कौवा और दुष्ट सांप की कहानी The Cobra And The Crow Hindi Story
नमस्ते, स्वागत है मेरे ब्लॉग पर! आज की इस कहानी में हम एक कहानी पढेंगे जिसका शीर्षक है "कौवा और दुष्ट सांप " और जानेंगे कि किस तरह से समझदारी और सूझ-बूझ का उपयोग करके कठिन से कठिन परिस्थितियों का समाधान किया जा सकता है। इस प्रेरणादायक कहानी से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। यह कहानी हमें बताती है कि किस तरह कौवे ने अपनी बुद्धिमानी से एक खतरनाक सांप से अपना और अपने परिवार का बचाव किया। आइए, इस कहानी के माध्यम से समझते हैं कि कठिनाई में भी धैर्य और समझदारी से काम कैसे लिया जा सकता है।
रोचक कहानी - कौवा और दुष्ट सांप
बहुत समय पहले की बात है। एक घने जंगल में एक बड़े पेड़ पर कौवों का एक जोड़ा सुख-चैन से रह रहे थे। वे दोनों मिलकर घोंसला बनाकर वहां रहते और दिनभर भोजन ढूंढते। उनकी यह जिंदगी अच्छी चल रही थी, लेकिन अचानक उनकी खुशी को एक दुष्ट सांप की नजर लग गई। उसी पेड़ के नीचे एक बिल में वह सांप आकर रहने लगा था।
कौवे का जोड़ा जब भी भोजन/दाना-पानी के लिए बाहर जाता, तो सांप मौका पाकर उनके घोंसले में आकर उनके अंडों को खा जाता। कौवे लौटते तो उन्हें खाली घोंसला मिलता, लेकिन यह समझ नहीं पाते थे कि उनके अंडे कौन ले जा रहा है। ऐसे में वे बहुत दुखी हो गए। इस तरह कई दिन बीत गए, और उनकी निराशा बढ़ने लगी। उनके समझ में नहीं आ रहा था की ये क्या हो रहा है ? उनके अंडे कौन लेकर जाता है ?
एक दिन कौवों ने जल्दी घर लौटने का निश्चय किया ताकि अंडों की देखभाल कर सकें, और यह पता लगा सके की उनके अंडे आखिरकार कहाँ जाते हैं। जब वे घौंसले में आये तो उन्होंने देखा कि सांप बिल से निकलकर उनके अंडों की तरफ बढ़ रहा था, और उनके अण्डों को खा रहा है। अब कौवों को समझ में आ गया कि उनके अण्डों का दुश्मन यही सांप है, सांप ही उनके अण्डों को खाए जा रहा है। वे बहुत चिंतित हुए, पर हार मानने के बजाय उन्होंने ऊंचे स्थान पर एक नया घोंसला बना लिया, ताकि सांप वहां तक न पहुंच सके। वे सांप के स्थान से कहीं दूर घौंसला बनाकर रहना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने उंचाई पर घौसला बना लिया।
कौओ के लिए कुछ दिन शांति से बीते। कौवे के अंडों से बच्चे निकल आए और वे धीरे-धीरे बड़े होने लग गए थे। लेकिन सांप ने एक दिन उनके नए घोंसले का पता लगा लिया। सांप कुटिलता से कौवों के घोंसला छोड़ कर बाहर जाने का इंतजार करने लगा। जैसे ही कौवे दाना-पानी के लिए बाहर गए, सांप उनके घोंसले की ओर बढ़ने लगा। लेकिन कौवे के जोड़े ने अचानक से ही किसी कारण के दुबारा अपने घौंसले की और रुख किया और देखा की सांप उनके घौंसले की तरफ ही बढ़ रहा है ऐसे में उन्होंने अपने बच्चों को पेड़ और पत्तों की आड़ में ही छुपा दिया।
सांप भी समझ गया की यह कौओ की कोई चाल है, वह अब छुपकर मौके की तलाश करने लगा। अब कौवे को समझ में आ गया कि सांप से पीछा छुड़ाने का कोई स्थायी उपाय करना होगा, नहीं तो वह उनके बच्चों को एक रोज अपना निवाला बना लेगा। एक दिन, कौवा उड़कर जंगल के पास बने एक राज्य में पहुंच गया। वहां एक सुंदर महल था, जहां राजकुमारी अपनी सहेलियों के साथ खेल रही थी। कौवे ने मौका देखकर राजकुमारी के गले से मोतियों का हार झपट लिया और उसे लेकर उड़ गया। राजकुमारी ने शोर मचाया, तो महल के पहरेदार दौड़कर उस हार को वापस लाने के लिए कौवे का पीछा करने लगे।
कौवे ने जैसी योजना बनाई थी उसके अनुसार ही वह जंगल में पहुंचकर हारा को सांप के बिल में डाल दिया, जिसे पीछा कर रहे सैनिकों ने देख लिया। सैनिकों ने हार निकालने के लिए सांप के बिल में हाथ डाला, तो सांप फुंकारता हुआ बिल से बाहर आया। यह देखकर सैनिकों ने तलवार से उस पर हमला कर दिया, जिससे सांप घायल हो गया और अपनी जान बचाकर वहां से भागने के लिए मजबूर हो गया। कौओ का जोड़ा अब सांप के जाने के बाद अपने बच्चों के साथ घौंसले में खुसी खुसी से रहने लगा था। ऐसे एक कौओ के जोड़े ने अपनी सूझ बूझ से अपने बच्चों की रक्षा सांप से की।
कहानी से सीख
इस कहानी से हमें यह शिक्षा प्राप्त होती है कि हमें किसी भी परिस्थिति में धैर्य और बुद्धिमानी से काम लेना चाहिए। यदि शत्रु अधिक शक्तिशाली हो और कपटी हो तो बुद्धिमानी से योजना बनाकर उसका मुकाबला करना चाहिए। कभी भी किसी दुर्बल का अनुचित लाभ नहीं उठाना चाहिए और विपत्ति में हमें समझदारी से निर्णय लेना चाहिए।
प्रिय पाठकों आपने आज एक प्रेरणा दायक कहानी पढ़ी "कौवा और दुष्ट सांप " जो की हमें एक सन्देश देती है। ऐसी ही अन्य रोचक और प्रेरणादायक हिंदी कहानियों को पढ़ने के लिए आप हमसे जुड़े रहिये। ब्लॉग पर आकर कहानी पढ़ने के लिए आभार।
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Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
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