पीरियड मिस होने पर घरेलू उपाय Periods Miss Hone Par Gharelu Upchar
पीरियड्स का कभी कभी मिस (Irregular Periods in Hindi) हो जाना गंभीर बिमारी नहीं है लेकिन यदि पीरियड्स का मिस होना लगातार बना रहता है तो आपको डॉक्टर की सलाह से इसका उचित इलाज लेना चाहिए। इस लेख में आप पीरियड्स के मिस होने के कारण, घरेलु उपचार के विषय में जानकारी प्राप्त करेंगे। मासिक धर्म या पीरियड्स स्त्री की बच्चेदानी (Uterus) का बच्चे पालने से सम्बंधित क्रिया का एक भाग है। स्त्री के गर्भ धारण नहीं करने पर बच्चेदानी की परत खून के साथ योनि से बाहर निकल जाती है। शरीर की यह क्रिया हर महीने होती है, इसी कारण इसे मासिक धर्म कहा जाता है। मासिक धर्म का कम आना, अनियमित मासिक धर्म, मासिक धर्म के समय अधिक खून का बहना, मासिक धर्म के समय अधिक दर्द का होना आदि कुछ समस्याएं पीरियड्स के साथ जुडी हुई हैं।
पीरियड मिस होना क्या है Missed or irregular Periods
सामान्य रूप से पीरियड का साइकिल (अंतराल चक्र ) 28 दिनों का होता है, यानी की यह क्रिया हर महीने 28 दिनों के पश्चात पुनः होती है। पीरियड्स की यह क्रिया मासिक होती है जो थोड़ी बहुत आगे पीछे हो सकती है। लेकिन यदि पीरियड्स आने में ३१ दिन या इससे ज्यादा लग रहे हों तो यह किसी विकार का सूचक है।
पीरियड के लेट/ मिस होने के कारण (Period Miss Hone Ke Karan)
सामान्य रूप से पीरियड्स के ना आने का कारण प्रेग्नेंसी होता है लेकिन इसके अन्य कई कारण भी होते हैं, जिन्हे निचे बताया गया है।
अधिक तनाव का बने रहना
तनाव : अधिक तनाव में रहना, अधिक चिंताग्रस्त रहना पीरियड्स के समय चक्र को प्रभावित करता है। तनाव के कारण GnRH हार्मोन कम बनता है जिसके कारण से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। अतः स्वंय को प्रसन्नचित्त रखने, योग के माध्यम से स्वंय पर नियंत्रण स्थापित कर स्वस्थ जीवन शैली की कला को अपनाना चाहिए।
हॉर्मोन असंतुलित होना
हॉर्मोन के असंतुलित होने पर भी मासिक धर्म मिस/देरी से हो सकता है। विशेष शारीरिक परिस्थियों के कारण या गरबनीरोधक गोलियों के प्रयोग से भी मासिक धर्म अनियमित हो सकता है। पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या पीसीओएस के कारण से भी पीरियड्स का मिस होना, देरी से आना हो सकता है। इसके अतिरिक्त डायबिटीज या थायरॉइड आदि रोग भी इसका कारण हैं। खून में प्रोलैक्टिन का स्तर अधिक होने के कारण भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
अधिक व्यायाम, शारीरिक मेहनत करना
अधिक शारीरिक मेहनत या एथलीट के कार्यों में शरीर अधिक ऊर्जा खर्च करता है। ऐसे में उचित पोषण के अभाव में पीरियड्स की समस्या हो जाती है। शरीर में ऊर्जा की कमी हो सकती है और हड्डियों में भी कमजोरी आ जाती है जिसके कारण पीरियड्स अनियमित होते हैं।
डेली रूटीन में बदलाव
यदि आपकी दिनचर्या नियमित नहीं है, यथा समय पर भोजन ना करना, देर रात तक जगना, कार्य करना, समुचित नींद का ना लेना आदि, तो निश्चित ही पीरियड्स भी प्रभावित होते हैं।
ब्रेस्टफीडिंग
स्तनपान के समय भी कुछ मामलों में मासिक धर्म समय पर नहीं आते हैं लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के बंद होने पर ये सुचारु हो जाते हैं।
बिमारी के कारण
किसी गंभीर बिमारी, संक्रमण जनित बिमारी (सर्दी खांसी, फ्लू) आदि से भी पीरियड्स प्रभावित हो जाते हैं।
बर्थ कंट्रोल पिल्स
यदि आप बर्थ कंट्रोल पिल्स का उपयोग करती हैं तो भी पीरियड्स अनियमित/देरी से आ सकते हैं।
मासिक धर्म के अनियमित होने के अन्य कारण
हॉर्मोन में बदलाव का होना।
अधिक धूम्रपान या अन्य नशा करना।
शारीरिक कमजोरी, शरीर में पोषक तत्वों की कमी का होना।
खून में प्रोलैक्टिन हॉर्मोन की उच्च मात्रा का होना।
मिर्गी के दौरे की दवाइयों का सेवन।
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज यानी प्रजनन अंगों का संक्रमण से ग्रस्त हो जाना।
टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज का होना।
मोटापे से बनने वाला एस्ट्रोजन हॉर्मोन।
यदि आप एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसाइकोटिक्स, थायरॉयड दवाएं, एंटीकॉन्वेलेंट्स और कुछ कीमोथेरेपी दवाएं ले रहीं है तो इससे भी पीरियड्स लेट/मिस हो सकता है।
लगातार पीरियड्स के देरी से आने / अनियमित आने से होने वाले नुकसान
यदि पीरियड्स लगातार अनियमित बने रहते हैं, मिस हो जाते हैं तो इसके कई नुकसान हो सकते हैं यथा,
प्रजनन क्षमता में कमी का होना।
शरीर कमजोर होना, हड्डियों की कमजोरी। पीरियड्स के मिस होने और देरी होने से यह हड्डियों को कमजोर करता है और हड्डियां फ्रेक्चर हो सकती हैं।
ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसे विकार उत्पन्न होना।
मोटी औरतों में हृदय से जुड़े विकार उत्पन्न होना। एथलीट की महिला खिलाड़ियों में ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ना।
माहवारी/मासिक धर्म के मिस ना होने/नियमित करने के उपाय
माहवारी/मासिक धर्म को सही समय पर आने के लिए आप अपने स्तर पर निम्न उपाय कर सकते हैं।
सस्वस्थ जीवन शैली का चुनाव करके आप पीरियड्स के देरी से आने को नियमित कर सकते हैं। अपने खानपान, सोचने विचारने के तरीकों, तनाव मुक्त जीवन, घूमने फिरने आदि को अपने जीवन में अपना कर आप पीरियड्स को नियमित करने में मदद करते हैं।
आप सोने और जागने का समय निश्चित करें। अपने भोजन में पोषक तत्वों को स्थान दें और संतुलित मात्रा में भोजन ग्रहण करें।
पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, अपने शरीर को हाइड्रेड रखें।
बाजार के चटपटे खाने से बचें।
शराब, सिगरेट और अन्य नशों से दूर रहें।
सुबह श्याम सैर करें।
हल्का फुल्का योग और व्यायाम करें।
अपने वजन को नियंत्रित रखें, वजन को बढ़ने ना दें।
मानसिक रूप से तनाव मुक्त रहने का अभ्यास करें और खुश रहने का प्रयत्न करें।
समस्या को देखते हुए स्वंय इसका इलाज ना ढूंढे, इसके स्थान पर विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करें।
डॉक्टर की सलाह लेने के उपरान्त आप स्वंय भी कई प्रकार से स्वंय के स्तर पर कुछ घरेलु उपाय कर सकते हैं जिनके माध्यम से आप पीरियड्स को नियमित कर सकते हैं।
सौंफ : दो कप पानी में एक छोटी चम्मच सौंफ को डालकर उबाल लें। पानी जब एक कप बच जाए तो इसे छानकर इसे पियें। सौंफ एस्ट्रोजेनिक एजेंट की तरह काम करता है जिसके कारण से मासिक धर्म को जल्दी लाने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त सौंफ में एम्मेनागॉग (Emmenagogue) का प्रभाव भी होता है जिसके कारण पीरियड्स समय पर आते हैं। यह गर्भाशय के आंतरिक संकुचन को भी कम करता है। मासिक धर्म में होने वाले दर्द में भी सौंफ के सेवन से आराम मिलता है।
पपीता: कच्चा पपीता पीरियड्स को नियमित करता है और जल्दी लाने में सहायक होता है। कच्चे पपीते के का एक छोटा भाग आप पीरियड्स की संभावित तिथि से एक सप्ताह पूर्व तक सेवन करें और इसका सेवन पीरियड्स आने तक जारी रखें। गर्भाशय के संकुचन की प्रक्रिया को कच्चा पपीता नियंत्रित करता है।
हल्दी मिला दूध : हल्दी मिला दूध का सेवन आप पीरियड्स के ना आने के समय में भी कर सकते हैं। इसके लिए आप एक छोटी चम्मच हल्दी का एक गिलास दूध में मिलाकर पिए। यह दूध आपको पीरियड्स की संभावित तिथि से एक सप्ताह पूर्व तक करना है। ऐसा करके आप शरीर में गर्मी बढ़ाते हैं और इसके साथ ही यह हल्दी में एम्मेनागॉग (Emmenagogue) का प्रभाव भी होता है जो फ्लो को बढ़ाता है।
अदरक और शहद : आधा चम्मच अदरक का रस और एक चौथाई शहद को मिला कर खाली पेट इसका सेवन करें। माहवारी की संभावित तिथि से एक सप्ताह पूर्व इसका सेवन करें।
दालचीनी का चूर्ण : दालचीनी में यूँ तो कई औषधीय गुण होते हैं लेकिन शरीर में गर्मी उत्पन्न करके पीरियड्स को सही समय पर लाने के गुण भी इसमें मौजूद होते हैं। दालचीनी में हाइड्रोक्सीचैल्कोन (Hydroxychalcone) कंपाउंड होता है जो पीरियड्स को नियमित करने में सहायक होता है।
गाजर का रस : गाजर का रस ढेरों औषधीय गुणों से भरपूर होता है। बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्वों के कारण गाजर का रस पीरियड्स को नियंत्रित करने में सहायक होता है। गाजर के बीजों का उपयोग भी पीरियड्स को सही समय पर लाने में मदद करता है।
गर्म पानी का सेक : इसके अतिरिक्त आप गर्म पानी का सेक भी कर सकते हैं।
अनार का रस, एलोवेरा का ज्यूस, अनानास का ज्यूस, अजवाइन के पत्ते का रस, तिल के बीज आदि भी पीरियड्स को सही समय पर लाने के लिए उपयोगी होते हैं।
साबुत धनिया : साबुत धनिया भी रुके हुए पीरियड्स को सही समय पर लाने के लिए उपयोगी होता है। पुराने समय से महिलायें इसका उपयोग करती आ रही है। एक चमच खड़े धनिये को एक कप पानी में उबालकर ठंडा करके, छान लें। इसका उबला हुआ पानी आप खाली पेट पिए।
पीरियड्स को सही समय पर लाने के लिए और स्वंय को स्वस्थ रखें के लिए कुछ योगासन
मत्स्यासन
हलासन
धनुरासन
मालासन
शवासन
पीरियड्स के लेट/मिस हो जाने से सम्बंधित अक्सर ही पूछे जाने वाले प्रश्न।
मिस्ड पीरियड्स किसे कहते हैं ? पीरियड्स के आने की आखिरी तिथि से आगे के ०६ हफ़्तों के अंदर यदि दूसरा पीरियड्स नहीं आता है तो यह मिस्ड पीरियड कहलाता है।
क्या अनियमित पीरियड्स का कोई दुष्परिणाम होता है ? यदि डॉक्टर से अनियमित पीरियड्स का उपयोग ना करवाया जाए तो पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसे विकार उत्पन्न हो सकते हैं।
पीरियड कितने दिनों तक लेट हो सकता है? सामान्य रूप से पीरियड्स पहले हो चुके पीरियड्स के बाद 21 से 35 दिनों में शुरू हो जाने चाहिए।
सही समय पर पीरियड्स लाने के लिए व्यायाम? वज्रासन, बद्धकोणासन, पश्चिमोत्तासन और धनुरासन को आप प्रशिक्षित योगाचर्य की देखरेख में कर सकते हैं।
क्या वजन बढ़ने के कारण पीरियड मिस हो सकता है? वजन के घटने या बढ़ने दोनों से ही पीरियड्स मिस हो सकता है। वजन बढ़ने से हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं।
पीरियड्स जल्दी लाने के उपाय PERIODS JALDI LAANE KA TARIKA / How to bring Periods
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।