कच्ची हल्दी है अधिक फायदेमंद Raw Turmeric is more beneficial
यूँ तो हल्दी चाहे सुखी/पाउडर रूप में हो या कच्ची दोनों ही सेहत के लिए गुणकारी होती है लेकिन आज के इस लेख में हम जानेंगे की कैसे कच्ची हल्दी अधिक फायदेमंद होती है। कच्ची हल्दी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है क्योंकि कच्ची हल्दी (Raw Turmeric Health Benefits) में करक्यूमिन और अन्य पोषक तत्व हल्दी पाउडर की तुलना में अधिक होते हैं। यही कारण है की कच्ची हल्दी को सुपरफूड भी कहा जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि कच्ची हल्दी में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो हमें रोगों से लड़ने की शक्ति देते हैं। यह रोगों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाने के अतिरिक्त हड्डियों को मजबूत करने और त्वचा विकारों को दूर करने में भी लाभकारी है।
कच्ची हल्दी में मौजूद पोषक तत्व Nutrients present in raw turmeric
कच्ची हल्दी के गुणों की यदि बात की जाए तो इसमें पाउडर की तुलना में अधिक मात्रा में एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीफंगल तत्व होते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें अधिकता से विटामिन सी, के, पोटैशियम, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, कॉपर, जिंक, फॉस्फोरस, थियामिन, राइबोफ्लेविन आदि पोषक तत्व भी होते हैं जो शरीर को पोषण देने के साथ ही विभिन्न रोगों से लड़ने की शक्ति भी देते हैं।पाचन शक्ति को मजबूत करने में कच्ची हल्दी के लाभ
हल्दी पाचन को दुरुस्त करती है और अजीर्ण को दूर करती है इसी कारण से हल्दी को अनिवार्य रूप से सब्जियों और अन्य व्यंजनों में उपयोग में लिया जाता है। हल्दी को मसालों के रूप में अधिकता से उपयोग में लिया जाता है। हल्दी पाचन में सुधार लाती है क्योंकि कच्ची हल्दी में 'जिंजरॉल' नामक यौगिक होता है जो भोजन को पचाने में मदद करता है और कब्ज और गैस को दूर करता है।एंटी-इंफ्लेमेटरी का भण्डार है कच्ची हल्दी
हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर की आंतरिक सूजन को दूर करने में सहायता करते हैं। इसके अतिरिक्त यह रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में भी सहायक होती है। कच्ची हल्दी में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाउडर की तुलना में अधिक होता है जिससे जोड़ों के दर्द और सूजन में लाभ मिलता है।कैंसर में फायदेमंद है कच्ची हल्दी
सर्दियों में कच्ची हल्दी सुलभता से मिल जाती है जिसकी सब्जी बनाकर उपयोग में लिया जाता है। अतः कच्ची हल्दी का उपयोग करना हितकर होता है क्योंकि कच्ची हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कैंसर जैसे असाध्य रोग से बचाव में भी मदद करती है। कच्ची हल्दी शरीर को फ्री रेडिकल्स से मुक्त करने और डीटॉक्सिफाई करने में लाभकारी है।रोगों से लड़ने की शक्ति देती है कच्ची हल्दी
कच्ची हल्दी के सेवन से शरीर को पोषण तो मिलता ही है इसके अतिरिक्त हल्दी रोग प्रतिरोधक क्षमता का भी विकास करने में सहायक होती है। यह इम्यूनिटी बूस्टर की तरह कार्य करती है। अतः सर्दियों में कच्ची हल्दी का उपयोग हितकर होता है।बढ़ते वजन के लिए कच्ची हल्दी का उपयोग
वर्तमान समय के अस्त व्यस्त जीवन शैली में मोटापा हो जाना एक आम बात है। स्वस्थ जीवन शैली और व्यायाम के साथ यदि हम कच्ची हल्दी का उपयोग करें तो मोटापा कम किया जा सकता है। हल्दी में करक्यूमिन होता है जो शरीर का वजन और बॉडी मास इंडेक्स को कम करने में सहायक है।डायबिटीज में कच्ची हल्दी के फायदे
डायबिटीज एक जटिल रोग है जिसके लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और इसके साथ आप कच्ची हल्दी का उपयोग भी कर सकते हैं। एक शोध के परिणामों के आधार पर हल्दी में पाया जाने वालाकरक्यूमिन, इंसुलिन लेवल को नियंत्रित करने में सहायक होता है और इसके साथ ही ब्लड में ग्लूकोज लेवल को कम करने में लाभकारी है। अतः डॉक्टर की सलाह के मुताबिक़ इसका उपयोग किया जा सकता है।
सर्दी, खांसी, गले में खराश को दूर करने में लाभकारी
सर्दियों में सर्दी जुकाम हो जाना आम बात है ऐसे में गले की खरांस और कफ होने लगता है। ऐसे में कच्ची हल्दी उबाल कर इसे पीसने के बाद दूध के साथ पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है और कफ दूर होता है। इसके साथ ही गले की सूजन और खरांश भी दूर होती है। कच्ची हल्दी और दूध का उपयोग हमारे बड़े बुजुर्ग लम्बे समय से करते आये हैं।अर्थराइटिस, ज्वाइंट्स के दर्द में लाभकारी है कच्ची हल्दी
अर्थराइटिस, ज्वाइंट्स पेन में भी कच्ची हल्दी लाभकारी होती है क्योंकि हल्दी में एंटी इंफ्लेमेंटरी गुण होते हैं। दूध के साथ इसके उपयोग के अतिरिक्त आप हल्दी को पीस कर इसके लेप को भी प्रभावित क्षेत्र में लगा सकते हैं।कच्ची हल्दी के फायदे लीवर के लिए
कच्ची हल्दी लीवर को स्वस्थ रखने में भी उपयोग में ली जा सकती है। हल्दी शरीर से विषाक्त प्रदार्थों को दूर करती है। यह लीवर की भी सफाई करती है। कच्ची हल्दी का उपयोग आप सब्जी, चटनी और अचार के रूप में भी कर सकते हैं। लिवर की विषाक्तता, फैटी लिवर डिजीज और लिवर सिरोसिस जैसे विकारों के लिए भी कच्ची हल्दी लाभकारी होती है।- कीवी के फायदे उपयोग और नुकसान Kiwi Ke Fayade (Benefits) Aur Upyog
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The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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