
भोले तेरी भक्ति का अपना ही
सदियों से शहद को एक बहुत ही उपयोगी और औषधीय गुनों से युक्त प्रदार्थ माना गया है और वर्तमान में नवीनतम वैज्ञानिक शोध से भी इस बात की पुष्टि होती है। शहद एक प्राकृतिक फ़ूड सुप्प्लिमेंट्स है जिसमे कई प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं और थेरेपेटिक गुण भी होते हैं। शहद के विषय में हम सभी जानते हैं की यह हमारे शरीर के लिए कितना लाभदायी होता है (अधिक जाने : शहद के फायदे/गुण ) आज जानिये की कैसे हम शहद की शुद्धता की पहचान आसानी से कर सकते हैं।
सफ़ेद कपडे पर शहद की कुछ बुँदे टपका दीजिए। कुछ देर बाद इस कपडे को साफ़ करें। यदि शहद शुद्ध है तो वह कपडे पर किसी प्रकार का दाग और धब्बा नहीं छोड़ेगा अन्यथा नकली शहद कपडे पर दाग छोड़ देता है।
रॉ हनी से तात्पर्य है, वह शहद जो सीधे मधुमक्खी के छत्ते से प्राप्त किया जाता है। इसमें भी विभिन्न पेड़ों पर लगे छत्ते से प्राप्त गुण पेड़ के अनुसार बदल जाते हैं। मधुमक्खी के छत्ते से प्राप्त शहद को नायलोन के कपडे से छान लिया जाता है जिससे मृत मधुमक्खी और मोम निकल जाता है।
वही प्रोसेस्ड शहद को विभिन्न मशीनों से गुजारा जाता है जिससे उसमे से अतिरिक्त यीस्ट निकल जाता है और शहद और अधिक लम्बे समय तक चलता है। यदि बात यह की जाय की दोनों में से ज्यादा लाभदायी कौनसा होता है तो मधुमक्खी के छत्ते से प्राप्त शहद ज्यादा गुणकारी होता है। प्रोसेस की प्रक्रिया के दौरान शहद से ज्यादातर पोषक तत्व नष्ट हो जाते है। रा (Raw Honey) में ज्यादा मात्रा में पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यदि आपको कोई एलर्जी सबंधी विकार हो तो वैद्य की सलाह के उपरांत ही रा (Raw Honey) का सेवन करें।
शहद के विषय में सामन्य प्रश्न :
शुद्ध शहद की पहचान उसकी खुशबु, बनावट और रंग के आधार पर की जा सकती है। ऊपर बताये गए तरीकों से आप शहद की शुद्धता की पहचान कर सकते हैं।
वैसे तो आप ऊपर बताये गए तरीकों से शहद की शुद्धता की जांच कर सकते है। यदि आप इसकी पहचान तुरंत करना चाहते हैं तो आप एक चम्मच शहद की लीजिये और इसे पानी से भरे कांच के गिलास में डालिये। यदि शहद अशुद्ध हुआ तो वह एक तार नहीं बनाएगा और पानी में आसानी से घुलने लगेगा। शहद के शुद्ध होने की अवस्था में वह एक तार (लार ) बनाता हुआ तले पर बैठने लगेगा और पानी में नहीं घुलेगा।
शहद छत्ते से तोड़ने के बाद प्रोसेस्ड किया जाता है। ऐसा नहीं है की प्रोसेस्ड शहद शुद्ध नहीं होता है। यदि शहद में अतिरिक्त कोई मिलावट जैसे कॉर्न सिरप, चीनी, कृतिम रंग या सुगंध नहीं मिलाई जाती है तो वह शुद्ध शहद ही और वह सीधे छत्ते से तोड़े गए शहद के सामान ही गुणकारी होता है।
शुद्ध शहद हमारे शरीर के लिए बहुत ही गुणकारी होता है। शुद्ध शहद में प्रचूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं तो हमें कई प्रकार के रोगों से लड़ने की शक्ति देते हैं। यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करके हमें आरोग्य रखने में मदद करता है (अधिक पढ़े : शहद के सेवन से लाभ )
यह कई विषयों और तथ्यों पर आधारित होता है। मैं किसी निर्माता को एंडोर्स (प्रचार تصدیق کرنا) नहीं करती हूँ। मेरी व्यक्तिगत राय में पतंजलि का शहद शुद्ध भी है और किफायती भी, लेकिन आप अपने मुताबिक निर्माता का चयन करें या फिर इस विषय पर वैद्य से राय लेवें।
शुद्ध शहद फ्रिज या ठण्ड में पूर्ण रूप से कभी नहीं जमता है फिर भी ठण्ड में शुद्ध शहद भी क्रिटिलाइज / कुछ ठोस अवस्था में जरूर आ जाता है, ऐसी अवस्था में शहद को कभी भी अशुद्ध नहीं समझ लेना चाहिए।
शहद से वजन को नियंत्रित किया जा सकता है। शहद वजन बढ़ा भी सकता है और घटा भी सकता है यह इसके सेवन विधि/किस के साथ सेवन किया जा रहा है, इस बात पर निर्भर करता है। शहद को सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में मिलाकर पिने से मोटापा दूर होता है वहीँ इसे गर्म दूध में मिलाकर पिने से शरीर वेट गेन करता है।
सामन्य रूप से शहद सेवन के कोई दुष्परिणाम नहीं होते हैं। यदि इसके सेवन से आपको कुछ भी असामन्य लगे तो वैद्य की राय अवश्य लेवे।
कई नवीनतम शोध से यह संकेत मिले हैं की citrus honey and labiatae honey कफ को कम करते हैं।
क्या शहद मानसिक रोगों के लिए भी उपयोगी है : हाँ, कई शोध में इस बात के भी संकेत मिले हैं की शहद एंटी डिप्रेसन भी होता है और कई प्रकार के मेमोरी डिसऑर्डर्स को भी दूर करने में मदद करता है।
हाँ, यदि वैद्य की सलाह से शहद का सेवन ओषधीय रूप में किया जाय तो यह अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद करता है।
हाँ, त्वचा पर / चेहरे पर शहद लगाने से काले घेरे दूर होते हैं और चेहरा सुन्दर और चमकदार बनता है। ऑयली त्वचा पर इसे लगाने से भी लाभ मिलता है।
शुगर रोग में शहद का सेवन करने से इन्सुलिन का लेवल बढ़ जाता है इसलिए इस विषय में आप वैद्य की विस्तृत राय लेवें।
नवीनतम शोध के विषय पर आप निम्न वेबसाइट का अध्ययन करें।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें। |