झेरणा हिंदी मीनिंग अर्थ मतलब
झेरणा
एक लकड़ी का बना हुआ होता है। यह रई जैसा होता है जो बिलोवणा के दही को
मथने के काम में आता है। यह बेर (बेरी) वृक्ष /झाडी की जड़ से बनता है। इसके
अतिरिक्त खैर की लकड़ी से भी झेरणा को बनाया जाता है।
राजस्थान
में इसे अन्य लकड़ियों से प्राय नहीं बनाया जाता है। बेरी की लकड़ी का फ़ायदा
स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। यह लकड़ी का झेरणा / झेरना दही और
छाछ के साथ प्रतिक्रिया नहीं करता है। लम्बे समय तक छाछ और दही में पड़े
रहने पर यह ना तो खराब होता है और नाहीं इसमें कोई स्मेल आती है, इसी लिए
झाड़ी की जड़ की लकड़ी से इसको बनाया जाता है। बेरी की लकड़ी अत्यंत सख्त होती
है जो छाछ और दही जैसे तरल को स्वंय में सोखती नहीं है।
झेरणा
को एक स्तम्भ से सहारा देकर इसे एक रस्सी से घुमाया जाता है जिसे नेतरा
कहा जाता है। सुबह सुबह राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में दही को मथा जाता
है। इससे स्त्रियों के कन्धों का एक तरह से अच्छा ख़ासा व्यायाम हो जाता है।
अतः कहा जा सकता है की बिलोवणा की क्रिया स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी
होती है क्योंकि इसमें किसी यांत्रिक उपकरण का उपयोग नहीं किया जाता है।
लेकिन
वर्तमान समय में बिलोवणा के लिए मधाणी मशीन का उपयोग किया जाता है।
बिलोवणी जो की मिट्टी का बर्तन होता है, के स्थान पर स्टील के बर्तन का
उपयोग किया जाने लगा है।
यह भी पढ़िए : राजस्थानी भाषा के शब्दों के बारे में विस्तार से जानिये।