कोई जब जहाँ में तुम्हारा ना हो
कोई जब जहाँ में तुम्हारा ना हो
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो,
तब याद करना मेरे श्याम को,
ये हरदम खड़ा है, खड़ा ही रहेगा,
तुम्हारे लिए,
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो।।
अभी तुमको इनकी ज़रूरत नहीं,
बहुत चाहने वाले हैं जो तेरे,
मगर कल की किसको खबर बावरे,
बिछड़ जाएं घर वाले हैं जो तेरे,
ना जाने वो दामन छुड़ाने लगे,
वापस कदम को बढ़ाने लगे,
तब याद करना मेरे श्याम को,
ये हरदम खड़ा है, खड़ा ही रहेगा,
तुम्हारे लिए,
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो।।
तुम्हें ना मिले रोशनी गर कहीं,
अंधेरों से डरने की क्या बात है,
साहिल मिलेगा यक़ीनन तुम्हें,
लहरों से डरने की क्या बात है,
नैया तुम्हारी रुकेगी नहीं,
तूफां के आगे झुकेगी नहीं,
तब याद करना मेरे श्याम को,
ये हरदम खड़ा है, खड़ा ही रहेगा,
तुम्हारे लिए,
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो।।
तू उनके सहारे को छोड़ दे,
जिनके सहारे पे तू जी रहा,
नादान, ये प्याला है विष से भरा,
अमृत समझकर जो तू पी रहा,
ग़म की तुम्हें अगर झरोखे मिले,
अपनों से माधव जो धोखे मिले,
तब याद करना मेरे श्याम को,
ये हरदम खड़ा है, खड़ा ही रहेगा,
तुम्हारे लिए,
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो।।
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो,
तब याद करना मेरे श्याम को,
ये हरदम खड़ा है, खड़ा ही रहेगा,
तुम्हारे लिए,
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो।।
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो,
तब याद करना मेरे श्याम को,
ये हरदम खड़ा है, खड़ा ही रहेगा,
तुम्हारे लिए,
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो।।
अभी तुमको इनकी ज़रूरत नहीं,
बहुत चाहने वाले हैं जो तेरे,
मगर कल की किसको खबर बावरे,
बिछड़ जाएं घर वाले हैं जो तेरे,
ना जाने वो दामन छुड़ाने लगे,
वापस कदम को बढ़ाने लगे,
तब याद करना मेरे श्याम को,
ये हरदम खड़ा है, खड़ा ही रहेगा,
तुम्हारे लिए,
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो।।
तुम्हें ना मिले रोशनी गर कहीं,
अंधेरों से डरने की क्या बात है,
साहिल मिलेगा यक़ीनन तुम्हें,
लहरों से डरने की क्या बात है,
नैया तुम्हारी रुकेगी नहीं,
तूफां के आगे झुकेगी नहीं,
तब याद करना मेरे श्याम को,
ये हरदम खड़ा है, खड़ा ही रहेगा,
तुम्हारे लिए,
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो।।
तू उनके सहारे को छोड़ दे,
जिनके सहारे पे तू जी रहा,
नादान, ये प्याला है विष से भरा,
अमृत समझकर जो तू पी रहा,
ग़म की तुम्हें अगर झरोखे मिले,
अपनों से माधव जो धोखे मिले,
तब याद करना मेरे श्याम को,
ये हरदम खड़ा है, खड़ा ही रहेगा,
तुम्हारे लिए,
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो।।
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो,
तब याद करना मेरे श्याम को,
ये हरदम खड़ा है, खड़ा ही रहेगा,
तुम्हारे लिए,
कोई जब जहां में तुम्हारा ना हो,
कोई साथी, संगी, सहारा ना हो।।
Sourabh Sharma l कोई जब जहा में तुम्हारा ना हो l Koi Jab Jaha Mein Tumhara Na Ho #shyambhajan2025
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Author - Saroj Jangir
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