पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के फायदे, घटक, नुकसान, कीमत Patanjali Ashvashila Capsules Benefits Hindi

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के फायदे, घटक, नुकसान, कीमत Patanjali Ashvashila Capsules Benefits in Hindi

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के बारे में आप इस पोस्ट में विस्तार से जानेंगे। आप इस पोस्ट में जान पाएंगे की पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल क्या है, इसके घटक क्या हैं और इसका सेवन कैसे किया जाता है। पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल पुरुषों की प्रजनन क्षमता के लिए एक विशेष टॉनिक की तरह कार्य करता है, क्योंकि यह वीर्य उत्पादन को बढ़ाता है और इसके साथ ही वीर्य को गाढ़ा (शुक्राणु की गुणवत्ता ) भी बनाता है। इसके अलावा, यह इंकोंटिनेंस और स्वतः वीर्य के रिसाव (Seminal Leakage) को भी ठीक करता है। ये कैप्सूल यौन कमजोरी और सामान्य कमजोरी के लिए एक बहुत अच्छा हर्बल उपाय है 

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के फायदे, घटक, नुकसान, कीमत Patanjali Ashvashila Capsules Benefits in Hindi
 

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल क्या है What is Patanjali Ashvashila Capsule in Hindi

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल अश्वगंधा और शिलाजीत के संयोजन से बनाई गई एक दवा है जो कैप्सूल फॉर्म में उपलब्ध है। यह यौन कमजोरी को तो दूर करता है है अपितु थकान, तनाव और सामान्य शारीरिक कमजोरी को भी दूर करता है। पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल से अस्थमा, एलर्जी, मधुमेह न्यूरोपैथी में लाभकारी है साथ ही यह रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए भी एक उत्तम आयुर्वेदिक ओषधि है। 
 

पतंजलि अश्वशिला के घटक Ingredients of Patanjali Ashwashila Capsule

  • Ashwagandha (Withania somnifera) - अश्वगंधा
  • Shilajit (Mineral pitch) - शिलाजीत

लक्षण /Indications

इसका प्रयोग थकान, तनाव, एलर्जी, जोड़ों का दर्द और प्रतिरक्षा क्षमता की कमी के मामलों में किया जाता है। This is indicated in cases of fatigue, stress, allergy, joint pain, and loss of immunity.यह कैप्सूल थकान, तनाव, एलर्जी, जोड़ों का दर्द और प्रतिरक्षा की कमी में सुधार लाता है। 

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल कैसे काम करती है How does Patanjali Ashvashila Capsule work

पतंजलि अश्वगंधा कैप्सूल शरीर की थकान मिटाता है और यौन दुर्बलता को दूर कर मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर करता है। स्टेमिना बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में जो दवाएं होती हैं उनमें अश्वगंधा और शिलाजीत का भी उपयोग होता है। अतः ये शक्तिवर्धक भी होती है। चूँकि इस ओषधि में अश्वगंधा होता है इसलिए यह एंग्जायटी और डिप्रेशन को दूर करने में भी सहायक होता है।

Patanjali Ashvashila Capsule के लाभ Patanjali Ashvashila Capsule Benefits in Hindi

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल यौन दुर्बलता को दूर करता है। यह आयुर्वेदिक दवा बिना डॉक्टर/वैद्य की पर्ची के पतंजलि चिकित्सालय/स्टोर्स या अन्य दवा दुकानों पर उपलब्ध होती है। 
 
Patanjali Ashvashila Capsules Benefits in Hindi

 

इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक है पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल

शिलाजीत और अश्वगंधा के चूर्ण से निर्मित यह कैप्सूल शरीर की कमजोरी को दूर करके रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने में सहायक है। अश्वगंधा के सेवन से शारीरिक कमजोरी दूर होती है। इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव के कारण अश्वगंधा के सेवन से शारीरिक कमजोरी दूर होती है और संक्रामक और मौसमी बीमारियों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है। अतः पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के सेवन से इम्युनिटी पावर बढ़ता है। यदि आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करना चाहते हैं और बार बार बीमार पड़ने से बचना चाहते हैं तो आप इस कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं या फिर आप अश्वगंधा चूर्ण और शिलाजीत का सेवन स्वतंत्र रूप में भी कर सकते हैं। शिलाजीत और अश्वगंधा, दोनों ही इम्युनिटी बूस्टर होते हैं।

एंग्जायटी और डिप्रेशन में लाभकारी

अश्वगंधा चूर्ण के विषय में उल्लखनीय है की यह मानसिक तनाव को कम करके, स्मरण शक्ति को बढाता है और साथ ही अवसाद को दूर करने में सहायक होता है। अतः शिलाजीत और अश्वगंधा के संयुक्त संयोजन से यह कैप्सूल एंग्जायटी और डिप्रेशन में लाभकारी होते है। अश्वगंधा के इस गुण के विषय में कई नए शोध भी प्रकाशित हुए हैं।

यौन शक्ति दुर्बलता को दूर करने और यौन शक्ति में वृद्धि के लिए

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल (patanjali ashwashila capsule) के विशेष फायदों में एक फायदा है की इसके सेवन से यौन दुर्बलता दूर होती है। अश्वगंधा और शिलाजीत दोनों ही टेस्टोस्टेरॉन (पुरुष सेक्स हार्मोन) की वृद्धि करते हैं। शिलाजीत के सेवन से शरीर में तमाम तरह के रोगों से लड़ने की क्षमता का विकास होता है और यौन प्रदर्शन में सुधार होता है। यह शीघ्रपतन और वीर्य रिसाव में भी लाभकारी होता है।
 

इरेक्टाइल डिसफंक्शन के लिए भी गुणकारी है पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल

स्तंभन दोष को दूर करने में भी पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल सहायक होता है। स्तंभन दोष आगे चलकर नपुंसकता का कारण बनती है।

मस्तिष्क को शक्ति देने में सहायक

अश्वशिला से तंत्रिका तंत्र की कमजोरी को दूर कर मस्तिष्क को भी ताकत देता है। कई प्रकार के मानसिक विकार यथा, मानसिक थकान, कमजोरी, याददास्त में कमी, आदि में लाभकारी है पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल।

कामेच्छा को बढ़ाने ले लिए उपयोगी

अश्वशिला में चूँकि शिलाजीत और अश्वगधा प्रधान घटक  होते हैं जिनकी तासीर गर्म और उत्तेजक होती है। अतः इस कैप्सूल के सेवन से काम ईच्छा में इजाफ़ा होता है। 
 

शीघ्रपतन और स्तंभन में लाभकारी

उल्ल्खनीय है की पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के सेवन से लिंग में रक्त का स्त्राव बढ़ता है और लिंग को रक्त से लाल बनाता है। इसके सेवन से स्तम्भन में सुधार होता है और शीघ्रपतन का विकार दूर होता है।  
 
विस्तार से जानें : 

कफ को दूर करने में सहायक

अश्वगंधा और शिलाजीत दोनो की तासीर गर्म होती है और दोनों में ही ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कफ को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। महिलाओं में कई कारणों से गर्भाशय का द्वार बंद हो जाता है, ऐसे में यह कैप्सूल लाभकारी होता है। अतः यह कैप्सूल महिलाओं के लिए भी लाभकारी होता है। 

अश्वशिला कैप्सूल जोड़ो के दर्द और सामान्य कमर दर्द में लाभकारी

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल जोड़ों के दर्द और कमर के दर्द में प्रभावी होता है। शिलाजीत और अश्वगंधा दोनों ही जोड़ों के दर्द को दूर करने में प्रभावी होते हैं। 

अतः हमने जाना की अश्वशिला कैप्सूल होने से होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार है-
  1. यौन दुर्बलता को दूर करने में सहायक।
  2. अस्थमा में लाभकारी, स्वसन विकारों में लाभदाई।
  3. मधुमेह में गुणकारी।
  4. मानसिक तनाव को दूर करने में सहायक।
  5. शारीरिक कमजोरी को दूर कर रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए।
  6. मूत्र संबंधी विकार में लाभदाई।
  7. प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने में।
  8. शारीरिक कमजोरी को दूर करने में सहायक।
  9. लिंग की शिथिलता को दूर करने और स्तम्भन क्षमता के विकास में सहायक।
  10. शीघ्रपतन के इलाज में सहायक।
  11. स्वप्नदोष को दूर करने में सहायक।
  12. गाउट और  जोड़ो के दर्द में लाभदाई।
  13. कफ और वात दोष को संतुलित करने में।
  14. कामेच्छा की वृद्धि में सहायक।
पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के फायदे, घटक, नुकसान, कीमत Patanjali Ashvashila Capsules Benefits in Hindi

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल की खुराक Patanjali Ashvashila Capsule Dosage in Hindi

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल को आप वैद्य की सलाह के अनुसार गर्म दूध के साथ ले सकते हैं। सामान्य रूप में १ से २ कैप्सूल (1-2 capsule twice daily or as directed by the physician) रात्रि को भोजन के उपरान्त गर्म दूध के साथ लेना गुणकारी होता है। जिन व्यक्तियों को दूध से एलर्जी हो वे इसका सेवन पानी के साथ कर सकते हैं।

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स Patanjali Ashvashila Capsule Side Effects in Hindi

निर्धारित मात्रा से अधिक अश्वशिला कैप्सूल का सेवन करते हैं, तो यह कुछ नुकसान दायक साबित हो सकता है। ज्यादा मात्रा में अश्वशिला कैप्सूल का सेवन करने से आपको दस्त (अतिसार) और पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। आपको अपने चिकित्सक द्वारा बताई गई मात्रा का पालन करना चाहिए और केवल उनकी सलाह पर ही अश्वशिला कैप्सूल का सेवन करना चाहिए। शराब/एल्कोहॉल के सेवन के उपरान्त अश्वशिला कैप्सूल का उपयोग नहीं करना चाहिए। शराब के साथ इसका सेवन करने से यह विपरीत प्रभाव डाल सकता है। पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल खरीदने से पूर्व जांच कर लें की दवा की निर्माण तिथि और एक्सपायरी डेट जांच अवश्य ही कर लेवें। किसी अन्य बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को चिकित्सक की सलाह के इस कैप्सूल का उपयोग नहीं करना चाहिए।
 
पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल साइड इफेक्ट्स के लक्षण
  1. शरीर में गर्मी का बढ़ना।
  2. यूरिक एसिड बनना
  3. गर्मी के कारण हाथ, पैरों के तलवों में जलन बने रहना।
  4. एसिडिटी का उत्पन्न हो जाना।
  5. कब्ज़, अपच और गैस का बनना।  
  6. चेहरे पर कील मुँहासे में वृद्धि का होना। 

क्या पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के उपयोग से नींद आती है Does consumption of Patanjali Ashvashila Capsule

यह आयुर्वेदिक ओषधि है जो नींद और थकान को मिटाती है, अतः इससे नींद नहीं आती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल की अधिक मात्रा से अधिक नींद आ सकती है।

क्या पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल का उपयोग लम्बे समय तक किया जा सकता है Is it safe to use Patanjali Ashvashila Capsule

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल का उपयोग लम्बे समय तक स्वंय की मर्जी से नहीं करना चाहिए, वैद्य की सलाह के उपरान्त ही निर्धारित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए। 

अश्वशिला कैप्सूल का कम्पोजीशन/घटक Ingredients of Patanjali Ashwashila Capsule

शिलाजीत कैप्सूल में प्रत्येक कैप्सूल में निम्न घटक होते हैं :-
  1. अश्वगंधा Extract of Aswagandha (Withania somnifera) 200 mg
  2. शिलाजीत Dry extract of Asphaltum (Shilajit) 200 mg

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल कहां से खरीदें (How to Buy Patanjali Ashvashila)

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल को आप पतंजलि चिकित्सालय/पतंजलि स्टोर्स या किसी भी आयुर्वेदिक दवा विक्रेता के यहाँ से खरीद सकते हैं। आप इसे पतंजलि की अधिकृत वेबसाईट से भी खरीद सकते हैं जिसका लिंक निचे दिया गया है। 
As per Patanjali Ayurveda "Patanjali Ashvashila Capsule" is beneficial in-
  1. Ashvashila Capsules Is a Specific Tonic to Male Fertility as It Increases Semen Production.
  2. It Helps to Treat Premature Ejaculation and Seminal Leakage It Also Treats Incontinence and Unrestrained Urinary Dribbles.
  3. Its Rasayana Properties Rejuvenate Deficiencies in Semen, Helping to Build Sperm Quality and Quantity.
  4. Its Heating Energetics Stimulate the Reproductive System, While Its Unctuousness and Sweet Nature Nourish Semen.
  5. It Brings Blood to the Penis and Therefore Facilitates Erectile Function.
  6. Contains Shilajit as a Hot and Stimulating Herb It Can Be Used for Cold and Sluggish Conditions Such as Low Libido and Impotence.
  7. It Can Also Benefit Infertility When There Is a Congested Uterus From Excess Kapha.

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल की कीमत

यह लेख लिखे जाने तक  पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल/Patanjali Ashvashila Capsule 11 g की कीमत रुपये MRP: Rs 100 है। नवीनतम कीमत के लिए आप पतंजली की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करें। निर्माण तिथि से 24 महीने तक यह दवा सर्वश्रेष्ठ होती है।



जानिए पतंजलि अश्वशिला कितना प्रभावकारी है || || Dr Anurag Varshney

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के फायदे, घटक, नुकसान, कीमत Patanjali Ashvashila Capsules Benefits in Hindi
 
 

क्या पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल नपुसंकता का इलाज करने में सहायक है?

इस विषय में कोई प्रामाणिक और शोध आधारित जानकारी उपलब्ध नहीं है। यदि आप इस विकार से पीड़ित हैं तो डॉक्टर से इसका उचित इलाज करवाएं।
 

अश्वशिला कैप्सूल कितने दिन तक खाना चाहिए?

इस कैप्सूल का सेवन आप चिकित्सक/वैद्य की सलाह के उपरान्त करें। अधिक मात्रा में इसका सेवन करना, लम्बे समय तक इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
 

अश्वशिला कैप्सूल खाने से क्या होता है?

अश्वशिला कैप्सूल शिलाजीत और अश्वगंधा के मिश्रण से बनाया जाता है। यह मांशपेशियों को मजबूत बनाकर यौन दुर्बलता को दूर करता है।
 

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के घटक (Ingredients) की विस्तृत जानकारी

पतंजलि अश्वशिला कैप्सूल के घटक की जानकारी निचे दी गई है। 

अश्वगंधा Withania somnifera (Linn.) Dunal/Winter cherry

अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक पौधा (छोटा पादप ) होता है। अश्वगंधा (horse's smell) या असगंध (Withania somnifera/विथानिया सोम्निफेरा (Withania somnifera) एक छोटा पौधा  होता है। यह Solanaceae or nightshade family कुल का पौधा है। इसका उपयोग आयुर्वेद में कई प्रकार के विकारों की रोकथाम के लिए किया जाता है। अश्वगंधा का उपयोग मोटापा कम करने, वीर्य को बढ़ाने, सामान्य दुर्बलता को कम करने, शरीर की ताकत को बढ़ाने वाला, कफ को दूर करने वाला होता है। अश्वगंधा की ताज़ी जड़ में घोड़े की पेशाब जैसी महक आती है। अश्वगंधा के गुणों के कारण ही इसे भारतीय जिनसेंग भी कहा जाता है।
 
आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, अश्वगंधा विशेष रूप से वात और कफ को संतुलित करता है। इसकी तासीर गर्म होती है जिसके कारण से पित्त में वृद्धि हो सकती है। 
 
अश्वगंधा बलवर्धिनी त्रिदोषहरी सुखावहा।
वृद्धिकरी रसायनी श्लेष्मला शीतला वर्धनी॥  -चरक संहिता
अश्वगंधा बल बढ़ाने वाली होती है और तीनों दोषों को शांत करने वाली है। इसका सेवन शरीर में शक्ति को लाता है। यह शक्ति वृद्धि करने वाली औषधि है, रसायन स्वरूप है, श्लेष्मा बढ़ाने वाली है और शीतलता को वृद्धि करती है।
अश्वगंधा च स्वर्ण्यष्टीव वाजीकार्ये करोति वै।
पुष्टिकारी बलवर्धिनी वीर्यकरी मनोवर्धिनी॥  -भावप्रकाश

अश्वगंधा स्वर्ण के समान महत्त्वपूर्ण है और वीर्य कार्यों को बढ़ाती है। यह पोषण करने वाली होती है, बल बढ़ाने वाली होती है, वीर्य को बढ़ाने वाली होती है और मन को वृद्धि करती है।
 
अश्वगंधा वजीकरा च स्वरसायनशोभिता।
वृष्याणी च यशस्करी बलवर्धनद्वयापहा॥  -रसतरंगिणी

अश्वगंधा वजीकरी है और स्वरसायन के सौंदर्य से युक्त है। यह बलवर्धक और यश प्रदान करने वाली है 
 
वृष्यं तृप्तिं बलं चैव बुद्धिमेधां च वर्धयेत्।
स्नेहानुरूपं स्नेहं च जीवनं च प्रदापयेत्॥ - चरक संहिता

अश्वगंधा वीर्य को बढ़ाती है, संतृप्ति का अनुभव कराती है, बल को वृद्धि करती है, बुद्धि और मेधा को विकसित करती है। यह शरीर को स्नेह प्रदान करती है और स्नेहानुरूप जीवन को प्रदान करती है।

अश्वगंधा दो प्रकार की होती है छोटी अश्वगंधा और बड़ी अश्वगंधा। छोटी अश्वगंधा राजस्थान के कुछ भागों में और बड़ी अश्वगंधा पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाती है। अश्वगंधा के विषय में सामान्य जानकारी निचे दी गई है। 
 
अश्वगंधा के नाम/Ashwagandha Name
  1. हिंदी में अश्वगंधा के नाम : असगन्ध, अश्वगन्धा, पुनीर, नागोरी असगन्ध, पाडलसिंघ
  2. संस्कृत में अश्वगंधा के नाम : वराहकर्णी, वरदा, बलदा, कुष्ठगन्धिनी, अश्वगंधा
  3. अंग्रेजी में अश्वगंधा का नाम : Winter cherry  (विंटर चेरी), पॉयजनस गूज्बेर्री (Poisonous gooseberry)
  4. Botanical Name: Withania Somnifera Dunal
  5. Family : SOLANACEAE (Kantakari Kula)

अश्वगंधा के फायदे/लाभ Advantages/Benefits of Ashwagandha

  1. मानसिक स्वास्थ्य को पोषण देने, मानसिक थकान को दूर करने में अश्वगंधा लाभकारी होती है। इसे आयुर्वेद में मध्य रसायन कहा गया है जो मस्तिस्क को सक्रीय बनाता है। अश्वगंधा याददास्त को बढाने, एकाग्रता को बढाने, सीखने की प्रवृति को बढाने में कारगर होती है। 
  2. अश्वगंधा मोटापा दूर करने में लाभकारी होता है। इसके चूर्ण के अतिरिक्त हरे पत्तों को भी मोटापा दूर करने में उपयोग में लिया जाता है। 
  3. शरीर की कमजोरी को दूर करने, शरीर में ताकत बढ़ाने के लिए अश्वगंधा का उपयोग लाभकारी होता है। आयुर्वेद में अश्वगंधा को रसायन माना गया है क्योंकि यह शरीर को पोषण देती है। 
  4. शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करने के लिए अश्वगंधा का सेवन लाभकारी होता है। 
  5. टेस्टोस्टेरोन और मेल फर्टिलिटी के विकास के लिए अश्वगंधा लाभकारी होता है। 
  6. अश्वगंधा फीमेल फर्टिलिटी को सुधारने में सहायक होता है। 
  7. गठिया, जोड़ो के दर्द में अश्वगंधा लाभकारी होती है। 
  8. अश्वगंधा शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की आपूर्ति को बढ़ाता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। 
  9. ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में अश्वगंधा लाभकारी है। 
  10. अश्वगंधा शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को काम करता है जो इसके एंटी-स्ट्रेस गुण को दर्शाता है। 
  11. पुरुषों में प्रजनन क्षमता को बढ़ाकर अश्वगंधा स्तम्भन विकार को भी दूर करता है। अतः यह पुरुषों की यौन कमजोरी को दूर करने में सहायक है। यह कामेच्छा को भी बढ़ाता है और नपुसंकता को दूर करने में सहायक है। 
  12. अश्वगंधा में एंटी बैक्टेरियल गुण होते हैं जिससे इसके सेवन से संक्रमण से बचाव होता है। 
  13. अश्वगंधा के सेवन से नींद में सुधार होता है। 
  14. अश्‍वगंधा की जड़ के चूर्ण को गर्म पानी के साथ लेने से छाती की जकडन दूर होती है। 
  15. अश्वगंधा चूर्ण को त्रिफला चूर्ण के साथ लेने से पाचन विकारों में लाभ मिलता है। 
  16. अश्वगंधा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल आदि तो होते ही हैं साथ ही यह कई प्रकार के पोषक तत्वों से युक्त होता है। 
  17. अश्वगंधा में मौजूद ऑक्सीडेंट, शरीर को ताकत देते हैं जिनके कारण से आप मौसमी सर्दी जुकाम और संक्रामक रोगों से बचे रहते हैं।

अश्वगंधा का सेवन कैसे करें

अश्वगंधा चूर्ण को विभिन्न तरीकों और अन्य चूर्ण के साथ लिया जा सकता है। एक छोटी चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को खाने के बाद पानी या दूध के साथ लिया जा सकता है।  इसके अतिरिक्त आप अश्वगंधा को कैप्सूल के रूप में और इसकी चाय बनाकर भी उपयोग में ले सकते हैं।
 

शिलाजीत Shilajit

शिलाजीत एक प्राकृतिक काले रंग का प्रदार्थ होता है जिसे पहाड़ों का पसीना भी कहा जाता है। हिमालय के क्षेत्रों में शिलाजीत पाया जाता है। विशेष रूप से शुद्ध शिलाजीत हिंदुकुश पर्वतमाला में ही पाया जाता है। कई प्रकार के ओषधिय पादप आदि के पत्थर और मिटटी में दब जाने पर (विघटन) शिलाजीत का निर्माण होता है।
 
यूँ तो शिलाजीत में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं लेकिन विशेष रूप से शिलाजीत का उपयोग यौन दुर्बलता को दूर करने, स्तम्भन क्षमता को बढाने, वीर्य को बढाने के लिए इसका उपयोग होता है। आयुर्वेद में शिलाजीत को रसायन (शक्‍तिवर्द्धक) कहा गया है।
 

शिलाजीत के फायदे / लाभ

  1. शिलाजीत के सेवन से यौन दुर्बलता दूर होती है, स्तभन क्षमता का विकास होता है और वीर्य की गुववत्ता में सुधार होता है। 
  2. शिलाजीत के सेवन से मस्तिस्क को बल मिलता है। मस्तिस्क नए कार्य को सीखने में बेहतर होता है और मानसिक कमजोरी दूर होती है। 
  3. शिलाजीत के सेवन से स्मरण शक्ति में सुधार होता है। 
  4. गठिया रोग में शिलाजीत लाभकारी होता है। शिलाजीत में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते है जिनके कारण से यह जोड़ों के दर्द को कम करता है।  
  5. शिलाजीत में ह्यूमिक एसिड और आयरन होता जिसके कारण से यह खून की कमी/एनीमिया में गुणकारी होता है। 

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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। अधिक और विस्तृत जानकारी जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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