गुरु की महिमा अपरंपार भजन

गुरु की महिमा अपरंपार भजन

मन में राम का नाम हो,
और सर पे गुरु का हाथ,
उसकी नाव ना डूबती,
ये दोनों हों साथ।
गुरु गूंगे, गुरु बावरे,
गुरु के रहिए दास,
गुरु जो भेजे नरक को,
स्वर्ग की रखिए आस।।

गुरु की महिमा अपरंपार,
गुरु शरण में जाकर बंदे,
देख ले तू एक बार,
गुरु की महिमा अपरंपार,
गुरु की महिमा अपरंपार।।

गुरु बिना ज्ञान नहीं मिलता है,
ज्ञान का द्वार नहीं खुलता है,
जीवन सार नहीं मिलता है,
रहे सदा पशु आधार,
गुरु की महिमा अपरंपार,
गुरु की महिमा अपरंपार।।

गुरु की महिमा अजब निराली,
सुखी डाली पे हरियाली,
गुरु का वचन जाए ना खाली,
ये झूठा है संसार,
गुरु की महिमा अपरंपार,
गुरु की महिमा अपरंपार।।

गुरु का सुमिरन कर ले बंदे,
छोड़ दे ये सब काले धंधे,
काम करे क्यों इतने गंदे,
तेरा कैसे हो उद्धार,
गुरु की महिमा अपरंपार,
गुरु की महिमा अपरंपार।।

लख चौरासी में भटकेगा,
बनकर जीव जीव सटकेगा,
तू ही अकेला सर पटकेगा,
जब फंसे बीच मझधार,
गुरु की महिमा अपरंपार,
गुरु की महिमा अपरंपार।।

गुरु की महिमा अपरंपार,
गुरु शरण में जाकर बंदे,
देख ले तू एक बार,
गुरु की महिमा अपरंपार,
गुरु की महिमा अपरंपार।।


Guru Special Bhajan 2022 ! बहुत ही सुंदर देहाती भजन - गुरु की महिमा अपरंपार_New Bhajan #bhaktidarpan

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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