पतंजली नीम घनवटी क्या है परिचय What is Neem Ghanvati Introduction
नीम घनवटी, नीम से बनायी जाती है। प्राचीन समय से ही हमारे पूर्वजों ने नीम के गुणों को पहचान कर विभिन्न बिमारियों को ठीक करने के लिए नीम का उपयोग करना शुरू कर दिया था। आज भी गाँवों में फोड़े, फुंसी और त्वचा के विकारों के लिए नीम की छाल को घिस कर लगाया जाता है। नीम के पत्तों को अनाज भण्डारण के दौरान अनाज के बीच में रखा जाता है, ऐसा नीम के एंटीबैक्ट्रियल होने के कारण किया जाता है। नीम नीम में एंटी-सेप्टिक , एंटीवायरल , एंटी-पाइरेटिक , एंटी-इंफ्लेमटरी , एंटी-अल्सर तथा एंटीफंगल के गुण होते हैं। पतंजली नीम घनवटी एक आयुर्वेदिक दवा है जो नीम के पेड़ के छाल और जड़ से बनाई जाती है। यह त्वचा रोगों, रक्त को शुद्ध करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, कैंसर के खतरे को कम करने, मधुमेह के खतरे को कम करने, पेट के कीड़ों को मारने और सर्दी-जुकाम और बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करती है।पतंजलि नीम घनवटी के मुख्य घटक Patanjali Neem Ghanvati Ingredients Patanjali Neem Ghanvati Ke Ghatak
नीम घनवटी का मुख्य घटक एकमात्र नीम ही है। नीम एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। नीम में एंटीसेप्टिक, एंटीफंगल, एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट, कैंसर विरोधी, इम्यूनोमोड्यूलेटरी, और एंटीडायबिटिक गुण होते हैं। नीम का उपयोग त्वचा रोगों, रक्त को शुद्ध करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, कैंसर के खतरे को कम करने, मधुमेह के खतरे को कम करने, पेट के कीड़ों को मारने, और सर्दी-जुकाम और बुखार के लक्षणों को कम करने के लिए किया जाता है। नीम का इंग्लिश वानस्पतिक नाम Azadirachta indica है।
- नीम का स्वाद खट्टा, तीखा, लवणयुक्त, कसैला, कड़वा, मीठा और कटु होता है। यह कफ, पित्त और तीनों दोषों को नष्ट करता है। यह क्षय रोग को दूर करता है और मीठा होता है।
- नीम कफ और वात को नष्ट करता है। यह तीनों दोषों को नष्ट करता है। यह वात को नष्ट करता है। यह खांसी और सांस की समस्याओं को दूर करता है।
- नीम क्षय रोग को दूर करता है। यह स्निग्ध और मीठा होता है। यह कफ और वात को नष्ट करता है। यह तीनों दोषों को नष्ट करता है।
- नीम कड़वा, मीठा, कटु होता है। यह कफ और वात को नष्ट करता है। यह तीनों दोषों को नष्ट करता है।
नीम घनवटी के गुणों को जानने के लिए नीम के गुणों को पहचाना आवश्यक है। आइये जानने की कोशिस करते हैं की नीम क्या है और इसके ओषधीय गुण क्या हैं।
नीम : नीम एक ऐसा पेड़ है जिसका प्रत्येक भाग ओषधीय गुणों से भरपूर होता है। नीम की छाल , जड़ और पत्तियों में नीम के गुण छिपे हुए होते हैं। प्राचीन समय से ही नीम के गुणों को पहचान कर इसका उपयोग विभिन्न बिमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इसी कारण से नीम को सर्व रोग निवारिणी कहा जाता है। संस्कृत में नीम को अरिष्ट कहा जाता है जिसका मतलब होता है 'कभी ख़राब नहीं होने वाला'
नीम का औषधीय नाम एजाडिरेक्टा इण्डिका है। यह भारत में प्रधानता से पाया जाता है। भारत के अलावा ईरान और अफ्रीका में भी पाया जाता है। नीम का पेड़ लगभग ७५ फुट तक बढ़ता है। नीम के गुणों को पहचान उपरान्त ही भारत से कई देश नीम के पत्ते आयात करते हैं। आइये जानते हैं की नीम के औषधीय गुण क्या हैं।
नीम के औषधीय गुण : नीम तो गुणों का भंडार है, इसीलिए इसे गावों में दवाखाना कहा जाता है। इसके गुणों के कारण ही गाँव में बहुतयात से नीम के पेड़ पाए जाते हैं। नीम की जड़ से लेकर इसकी पत्तियों तक, हर भाग में ओषधीय गुण छिपे हुए हैं। नीम, प्रधानतया एंटी बैक्ट्रियल होता है, मतलब की कीटाणुओं का नाशक। यही कारण है की नीम की छाल और पत्तों का उपयोग त्वचा सबंधी रोगों के निवारण के लिए उपयोग किया जाता है। पारम्परिक दवाओं में नीम का उपयोग किया जाता है। गुजरात में चैत्र माह में नीम की पत्तियों को चबाने और उसका रस पिने की परम्परा है जो इसके गुणों की महत्ता को दर्शाता है। चैत्र माह में इसके ताजा पत्ते रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और संक्रमण को रोकने के लिए उपयोग में लाये जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने नीम को इक्कीसवी सदी का वृक्ष घोषित किया है। वर्तमान में कई उत्पादनों में नीम का उपयोग लिया जाता है जैसे, नीम साबुन, नीम शैम्पू, नीम टूथपेस्ट और दवाओं में नीम का उपयोग किया जाता है।
नीम घनवटी या नीम के उपयोग के गुण : नीम के गुणों को आप सीधे नीम के सेवन या नीम घनवटी के सेवन से प्राप्त कर सकते हैं। नीम के कोई बड़े साइड इफेक्ट्स नहीं होते फिर भी आपकी सेहत की प्रवर्ति के अनुसार नीम या नीमघनवटी के सेवन से सबंधित दिशा निर्देशों के लिए आप पतंजलि चिकित्सालय में निःशुल्क सलाह ले सकते हैं।
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पतंजलि नीम घनवटी के गुण/उपयोग Patanjali Neem Ghanvati ke Fayde Patanjali Neem Ghanvati Benefits
नीम का उपयोग रक्त शुद्धि के लिए
हमारे शरीर में करोड़ों कोशिकों को रक्त के माध्यम से ही पोषण मिलता है। वर्तमान के खान पान और जीवन शैली के कारन रक्त में विषाक्त कणों की संख्या बढ़ गयी है। यदि शरीर से ये विषाक्त तत्व बाहर ना निकल पाएं तो शरीर में ही रह जाते हैं और खून में घुल मिल जाते हैं जिसके परिणाम स्वरुप अनेकों रोग उत्पन्न हो जाते हैं। रक्त की अशुद्धि से कई रोग हो जाते हैं लेकिन प्रधान रूप से त्वचा से सबंधित रोग जल्दी होते हैं। हरी सब्जियां, चिरायता, तुलसी और आंवला रक्त को साफ़ करते हैं लेकिन नीम का उपयोग रक्त शुद्धि के लिए भी किया जाता है। इसके लिए आप नीम का सेवन करें और त्वचा विकारों के लिए नीम की पत्तियों को उबालकर गुनगुने पानी से नहाएं। नीम में मौजूद आयुर्वेदिक गुण रक्त से विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकालने में मददगार होते हैं। इसके लिए जब नीम में सर्दियों के बाद कोपल लगनी शुरू हो जाय तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार नीम की ताज़ी पत्तियों का उपयोग श्रेयकर होता है। अन्य समय में आप नीम की दो से चार पत्तियों को मुँह में चबा कर लाभ ले सकते हैं।मधुमेह में नीम का उपयोग
मधुमेह में नीम का सेवन लाभदायक हो सकता है। इन्सुलिन के स्तर और शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में नीम का रस उपयोगी हो सकता है। मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर की सलाह के उपरांत नीम का उपयोग करना चाहिए। इंडियन जनरल ऑफ फिजियोलॉजी एंड फारमाकोलोजी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार नीम कई सारे रोगों के आगमन को रोकने या विलंबित करने में कारगर होता है। नीम की पत्तियां ग्लाइकोसाइड्स और एंटी वायरल गुणों से भरपूर होती हैं, जो आपका ब्लड शुगर लेवल संतुलित करने में आपकी मदद करती हैं। विशेषज्ञ रोज सुबह खाली पेट नीम की ताजी पत्तियां पीसकर उनसे एक चम्मच रस निकालकर पीने की सलाह देते हैं।नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीना - नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। नीम के पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए, 10-15 नीम के पत्तों को 2 कप पानी में 10-15 मिनट तक उबाल लें। काढ़ा छानकर ठंडा करके पीएं।
नीम की गोलियां या कैप्सूल लेना - नीम की गोलियां या कैप्सूल भी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार हैं। नीम की गोलियां या कैप्सूल लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।
एक अध्ययन के अनुसार, नीम के पत्तों के अर्क का उपयोग करने से मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर में 14% की कमी आई है। एक अन्य अध्ययन के अनुसार, नीम के पत्तों का काढ़ा पीने से मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर में 10% की कमी आई है।
पतंजलि नीमघन वटी नीम से मुँह से सबंधित बिमारियों के लिए उपयोग
नीम का दातुन हमारे बड़े बूढ़े करते हैं और इसके गुणों को पहचान कर कई मल्टीनेशनल कम्पनियाँ भी अपने टूथपेस्ट में नीम का समावेश करने लगी हैं। नीम के एंटी बैक्ट्रियल गुणों के कारण यह मुँह के कीटाणुओं का अंत करता है, मसूड़ों की सूजन कम करता है और दांतों को स्वस्थ रखने में मददगार होता है। आप नीम की दातुन के अलावा नीम की पत्तियों का रस निकालकर मसूड़ों पर इसे लगाएं और अंगुली से दातुन करें तो इसका लाभ जल्दी प्राप्त होता है। नीम के दातुन और इसके रस से मसूड़ों पर लगाने से मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है, मसूड़ों की सूजन और कीड़ों की रोकथाम होती है और साथ ही मुँह के छाले भी ठीक होते हैं। नीम के रस से कुल्ला करना आपके लिए फायदेमंद होता है।- मुँहासे - नीमघन वटी मुंहासों को कम करने में मदद करती है। यह त्वचा से अतिरिक्त तेल और गंदगी को हटाती है, जो मुंहासों के विकास का कारण बनते हैं।
- मुंह के छाले - नीमघन वटी मुंह के छालों को ठीक करने में मदद करती है। यह मुंह में सूजन और दर्द को कम करती है।
- दाद - नीमघन वटी दाद को ठीक करने में मदद करती है। यह दाद के कारण होने वाली खुजली और जलन को कम करती है।
- फंगल संक्रमण - नीमघन वटी फंगल संक्रमण को ठीक करने में मदद करती है। यह मुंह में फंगल संक्रमण के कारण होने वाली लालिमा और सूजन को कम करती है।
नीम के अन्य लाभ निम्नलिखित हैं:
त्वचा रोगों के इलाज में नीम घंनवटी के फायदे
रक्त को शुद्ध करने में नीम घंनवटी के फायदे
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में नीम घंनवटी के फायदे
नीम में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं। फ्री रेडिकल्स शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकते हैं। नीम के एंटीऑक्सीडेंट गुण इन फ्री रेडिकल्स को नष्ट करने में मदद करते हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
नीम में इम्यूनोमोड्यूलेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को संतुलित करने में मदद करते हैं। जब प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, तो यह संक्रमण से लड़ने में सक्षम नहीं होती है। जब प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत मजबूत होती है, तो यह स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला कर सकती है। नीम के इम्यूनोमोड्यूलेटरी गुण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सामान्य स्तर पर बनाए रखने में मदद करते हैं।
नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो शरीर को बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। बैक्टीरिया संक्रमण का एक आम कारण हैं। नीम के एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर को बैक्टीरिया के संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। इन गुणों के कारण, नीम घंनवटी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकती है। यह शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
कैंसर के खतरे को कम करने में नीम घंनवटी
नीम कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करती है। नीम में कैंसर विरोधी गुण होते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को रोकने में मदद करते हैं। नीम घंनवटी एक आयुर्वेदिक दवा है जो नीम, हल्दी, गंधक, सोंठ, लवंग, और मिर्च जैसे औषधीय पौधों से बनाई जाती है। यह दवा कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोगी मानी जाती है, जिसमें कैंसर भी शामिल है। शोधों से पता चला है कि नीम घंनवटी में कैंसर रोधी गुण होते हैं। यह दवा कैंसर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को रोकने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, यह दवा कैंसर से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी मदद कर सकती है।मधुमेह के खतरे को कम करने में नीम घंनवटी के
नीम मधुमेह के खतरे को कम करने में मदद करती है। नीम में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। नीम घंनवटी एक आयुर्वेदिक दवा है जो नीम, हल्दी, गंधक, सोंठ, लवंग, और मिर्च जैसे औषधीय पौधों से बनाई जाती है। यह दवा कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोगी मानी जाती है, जिसमें मधुमेह भी शामिल है। शोधों से पता चला है कि नीम घंनवटी में मधुमेह रोधी गुण होते हैं। यह दवा रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, यह दवा इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता को बढ़ाने में भी मदद कर सकती है।पेट के कीड़ों को मारने में नीम घंनवटी के
नीम पेट के कीड़ों को मारती है और पाचन में सुधार करती है। नीम में एंटीपैरासिटिक गुण होते हैं, जो पेट के कीड़ों को मारने में मदद करते हैं। नीम घंनवटी एक आयुर्वेदिक दवा है। यह दवा कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोगी मानी जाती है, जिसमें पेट के कीड़े भी शामिल हैं। शोधों से पता चला है कि नीम घंनवटी में एंटीपैरासिटिक गुण होते हैं। यह दवा पेट के कीड़ों को मारने और उन्हें बाहर निकालने में मदद कर सकती है। इसके अलावा, यह दवा पेट की पर्यावरण को स्वस्थ बनाने में भी मदद कर सकती है, जिससे पेट के कीड़ों को फिर से होने से रोका जा सकता है।सर्दी-जुकाम और बुखार के लक्षणों को कम करने में नीम घंनवटी
नीम सर्दी-जुकाम और बुखार के लक्षणों को कम करती है। नीम में एंटीसेप्टिक और एंटीवायरल गुण होते हैं, जो सर्दी-जुकाम और बुखार के कारण होने वाले संक्रमण को रोकने में मदद करते हैं। नीम एक अत्यंत गुणकारी पेड़ है जिसका उपयोग आयुर्वेद में कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। नीम के औषधीय गुणों के कारण इसे "कल्पवृक्ष" भी कहा जाता है। सर्दी-जुकाम और बुखार दो सबसे आम बीमारियाँ हैं जो बच्चों और वयस्कों को प्रभावित करती हैं। ये बीमारियाँ आमतौर पर वायरस के कारण होती हैं, जिनका इलाज एंटीबायोटिक्स से नहीं किया जा सकता है। नीम घंनवटी एक आयुर्वेदिक दवा है जो नीम, हल्दी, गंधक, सोंठ, लवंग, और मिर्च जैसे औषधीय पौधों से बनाई जाती है। यह दवा कई प्रकार के स्वास्थ्य समस्याओं के लिए उपयोगी मानी जाती है, जिसमें सर्दी-जुकाम और बुखार के लक्षण भी शामिल हैं। शोधों से पता चला है कि नीम घंनवटी में एंटीवायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।पतंजलि नीमघन वटी त्वचा के लिए नीम का उपयोग :
त्वचा से सबंधित अनेकों रोग जैसे त्वचा का संक्रमण, जलन, चकते, खाज खुजली के लिए नीम का उपयोग अत्यंत ही लाभदायक होता है। नीम में एंटी सेप्टिक और एंटी बैक्ट्रियल गुण होते हैं। इसके लिए आप नीम के ५० से ६० पत्ते लेकर ( एक बड़ी टहनी ) लेकर पानी में उबाल लें। उबलने के बाद जब पानी हरा हो जाय और पत्ते गहरे रंग के हो जाय तो उस पानी के गुनगुने होने पर उस से नहाये या फिर त्वचा को उस पानी से धोएं। इससे त्वचा के संक्रमण दूर होता है। फोड़ों पर नीम की छाल को बहुत धीरे धीरे घीसे और उसे फोड़ों पर लगाएं, लाभ मिलेगा। मुहांसों के लिए नीम की पत्तियों का रस निकाल लें और मुँह को दो से तीन बार उसे पानी में मिला कर धोएं, लाभ मिलता है।रुसी और जूं के लिए नीम का उपयोग नीमघनवटी
नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर सर में लगाने से बालों में रुसी और अन्य कीटाणु समाप्त होते हैं, ऐसा नीम में पाए जाने वाले एंटी बैक्ट्रियल गुणों के कारण से होता है। रात को सोते समय हलके नीम का पानी सर पर लगाकर सोने से लाभ मिलता है।पेट के कीड़े समाप्त करने के लिए नीमघनवटी
नीम घनवटी या नीम के पत्तों के सेवन से पेट के कीड़े समाप्त होते हैं। नीम के पत्ते चबाने से पेट के परजीवी समाप्त होते हैं।नीम से कैंसर की रोकथाम नीमघनवटी
नीम से कैंसर की रोकथाम हो सकती है। रोसवेल पार्क कैंसर संस्थान में शोधकर्ताओं के 2014 के एक अध्ययन के अनुसार, नीम के बीज, पत्ते, फूल और फल का अर्क, कैंसर के की रोकथाम में सहयोगी साबित हो सकते हैं। इस सबंध में डॉक्टर से सलाह लेवे।पतंजली नीम घनवटी या नीम के सेवन से अन्य लाभ : Patanjali Neem Ghanvati Ke Any Faayde
- नीम शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है।
- नीम के एंटी बैक्ट्रियल गुण शरीर में विषाणुओं के संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
- शरीर से विषाक्त प्रदार्थों को बाहर निकालने में नीम उपयोगी होता है।
- नीम के पानी से आँखों को धोने से "आँख आना" संक्रमण में लाभ मिलता है।
- नीम की पत्तियों के सेवन से हृदय सबंधी रोग में मदद मिलती है।
- दाँतों और मसूड़ों के लिए नीम की दातुन श्रेष्ठ होती है।
- नीम के पानी से नहाने से त्वचा सबंधी विकार दूर होते हैं और फोड़े फुंसी दूर होते हैं।
- नीम के पेस्ट को आँखों के निचे लगाने से काले घेरे और झाइयां दूर होती हैं।
- ततैया, बिच्छू, और मछरों के काटने पर नीम के पत्तों का पेस्ट लगाने से राहत मिलती है, सूजन और जलन कम होती है।
- जलने कटने पर नीम की पत्तियों का पेस्ट लगाने से घाव जल्दी भरता है और बढ़ता नहीं है।
- कानों में दर्द, कानों का बहना और कान में परजीवी होने पर नीम का तेल लगाने से लाभ मिलता है।
- बालों में नीम लगाने से रुसी और फंगस दूर होते हैं।
- नीम के सेवन से पित्त सही होता है और पित्त जनित व्याधियों से छुटकारा मिलता है।
- संक्रमण जनित रोग जैसे स्माल पाक्स, चिकन पाक्स और चेचक फैलने से नीम फायदेमंद होता है।
- मलेरिया में नीम प्रभावी दवा होता है इसके लिए चिकित्सक से सलाह लें।
- अनाज और मच्छरों की रोक थाम के लिए नीम प्रभावी दवा होती है।
- जोड़ों के दर्द के लिए नीम का तेल लाभदायक होता है।
- नीम गले के संक्रमण को दूर करता है।
नीम घनवटी या नीम के सेवन में सावधानियां
नीम एक ओषधि है इसलिए इसके उपयोग से पूर्व चिकित्सक की राय अवश्य लेवें। गर्भवती महिला को इसका सेवन सामान्यतया नहीं करना चाहिए। यदि किसी अन्य रोग की दवा चल रही हों तो नीम का उपयोग ना करें और डॉक्टर की सलाह लेवें। लम्बे समय तक का सेवन ना करें। ज्यादा मात्रा में नीम का सेवन हानिकारक हो सकता है। छोटे बच्चों को नीम देने से परहेज करें। नीम के सेवन से सबंधित और लाभ से सबंधित जानकारी के लिए चिकित्सक की राय लें।पतंजलि नीम घनवटी : पतंजलि आयुर्वेद के द्वारा नीम के गुणों को पहचानकर इसका उपयोग कई दवाओं में किया जाता है। नीमघनवटी में केवल नीम ही होता है। यह गोली (टेबलेट्स) आकर में आता है। इसके मूल्य, लाभ और खरीदने के लिए पतंजलि आयुर्वेद की अधिकृत और ऑफिसियल वेब साइट पर विजिट करें जिसका लिंक निचे दिया जा रहा है।
Patanjali Neem Ghan Vati helps in reducing pimples or acne on face and also helps in the treatment of several skin diseases.
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नीम के फायदे Neem Ke Fayde Hindi Me
नीम में कई औषधीय गुण होते हैं, जो कई बीमारियों के इलाज में मदद कर सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख फायदे निम्नलिखित हैं:त्वचा रोगों के इलाज में
सौंदर्य प्रसाधनों में
नीम का उपयोग कैसे करें:
नीम का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है। इनमें से कुछ प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:
- चबाना: नीम की पत्तियों को चबाने से मुंह के छालों, मसूड़ों की बीमारी और अन्य मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिल सकती है।
- चाय: नीम की पत्तियों से चाय बनाकर पीने से त्वचा रोगों, पाचन समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिल सकती है।
- ओषधि: नीम की पत्तियों, छाल और अन्य भागों से बनी दवाओं का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है।
- कीटनाशक: नीम का उपयोग जैविक कीटनाशक के रूप में किया जाता है। नीम की पत्तियों, छाल और बीजों का उपयोग कीटों को मारने के लिए किया जाता है।
- खाद्य पदार्थों में: नीम का उपयोग खाद्य पदार्थों, जैसे कि मिठाई, आइसक्रीम, चॉकलेट और अन्य उत्पादों में स्वाद और सुगंध बढ़ाने के लिए किया जाता है।
- सौंदर्य प्रसाधनों में: नीम का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों, जैसे कि साबुन, शैंपू, मॉइस्चराइज़र और अन्य उत्पादों में त्वचा और बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।
नीम का परिचय आयुर्वेदिक रूप में
नीम एक ऐसा पेड़ है जिसे आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया जाता है। इसे "अमृत वृक्ष" के नाम से भी जाना जाता है। नीम में कई औषधीय गुण होते हैं, जो कई बीमारियों के इलाज में मदद कर सकते हैं।नीम के औषधीय गुण
नीम में निम्नलिखित औषधीय गुण होते हैं:
- एंटीबायोटिक: नीम एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक है, जो बैक्टीरिया, वायरस और कवक को मारने में मदद करता है।
- एंटीफंगल: नीम एक शक्तिशाली एंटीफंगल है, जो फंगल संक्रमणों को ठीक करने में मदद करता है।
- एंटी-इंफ्लेमेटरी: नीम एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी है, जो सूजन को कम करने में मदद करता है।
- एंटीऑक्सीडेंट: नीम एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो शरीर को मुक्त कणों से बचाने में मदद करता है।
- कीटनाशक: नीम में कीटनाशक गुण होते हैं, जो कीटों को मारने में मदद करते हैं।
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |