मेरी पसंद आपकी मुट्ठी में बंद है भजन

मेरी पसंद आपकी मुट्ठी में बंद है भजन

क्यों पूछते हो श्याम,
मुझे क्या पसंद है,
मेरी पसंद आपकी,
मुट्ठी में बंद है,
मेरी पसंद आपकी,
मुट्ठी में बंद है।।

नजरों को जिस घड़ी,
तेरा दीदार हो गया,
सूरत सलोनी देखते ही,
प्यार हो गया,
ये तन, ये मन, ये जा,
तेरी एहसानमंद है,
मेरी पसंद आपकी,
मुट्ठी में बंद है।।

जब तू नहीं तो साथ,
तेरी याद है मेरे,
तेरी याद से ये दिल-जिगर,
आबाद है मेरे,
मेरी हर एक साँस में,
तेरी सुगंध है,
मेरी पसंद आपकी,
मुट्ठी में बंद है।।

रोशन हूँ तेरे नूर से,
ये जान लीजिए,
खुद ही बिहारी दास को,
पहचान लीजिए,
किसकी जहान में इस तरह,
किस्मत बुलंद है,
मेरी पसंद आपकी,
मुट्ठी में बंद है।।

क्यों पूछते हो श्याम,
मुझे क्या पसंद है,
मेरी पसंद आपकी,
मुट्ठी में बंद है,
मेरी पसंद आपकी,
मुट्ठी में बंद है।।


MERI PASAND AAPKI MUTTHI MAI BAND HAI... #sheetalpandey

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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