बंसलोचन क्या होता है असली और नकली बंसलोचन की पहचान करे
वंशलोचन एक दुर्लभ और मूल्यवान पदार्थ है। यह बांस की एक विशेष प्रजाति, बम्बूसा अरुडिनिका, के जोड़ों से प्राप्त होता है। यह बांस मादा जाति का होता है और इसमें एक प्रकार का सिलिका जम जाता है, जो सूखने के बाद वंशलोचन बन जाता है। वंशलोचन का उपयोग आयुर्वेद में कई प्रकार की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। यह पाचन, श्वसन, और त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है। वंशलोचन का उपयोग मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में भी किया जाता है।
वंशलोचन की कीमत अधिक होने से, इसकी नकली चीजों की भी बाजार में भरमार है। इन नकली चीजों में अक्सर लकड़ी, प्लास्टिक, या अन्य पदार्थों का उपयोग किया जाता है। इसलिए, वंशलोचन खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए। देखिये वैसे तो यह दुर्भाग्य का विषय है की लोग दवाइयों में भी मिलावट कर देते हैं, लेकिन यह सत्य भी है की हमें कोई भी ओषधि खरीदते वक़्त यह ध्यान रखना होगा की वह शुद्ध रूप में हो तभी उसके गुणों का लाभ हमें मिल पायेगा। ऐसा बंसलोचन के विषय में भी है। बंसलोचन यदि शुद्ध रूप में हो तो इसके परिणाम बहुत ही सकारात्मक मिलते हैं। बंसलोचन के बारे में आप यहाँ क्लीक करके मजीद मालूमात हासिल कर सकते हैं।
अलग अलग भाषाओं में इसका नाम -
- Sanskrit: वंशलोचन, त्वक्क्षीरी, क्षीरिका, कपूर रोचना, तुङ्गा, रोचनिका, पिगा; बंशशर्करा, बंस कर्पूर
- Hindi: बंशलोचन
- Gujarati: बांसकपूर
- Bengali: बंशलोचन, बांसकावर
- Marathi: बंशलोचन
- Persian: तबाशीर
- English: Ramboo Manna
- Latin: Bambuna Arundinacea
आयुर्वेदिक के अनुसार वंशलोचन के औषधीय गुण : -
आयुर्वेद में वंशलोचन को एक महत्वपूर्ण औषधीय पदार्थ माना जाता है। यह कई प्रकार की बीमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता है। वंशलोचन के औषधीय गुणों को निम्नलिखित प्रकार से संक्षेपित किया जा सकता है:
- रसायन: वंशलोचन एक रसायन है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने में मदद करता है। यह शरीर के सभी ऊतकों और अंगों को पोषण प्रदान करता है।
- रक्तशोधक: वंशलोचन एक रक्तशोधक है, जिसका अर्थ है कि यह रक्त को शुद्ध करता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
- शीतल: वंशलोचन एक शीतल पदार्थ है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है। यह बुखार, दाह, और अन्य गर्म विकारों में उपयोग किया जाता है।
- ग्राही: वंशलोचन एक ग्राही है, जिसका अर्थ है कि यह पेट में भोजन को पचने में मदद करता है। यह अपच, कब्ज, और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं में उपयोग किया जाता है।
- वीर्यवर्धक: वंशलोचन एक वीर्यवर्धक है, जिसका अर्थ है कि यह वीर्य की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार करता है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन स्वास्थ्य में सुधार के लिए उपयोग किया जाता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सा में वंशलोचन का उपयोग निम्नलिखित बीमारियों के इलाज में किया जाता है:
- श्वसन संबंधी समस्याएं: खांसी, दमा, और ब्रोंकाइटिस
- पाचन संबंधी समस्याएं: अपच, कब्ज, और अल्सर
- यौन स्वास्थ्य समस्याएं: नपुंसकता, बांझपन, और स्तनपान में कमी
- त्वचा संबंधी समस्याएं: एक्जिमा, सोरायसिस, और घाव
- अन्य बीमारियां: मधुमेह, उच्च रक्तचाप, और कैंसर
वंशलोचन का सेवन करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना उचित है।
कैसे परखे की बंसलोचन असली है या फिर जाली
बंस लोचन को परखने के लिए आप सहूलियात के हिसाब से मोमबत्ती या फिर आग पर बंसलोचन/ तबासीर के तुकडे को चिमटे की मदद से आग पर रखेंगे। आप गौर करे की असली तबासीर के रंग में कोई अंतर नहीं आएगा वाही अगर जाली बंसलोचन हुआ तो, उसका रंग काला पड़ने लग जाएगा या फिर वो पिघलें भी लग सकता है। आप इसे खरीदने के वक़्त ध्यान रखे की किसी विश्वास पात्र पंसारी की दूकान से ही इसे ख़रीदे और सस्ते के चक्कर से दूर रहे। असली बंसलोचन महंगा होता है लेकिन उसके गुणों का कोई मुकाबला नहीं होता है।
क्या बंसलोचन सिर्फ सफ़ेद होता है : ऐसा भी नहीं है कुछ बंसलोचन (बांस की किस्म के हिसाब से ) कुछ मटमैले भी हो सकता है। अन्यथा बंसलोचन सफ़ेद रंग का होता है और हल्का सा नीलापन लिए हुए होता है।
असली वंशलोचन सफेद रंग का होता है। उस पर नीले रंग की झलक होती है। इसे लकड़ी या पत्थर पर घिसने से कोई निशान नहीं होता। इसे हाथ में लेकर दबाने से यह टूटता नहीं और मुंह में रखने से यह एकदम नहीं घुलता। नकली वंशलोचन असली के बराबर गुणकारी नहीं होता। इसे पत्थर पर घिसने से उसकी रेखा उखड़ जाती है। असली वंशलोचन पानी को सोख सकता है और पानी सोखने के बाद पारदर्शक हो जाता है। नकली वंशलोचन पानी में डालने पर तुरंत घुल जाता है।
The author of this blog,
Saroj Jangir (Admin),
is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a
diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me,
shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak
Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from
an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has
presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple
and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life
and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
|
Author - Saroj Jangir
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं इस ब्लॉग पर रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियों और टिप्स यथा आयुर्वेद, हेल्थ, स्वास्थ्य टिप्स, पतंजलि आयुर्वेद, झंडू, डाबर, बैद्यनाथ, स्किन केयर आदि ओषधियों पर लेख लिखती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।
|