मैया का ये रूप सुहाना लगता है
मैया का ये रूप सुहाना लगता है
या देवी सर्वभूतेषु,
मातृ रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै,
नमस्तस्यै, नमो नमः।।
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है,
पल भर में भर देती है झोली मैया,
पल भर में भर देती है झोली मैया,
इनसे तो रिश्ता पुराना लगता है,
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है।।
लाल जोड़े में सजी है चाँद-सी मैया,
खूब गहनों में लगे है प्यारी-सी मैया,
इनका तो मुखड़ा सलोना लगता है,
इनका तो मुखड़ा सलोना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है,
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है।।
लंबे-लंबे बालों में क्या खूब लगा गजरा,
तीखे-तीखे नैनों में हाँ, सज रहा कजरा,
हाथों का कंगन सुहाना लगता है,
हाथों का कंगन सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है,
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है।।
पीले-पीले शेर पर बैठी मेरी मैया,
पार करने आ गई है सबकी ये नैया,
इनका तो दरबार सुहाना लगता है,
इनका तो दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है,
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है।।
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है,
पल भर में भर देती है झोली मैया,
पल भर में भर देती है झोली मैया,
इनसे तो रिश्ता पुराना लगता है,
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है।।
मातृ रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै,
नमस्तस्यै, नमो नमः।।
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है,
पल भर में भर देती है झोली मैया,
पल भर में भर देती है झोली मैया,
इनसे तो रिश्ता पुराना लगता है,
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है।।
लाल जोड़े में सजी है चाँद-सी मैया,
खूब गहनों में लगे है प्यारी-सी मैया,
इनका तो मुखड़ा सलोना लगता है,
इनका तो मुखड़ा सलोना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है,
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है।।
लंबे-लंबे बालों में क्या खूब लगा गजरा,
तीखे-तीखे नैनों में हाँ, सज रहा कजरा,
हाथों का कंगन सुहाना लगता है,
हाथों का कंगन सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है,
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है।।
पीले-पीले शेर पर बैठी मेरी मैया,
पार करने आ गई है सबकी ये नैया,
इनका तो दरबार सुहाना लगता है,
इनका तो दरबार सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है,
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है।।
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है,
पल भर में भर देती है झोली मैया,
पल भर में भर देती है झोली मैया,
इनसे तो रिश्ता पुराना लगता है,
मैया का ये रूप सुहाना लगता है,
भक्तों का भी दिल दीवाना लगता है।।
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Author - Saroj Jangir
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