रोड़ा ह्वै रहो बाट का तजि पाषंड अभिमान हिंदी मीनिंग Roda Hve Raha Baat Ka Taji Pakhand Meaning

रोड़ा ह्वै रहो बाट का तजि पाषंड अभिमान हिंदी मीनिंग Roda Hve Raha Baat Ka Taji Pakhand Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth

रोड़ा ह्वै रहो बाट का, तजि पाषंड अभिमान।
ऐसा जे जन ह्वै रहै, ताहि मिलै भगवान॥
 
Roda Hve Raho Baat Ka, Tji Pakhand Abhiman
Aisa Je Jan Vhe Rahe, Tahi Mile Bhagwan.
 
रोड़ा ह्वै रहो बाट का तजि पाषंड अभिमान हिंदी मीनिंग Roda Hve Raha Baat Ka Taji Pakhand Meaning : Kabir Ke Dohe Hindi Arth/Bhavarth
 

कबीर के दोहे का हिंदी मीनिंग (अर्थ/भावार्थ) Kabir Doha (Couplet) Meaning in Hindi

कबीर के इस दोहे का अर्थ है की पाखंड और अभिमान का त्याग करके तुम रास्ते पर कंकर की भाँती बन जाओ। रास्ते का कंकर से आशय है की जिसने अपने अभिमान को छोड़ दिया है। ऐसी मन स्थिति को रखने वाला व्यक्ति ही ईश्वर से मुलाक़ात कर पाता है। कंकर जैसे पांवों में रहता है, अपने अभिमान का त्याग कर देता है, ऐसे ही साधक को भक्ति मार्ग में पूर्ण समर्पण कर देना चाहिए। जहां अहम् होता है वहां पर भक्ति संभव नहीं है, कबीर अन्य स्थान पर कहते हैं की -

जब मैं था तब हरि नहीं अब हरि है मैं नाहीं ।
प्रेम गली अति सांकरी जामें दो न समाहीं ॥

Meaning : The meaning of this couplet of Kabir is that by abandoning hypocrisy and pride, you should become like a pebble on the road. The meaning of pebble on the road is that one who has given up his pride. Only a person with such a state of mind can meet God. Just like a pebble stays in the feet, abandons its pride, similarly a seeker should completely surrender to the path of devotion.
कबीर साहेब के अन्य दोहे अर्थ सहित-

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