बेल का सेवन कैसे और कितना करें Bel Ka Sevan Kaise Aur Kitana Kare

बेल (Aegle marmelos L. Corrêa) वृक्ष का पका हुआ फल बहुत गुणकारी होता है, यह फल अपने स्वाद और आयुर्वेदिक गुणों के कारण गर्मियों में लू से बचने, शरीर को पोषण देने के लिए एक अच्छा विकल्प है। बेल के फल, छाल, पत्ते, बीज और जड़ में कूमारिन, ज़ांथोटॉक्सॉल, इम्पेरेटोरिन, एजेलीन और मार्मेलीन जैसे तत्व होते हैं जो एंटी बेक्टेरिअल और एंटी इन्फ्लामेंट्री होते हैं. बेल के जूस को आप दिन में किसी भी समय पी सकते हैं लेकिन यदि आप दोपहर में इसका सेवन करते हैं तो यह आपको लू से बचाता है और डीहाइड्रेशन से बचाता है। क्योंकि विभिन्न पोषक तत्वों के साथ बील की तासीर ठंडी होती है। बेल का शर्बत खाली पेट पीने से आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलती है। इसमें मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स आपके शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करते हैं और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। यह आपको सर्दी-जुकाम, फ्लू और अन्य मौसमी बीमारियों से बचाने में सहायता करते है। इसके अलावा, बेल का शर्बत आपको बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण से भी बचा सकता है, क्योंकि यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय रखता है।।

बेल का सेवन कैसे और कितना करें Bel Ka Sevan Kaise Aur Kitana Kare

गर्मियों के मौसम में बेल का सेवन करना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक होता है। बेल की तासीर ठंडी होती है। जिससे यह गर्मियों के मौसम में राहत प्रदान करता है। इसका सेवन करने से पेट की गर्मी शांत होती है। इसके सेवन से मुंह के छाले भी दूर होते हैं। बेल का सेवन करने से गर्मियों के मौसम में लू से भी बचाव होता है। बेल के सेवन करने से पाचन संबंधित बीमारियां कम होती हैं। बेल का सेवन करना स्वास्थ्य प्रद होता है। बेल का सेवन करने से डायरिया, उल्टी, जी मिचलाना, लू लगना जैसी बीमारियों में राहत प्राप्त होती है। बेल की गिरी का सेवन करना डायबिटीज के रोगियों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।
 
बेल का सेवन कैसे और कितना करें Bel Ka Sevan Kaise Aur Kitana Kare
 
ध्यान देने योग्य बात यह है कि डायबिटीज के रोगी को बेल का जूस देते समय उसमें अतिरिक्त शर्करा ना मिलाएं। डायबिटीज वाले रोगियों को गिरी का ही सेवन करना चाहिए। जिससे उनका डायबिटीज नियंत्रित रहता है। इसके साथ ही पाचन तंत्र भी अपना कार्य सुचारू रूप से करता है। आइए आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि बेल का सेवन कैसे  करें
  1. बेल के जूस का सेवन सुबह खालिपेट या दोपहर के समय किया जा सकता है, इससे सेहत को लाभ मिलता है. बेल के जूस का सेवन रात को नहीं करना चाहिये क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है। 
  2. आप बेल की गिरी को सीधा ही खा सकते है।
  3. बेल की गिरी का सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रित रहती है।
  4. आप बेलपत्र के पत्तों का सेवन भी कर सकते हैं।
  5. इसके लिए आप 4 से 5 पत्ते धोकर सीधा ही खा सकते हैं, या इन्हें कूटकर इनको 4 से 5 मिनट तक एक गिलास पानी में उबाल लें। काढा गुनगुना होने पर इसका सेवन करें।
  6. बेल की गिरी निकालकर उसके बीज हटाकर गिरी का जूस बनाकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
  7. बेल का जूस शरीर को लू से बचाता है।
  8. जूस के सेवन से पेट की गर्मी शांत होती है।
  9. मुंह में छाले होने पर इसका सेवन करने से मुंह के छाले भी दूर होते हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है। इसलिए गर्मी में इसका सेवन करने से गर्मी में राहत प्राप्त होती है।

बेल का सेवन कितनी मात्रा में करें

  1. आप 100 ग्राम बेल की गिरी का सेवन कर सकते हैं।
  2. डायबिटीज में इसका सेवन निर्धारित मात्रा में ही करें।
  3. दिन में 1 से 2 गिलास बेल के जूस का सेवन कर सकते हैं।
  4. दोपहर के समय इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है।




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बेल का सेवन कैसे और कितना करें Bel Ka Sevan Kaise Aur Kitana Kare
 

बेल फल खाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

बेल या बील के रस का सेवन दिन में सुबह और दोपहर के समय सबसे अच्छा होता है। ठंडी तासीर होने के कारण रात को इसके सेवन से बचना चाहिए। रात को बेल का जूस पीने से सर्दी जुकाम जैसे विकार हो सकते हैं। 

बेल का सेवन कैसे और कितना करें Bel Ka Sevan Kaise Aur Kitana Kare

बेल का शरबत कब नहीं पीना चाहिए?

जैसा की आपने जाना की बेल के जूस का सेवन आप सुबह और दोपहर के समय कर सकते हैं लेकिन इसका सेवन शाम को नहीं करना चाहिये वहीँ चाय और कॉफ़ी जैसी गर्म तासीर के पेय के तुरंत बाद भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
 

सुबह खाली पेट बेलपत्र के सेवन से होने वाले लाभ


पाचन के लिए लाभकारी

बेलपत्र अद्भुत रूप से पाचन को सुधारता है। इसका सेवन करने से पेट की सभी समस्याओं, जैसे कि अपच, गैस, एसिडिटी, और कब्ज से निजात मिल सकती है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करके खाने को पचाने में मदद करता है और पेट संबंधी विकारों से बचाता है। बेलपत्र में अधिक मात्रा में फाइबर होता है, जिसके कारण यह पेट के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। अगर आपको पेट से जुड़ी कोई समस्या है, तो रोज सुबह खाली पेट बेलपत्र का सेवन कर सकते हैं। इससे आपको गैस, एसिडिटी और अपच से राहत मिल सकती है। इसके साथ ही, बेलपत्र का सेवन करने से कब्ज भी ठीक हो सकती है।
 
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वजन को नियंत्रित करने में मदद

यदि आप वजन को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो बेलपत्र आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है। इसमें कम कैलोरी होती है और यह भूख को शांत करके आपको अधिक समय तक भूख नहीं लगने देता है। इसके सेवन से आपको वजन घटाने में मदद मिल सकती है और आप स्वस्थ रह सकते हैं।

मधुमेह के नियंत्रण में सहायक

बेलपत्र मधुमेह (डायबिटीज) के नियंत्रण में भी मददगार साबित हो सकता है और शरीर में इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, मधुमेह के रोगियों को बेलपत्र का नियमित रूप से सेवन करना चाहिए।

गर्भावस्था में लाभकारी

बेलपत्र गर्भावस्था के दौरान भी बहुत उपयोगी हो सकता है। इसका सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को उर्जा का अच्छा स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है और वे स्वस्थ रह सकती हैं। इसके अलावा, बेलपत्र के गुण गर्भाशय की स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ाने में भी सहायता करते हैं।

श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायता

बेलपत्र श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी मददगार हो सकता है। यह खांसी, सांस की समस्याएं, ब्रोंकाइटिस, और दमा जैसी समस्याओं को कम करने में सक्षम होता है।
 
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इम्यूनिटी बूस्ट करे

आपकी स्वास्थ्य रखने के लिए शरीर की इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसलिए, अगर आप बार-बार बीमार पड़ जाते हैं, तो आपको रोज सुबह खाली पेट बेलपत्र का सेवन करना चाहिए। बेलपत्र में विटामिन सी मौजूद होता है, जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता है और विभिन्न बीमारियों से शरीर को लड़ने की शक्ति देता है। रोजाना खाली पेट बेलपत्र का सेवन करने से सर्दी-जुकाम और खांसी से बचाव होगा। इसके साथ ही, आप बार-बार बीमार होने से भी बच पाएंगे।

हार्ट हेल्थ में सुधार करे

बेलपत्र के रस का सेवन आपके हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होता है। एक तरफ तो इसमें पाए जाने वाले एंटी इंफ्लामेन्ट्री और एंटीबैक्टेरियल तत्व आपको संक्रमण जनित बीमारियों से बचाते हैं वहीँ पर बेलपत्र में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय को स्वस्थ और मजबूत बनाकर हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम से आपकी रक्षा करते हैं। 
 

शरीर को शीतलता देता है बेलपत्र

जैसा की आपने जाना की बेलपत्र की तासीर ठंडी होती है अतः गर्मियों में आप शरीर की गर्मी को दूर करने के लिए बेल के पत्ते का रस या बेल के शरबत का उपयोग कर सकते हैं। यह कब्ज को दूर कर शरीर में ठंडक लाता है जिससे मुंह के छालों और बवासीर में भी लाभ पंहुचता है। तासीर ठंडी होने के कारण इसका सेवन सुबह खाली पेट या दोपहर को करना चाहिए, रात्रि को इसका सेवन करने से बचना चाहिए।
 
 
बेल के विभिन्न भाषाओं में नाम :-
  1. Hindi (हिंदी): बेल, श्रीफल
  2. Oriya (ଓଡ଼ିଆ): ବେଲୋ (Belo), ବେଲଥାଇ (Belthei)
  3. Gujarati (ગુજરાતી): બીલી (Beli)
  4. Telugu (తెలుగు): మారేడు (Maredu), బిల్వపండు (Bilvpandu)
  5. Tamil (தமிழ்): பில்வம் (Bilvam), பில்வபழம் (Bilvpajham)
  6. Marathi (मराठी): बेल (Bael), बीली (Bili), बोलो (Bolo)
  7. Malayalam (മലയാളം): കുവലപ്പഴം (Kuvalap-pazham)
  8. English: Bael tree, Bel fruit, Indian bael
  9. Arabic (العربية): سفرجل هندي (SafarjaleHindi)
  10. Spanish: Marmelada
  11. French: Bélimbi
  12. German: Bael-Frucht
  13. Italian: Frutto di bael
  14. Portuguese: Fruta de bael
  15. Dutch: Bael vrucht
  16. Russian: Бельфрут (Bel'frut)
  17. Chinese (Simplified): 木橘 (Mù jú)
  18. Japanese: ベールフルーツ (Bēru furūtsu)
  19. Korean: 나무사과 (Namusa-gwa)

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डिस्क्लेमर: लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। हम इसको लेकर कोई दावा नहीं करते हैं। आप इसके सेवन से जुड़ी जानकारी के लिए आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर की सलाह लें।
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