात्रि कालीन भोजन में ज्यादा मैदा, जंक या प्रॉसेस्ड फूड न लें। इनमें फाइबर नहीं होता, जिससे कब्ज हो सकती है।
- शराब या सिगरेट पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और कब्ज की समस्या होती है।
- आयरन और कैल्शियम सप्लिमेंट्स रात में न लें, ऐसा करने पर कब्ज की समस्या हो सकती है।
- ज्यादा मात्रा में डेयरी प्रॉडक्ट्स का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे भी कई लोगों को कब्ज और गैस बनने की समस्या हो जाती है।
- देर रात चाय या कॉफी पीने से भी डाइजेशन खराब हो सकता है।
- चाय और कॉफी पीने से बचना चाहिए। थोड़ा सा मक्का लेने से पेट साफ होता है और कब्ज की समस्या में आराम मिलता है।
- रात्रि कालीन भोजन के उपरांत सोने से पहले त्रिफला चूर्ण / बहेड़ा चूर्ण का प्रयोग गुनगुने पानी के साथ करें लाभ मिलेगा।
- रात में ताम्बे के बर्तन में पानी भरकर रख दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें।
- खाने के उपरांत सौंफ का सेवन भी कब्ज को दूर रखता है आप चाहे तो सौंफ का चूर्ण बनाकर रख लें।
- अमरूद और पपीता कब्ज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अमरूद और पपीता को किसी भी समय खाया जा सकता है।
- पालक का रस पीने से कब्ज की शिकायत दूर होती है, खाने में भी पालक की सब्जी का प्रयोग करना चाहिए।
- कब्ज की समस्या से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और योगा करना लाभदायक होता है । गरिष्ठ भोजन करने से बचें और क्रोनिक कब्ज के लिए वैद्य से संपर्क करें।
- रात्रि कालीन भोजन के उपरांत शुद्धि चूर्ण का इस्तेमाल करें।
- रात को सोते वक्त अरंडी के तेल को हल्के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा।
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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin),
is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a
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