राजस्थानी/मारवाड़ी भाषा के शब्द और उनका हिंदी अर्थ निचे दिया गया है। यहाँ पर आप "ख" से शुरू होने वाले शब्दों के हिंदी में अर्थ प्राप्त कर सकते हैं। यदि कुछ शब्द आपको पता हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर शब्द और उनका अर्थ लिखें, उन्हें इस पोस्ट में जोड़ दिया जाएगा।
खेड़ा/Kheda : पशुओं को बांधने का स्थान, गाँव के बाहर का स्थान।
खेळ, खेली/Kheli: पशुओं के पाणी पीने के लिए बनाया गया स्थान।
ख्वासजी/Khwasji : नाइ।
खूंटी/Khunti: वस्तु, थैला, कपडे आदि टांकने का लकड़ी का एक हेंगर।
खाट/माचो/: Khaat, Macho: खाट, चारपाई।
खुसड़ा / Khunsada: जूते।
खाखला/Khakhala: पशुओं का सुखा चारा।
खूंटा/Khunta: पशुओं को एक स्थान पर बाँधने के लिए लकड़ी को जमीन में गाड कर बनाया जाने वाला मजबूत स्तंभ।
खीरो, खीरा /Khiro : अंगारा।
खरड़/खरकटा/Kharad/Kharkata : जेठ महीने में फसलों की पहली बुआई।
खतूत /Khatoot : राजाओं के द्वारा दुसरे राजा से पत्रव्यवहार।
खरीता Kharita : राजाओं के द्वारा दुसरे राजा से पत्रव्यवहार।
खरोटा/Kharota : खरोटा- पशुओं को चारा डालने का लकड़ी
खीस/Khees: गाय या भैंस के बछड़े के पश्चात सर्वप्रथम दूध जो फट जाता है उसे खीस कहते है।
खंखार/खंखारो, Khankhaar, Khankharo: गले से आवाज लगाकर स्वंय की उपस्थिति का बोध करवाना।
खंखरो/ Khankharo: प्राचीन, पुराना।
खिंड/खिंडेडो Khind/Khindedo: छिन्न भिन्न हो जाना।
खंत/Khant: दाढ़ी, अभिलाषा
खखोलणो /खखोळ /Khakholano: हाथ से हिलाना, झाड़ना।
खळखोटो Khalkhoto: स्नान।
खखोल /Khakhol: इधर उधर हिलाना।
खगाळ /Khagal: तीर, बाण।
खजम /Khajam: सुन्दर नयनों वाला एक पक्षी।
खजरी/Khajari: छोटी डफली।
खजरीट/Khajrit : एक पक्षी का नाम, एक ताल (गायन) का नाम।
खजो Khajo: गंजा।
खंडा Khanda: तलवार।
खदाखोल Khadakhol: हाथापाई, गधामास्ति।
खदियो Khadiyo: घर के बाहर की दीवार।
खेबी /Khebi: छेड़छाड़, छेड़ना।
खेइ /Khei: कंटीली झाड़ियों का एक ढेर।
खचत/Khachat: लिखित, अंकित, चित्रित।
खजक /Khajak: मथनी।
खजार/Khajar : बंध्या बकरी।
खटाव/Khatav : संयम, ,धैर्य।
खाटो /खाटा Khato/Khata: एक तरह की राबड़ी, खट्टा।
खटाई /Khatai: अम्लता, दूध जमाने के लिए जामन लगाना को खटाई कहते हैं।
खटाँस Khatans: खट्टापन, दूरियां।
खटोलड़ी Khatoladi: छोटी खाट।
खटू Khatu: जैसलमेर का पीला पत्थर।
खटाऊ /Khatau: लम्बे समय तक चलने वाला, टिकाऊ, सहन करने वाला, धैर्यवान व्यक्ति।
खटा / Khata : टिकना, रहना, निर्वहन करना।
खटाव / Khatav : धैर्य, धीरज।
खटाखट /Khatakhat: जल्दी, तुरंत।
खटालो Khatalo: टुटा फूटा, जीर्ण, पुराना ,खटारा।
खटूवर Khatuvar: एक वृक्ष का नाम।
खिड़को, खिकड़ा Khidako/Khidaka: छोटा दरवाजा।
खड़ी Khadi: खड़िया मिटटी।
खारा/खारो Kharo: कड़वा,
खारी /Khari: कड़वी।
खरखरी /Kharkhari: गले की खरांस।
खरला, खर्ल्यो/Kharla, Kharlyo: खेतों में खाने पीने का सामन ले जाने का सरकंडों से बना चौकोर पात्र जिसे सर पर रखा जाता है। यह आकार में बड़ा होता है। खेतों से लौटने के वक़्त इसमें खेत से घास फूंस और अन्य सामन घर पर रख कर लाया जाता है।
खनेड़ा /खनेडो Khaneda/Khanedo: काली/चिकनी मिटटी को प्राप्त करने के लिए बनाया गया गड्ढा।
खरपटो/खुरपा/खुरपो, खुरपी Khurpo, Khurpa: हाथ में पकड़ कर मिटटी खोदने का यंत्र।
खरपाट Kharpaat: फांस, कमाची।
खराद /Kharad : लकड़ी को लेथ मशीन पर घुमा कर गोल करने के काम में लिया जाने वाला एक ओजार।
खरांस/Kharans: गले की खरांस, खारापन।
खरीटिया /Kharitiya: बकरी की एक जाती।
खरींटी /Kharinti: एक पादप जिसका उपयोग जोड़ों के दर्द के लिए किया जाता है और इसे सूखा कर झाड़ू बनाई जाती हैं।
खरूंट /Kharunt: घाव के भरने के उपरान्त ऊपर की सख्त सतह।
खरोड़ी /Kharodi: घास से भरी गाडी।
खरो/खरा/Kharo/Khara : सच्चा।
खल/Khal: तिलों और सरसों का तेल निकालने के बाद बचा हुआ भाग जिसे पशुओं को दिया जाता है।
खलितो /Khalito: जेब, थैला।
खली Khali: ग्वार, मोठ आदि का घास का ढेर।
खलो /Khalo: खेत में पड़ा हुआ अनाज, अनाज के गट्ठर जिनसे दाने निकाले जाते हैं।
ख़लासी/Khalasi : वाहन चालक का सहायक।
ख़वास /Khawas: दासी, रखैल, ख़िदमतगार।
खाखर /Khakhar: मादा ऊंट जिसने एक ही बार बच्चे को जन्म दिया हो।
खाच /khaach: स्त्रिओं का एक गहना जिसे बाहु पर धारण किया जाता है।
खाँचो /Khancho: बीच की जगह, दरार, जोड़, संधि, खाली जगह।
खांड /Khand: बिना साफ़ की गई चीनी।
खाड़ियों /Khadio: सींग टुटा हुआ पशु।
खानड़ो /Khanado: वीर बहादुर।
खाप /Khaap: गोत्र, वंश, सजातीय।
खाखरियो /Khakhariyo: चना और मोठ से बनी हुई मोटी रोटी।
खाखरो /Khakharo: गेंहू की मोती रोटी।
खाख्लो, खाखलो/Khakhalo : गेंहू का भूंसा।
खाडो/Khado: खड्डा।
खाजरू/Khajaru: मांस के लिए वध किया जाने वाला बकरा।
खाटम /Khatam: कीर्ति यश, लक्ष्मी।
खाटरो/Khataro : ठिगना, नाटा, बौना।
ख़ातर/Khatar : मेहमानजवाजी, आवभगत करना, सेवा चाकरी ।
खादर /Khadar: तराई की भूमि।
खापटो /Khapato : पत्थर की लम्बी शिला।
खार/Khaar : क्षार, गुस्सा, बदला लेने की भावना।
खारण/Kharan : अजवाइन।
खारवाल /Kharwal: बाड़मेर इलाके में नमक का कारोबार करने वाली जाती विशेष।
खारियो, खार्यो Khariyo: पशुओं को चारा डालने के पात्र।
खालेड /Khaled : खाली स्थान, सुनसान।
खिंटर/खींटोर /Khintar: छेड़छाड़, तंग करने का भाव।
खिजाणो /Khijano: क्रोधित करने का भाव।
खिणक /Khinak: चूहा।
खिदर /Khidar: खैर का वृख, खदिर।
खलको, खिलको /Khalako: तमाश।
खींप/Kheep : मरुस्थल का एक तंतुदार पादप, खींप को सूखा कर मरुस्थल में इससे झूपा, छान बाँधी जाती है और इसकी कच्ची फलियों की सब्जी बनाई जाती है।
खिफोलि/Khinfoli : खीम्प की फली।
खींच/खिचड़ी/खिँचङो/Khichado : खिचड़ी।
खीज /Kheej: क्रोध।
खिरोद/Khirod : समुद्र।
खील/Kheel : जो, चावल जो भून कर बनाये जाते हैं।
खिवण /Khivan: स्त्रियों के नाक का आभूषण।
खीस : गाय या भैंस के बछड़ा देने/प्रसव उपरान्त पहली बार निकाला गया दूध।
खुम्बी : एक तरह का मशरूम।
खुड्को : जोर की आवाज, शोर आदि।
खुड़ी : एड़ी।
खुजाळ : खुजली।
खुनस : बदला लेने का भाव, ईर्ष्या, क्रोध का भाव।
खुदानो : खुदवाने का कार्य।
खुरपी : जमीन खोदने का एक छोटा औजार जो हाथों में पकड़ा जाता है।
खुरभि : छोटा बछड़ा।
खुर्राट : तेज तर्रार, गुस्सैल।
खुर्रो : फर्श, आंगन।
खोस : छीन लेना, खोस लेना।
खुस : तार तार हो जाना, तिनका तिनका अलग हो जाना।
खुटियो : खेती में बधिया किया हुआ बैल।
खूंटो : पशुओं को बाँधने की मोटी लकड़ी जिसे जमीन में गाड़ा जाता है।
खुंसड़ी : जूती।
खुमचो /खोमचो : चाट बेचने का ठेला।
खुर्बानी : जर्दालु नाम का फल।
खेजड़ी, खेजड़ली , समी : खेजड़ी का वृक्ष (जांटी )
खेतल /Khetal: क्षेत्रपाल, रक्षक।
खेदो /Khedo: हठ, जिद्दी।
खेमा /Khema: पृथ्वी, भूमि।
खेमो /Khemo: खेमा, तम्बू, डेरा, पक्ष।
खेरज/Kheraj : चाँदी।
खेरनी/Kherani : चलनी, छानने का यंत्र।
खारणों /Kharano: बड़ी चलनी।
खेरी/Kheri : एक पुष्प का नाम।
खेळी/Kheli : पशुओं के पानी पीने का छोटा उथला कुंड।
अन्य शब्दों के अर्थ शीघ्र ही निचे जोड़ दिए जायेंगे.