तीरथ गए से एक फल, संत मिले फल चार ।
सतगुरु मिले अनेक फल, कहे कबीर विचार ।
Teerath Gaye Se Ek Phal, Sant Mile Phal Char,
Satgur Mile Anek Phal, Kahe Kabir Vichar.
कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi
संतजन और साधू की संगत की महिमा का वर्णन करते हुए कबीर साहेब का कथन है की तीर्थ करने से तो एक ही फल (शुभ परिणाम) मिलता है लेकिन संत के मिलने पर चार तरह के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। इसी भाँती सतगुरु के मिलने से अनेकों प्रकार के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। अतः साहेब के अनुसार संतजन और साधु की संगत में रहना ही सर्वोत्तम है। कबीर दास जी के इस दोहे में वे हमें तीर्थ, संत और सच्चे गुरु के महत्व के बारे में बता रहे हैं। पहले छंद में कबीर दास जी कहते हैं कि तीर्थ करने से एक पुण्य मिलता है। तीर्थ स्थलों पर जाकर स्नान, दान, और पूजा करने से हमें पुण्य की प्राप्ति होती है। दूसरे छंद में कबीर दास जी कहते हैं कि संतों की संगति से चार पुण्य मिलते हैं। संतों की संगति से हमें ज्ञान, विवेक, भक्ति, और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
|
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं कबीर के दोहों को अर्थ सहित, कबीर भजन, आदि को सांझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
|