हमने ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है

हमने ब्रज के ग्वाले से अपना दिल लगाया है


हमने ब्रज के ग्वाले से,
अपना दिल लगाया है,
नींद भी गंवाई है,
चैन भी गवाया है।
हमने ब्रज के ग्वाले से,
अपना दिल लगाया है।।

दिल मेरा बेकाबू सा,
हो जाता है उस पर,
देखता है जो मेरी ओर,
हल्का-सा मुस्काता है।
हमने ब्रज के ग्वाले से,
अपना दिल लगाया है।।

कई बार चाहा मैंने,
हाले-दिल सुनाऊँ मैं,
होंठ मगर थरथरा उठे,
जब वो सामने आया है।
हमने ब्रज के ग्वाले से,
अपना दिल लगाया है।।

सबको लगता है शायद,
वो सिर्फ बांसुरी वाला है,
पर मुझे इशारों में,
खुद पास बुलाया है।
हमने ब्रज के ग्वाले से,
अपना दिल लगाया है।।

हमने ब्रज के ग्वाले से,
अपना दिल लगाया है,
नींद भी गंवाई है,
चैन भी गवाया है।
हमने ब्रज के ग्वाले से,
अपना दिल लगाया है।।


Humne Braj Ke Gwale Se Apna Dil Lagaya He || SHRI DEVKINANDAN THAKUR JI MAHARAJ

ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post