मुंह के छालों का घरेलु इलाज Mouth ulcers Types causes symptomsand home remedies

मुंह के छालों का घरेलु इलाज, मुँह के छालों के कारण, सावधानी और देसी नुस्खे Mouth ulcers: Types, causes, symptoms, and home remedies

यूँ तो मुंह के छाले सामान्य बात है लेकिन यदि इनकी अनदेखी की जाय तो भविष्य में ये गंभीर बिमारियों के कारण भी बन सकते हैं। इस विषय को शुरु करने से पहले हम आपको बता दे की आप अपने रोग को किसी वैद्य को दिखाएं और उचित उपचार लें यहाँ हम साधारण घरेलु जानकारी दे रहे हैं जिनको आप वैद्य की सलाह के उपरांत ही अमल में लावें। 

मुंह के छालों का घरेलु इलाज, मुँह के छालों के कारण, सावधानी और देसी नुस्खे Mouth ulcers: Types, causes, symptoms, and home remedies

मुंह के छाले क्या / मुखपाक हैं

मुंह के छाले होठों के निचे /ऊपर और गालों में होते हैं। चिकित्सीय भाषा में कैंकर सोर्स (Canker sores) भी कहा जाता है। मुंह के छाले होने पर कुछ भी खाने पिने में समस्या होती है, जलन मचती है और कभी कभी खून भी आने लगता है। यदि समय पर इनका उचित उपचार ना किया जाय तो ये कैंसर जैसे रोग के कारक भी बन जाते हैं। आयुर्वेद में मुँह के छालों को मुखपाक कहा गया है और इसका कारण पित्त को बताया गया है। कई बार अधिक मिर्च मसाले खाने से, जंक फ़ूड, गरिष्ठ भोजन करने से भी मुंह के अंदर छाले हो जाते हैं। मुखपाक मौखिक संपर्क से फैल सकते हैं।

मुखपाक के के प्रकार

हम मुखपाक को तीन भागों में विभक्त कर सकते हैं।
सामान्य मुखपाक : सामान्य मुखपाक खाने पीने की गड़बड़ी से हो जाते और सामान्य खान पीन के बदलाव से ठीक हो जाते हैं।
गंभीर मुखपाक : यह सामान्य अल्सर से कुछ बड़ा होता है और सामान्य घरेलु उपचार से ठीक नहीं होते है। ऐसी स्थिति में तुरंत किसी चिकित्सक / वैद्य से संपर्क करके उचित उपचार लेना चाहिए। इस प्रकार के मुखपाक में लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए।
हेरपेटीफर्म अल्सर हेरपेटीफर्म अल्सर को पिनप्वाइंट अल्सर के नाम से भी पहचाना जाता है। यह लगभग तीन मिलीमीटर आकार का होता है।इसके लिए भी आपको डॉक्टर के सलाह लेनी चाहिए।

मुंह के छालों / मुखपाक के कारण

मुँह के छालों का कारण पित्त का गड़बड़ाना और भोजन सबंधी लापरवाही भी हो सकती है। आइये जानते हैं की मुँह के छालों के सामान्य कारण क्या होते हैं। इसके अलावा मुंह के छालों के कई अन्य कारन भी होते हैं यथा -
  • लगातार पेट की खराबी और अजीर्णता का रहना। कब्ज और पेट की गर्मी भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं।
  • जरूरी नहीं कि जिस कारण से किसी एक व्यक्ति को छाले हुए हों, दूसरे व्यक्ति को भी उसी कारण से हों। कई बार पेट की गर्मी से भी ऐसे छाले हो जाते हैं।
  • अधिक तैलीय प्रदार्थों का सेवन, तेज मिर्च-मसालों का सेवन से पाचन गड़बड़ा जाता है और फलस्वरूप मुंह के अंदर छाले हो जाते हैं।
  • कुछ खाते वक़्त जीभ / गाल का दाँतों के अंदर आकर कट जाना।
  • अधिक कड़क ब्रश या दांतुन से गालों और मसूड़ों में कट का लग जाना।
  • लम्बी दवाओं के असर के कारण।
  • विटामिन बी-12, जिंक, फोलिक एसिड और आयरन की शरीर में कमी होना
  • दाँतों के टेढ़े मेढ़े होने के कारन जीभ और गालों पर दातों की रगड़ का लगना।
  • धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन।
  • व्यक्ति का लगातार मानसिक तनाव में रहना भी छालों का कारण हो सकता है।
  • किसी विशेष खाद्य प्रदार्थ से एलर्जी का होना।
  • शराब के अधिक सेवन से भी मुँह के छाले हो सकते हैं।
  • शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम हो जाना।
  • कई बार मुंह के छाले हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण भी हो जाते है।
  • माताओं और बहनों के पीरियड्स के दौरान भी मुंह के छाले हो सकते है।
  • ऐसे आहार का सेवन करना जिसमे विटामिन बी12, जिंक, फोलिक एसिड या आयरन आदि ना हों।

छालों से बचाव कैसे करें

 
यहाँ हम आपको कुछ घरेलु टिप्स दे रहे हैं। दिए गए घरेलु नुस्खों को आप किसी वैद्य / चिकित्सक की सलाह के उपरांत अमल में लावें।
  • यदि आपके दांत आड़े तिरछे हैं तो इसे हलके में ना लें और दन्त चिकित्सक से इनका इलाज करवाएं। यदि संभव हो तो दांतों को फिक्स करवाएं या तो नुकीले दाँतों की घिसाई करवाए जिससे वे मुंह, गाल और होठों से रगड़ ना खाएं।
  • मुंह की साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखें और दिन दो बार नरम ब्रश से विशेष टूथपेस्ट से मंजन करें।
  • तम्बाखू, गुटखा, और धूम्रपान से बचें।
  • पेट में गर्मी करने वाले अधिक तेल, मसाले युक्त आहार नहीं लें और कॉफी का सेवन भी नियन्त्रिक मात्रा में ही करें।
  • दिन में अधिक से अधिक पानी पीये.
  • अपने पाचन पर विशेष ध्यान दें और यदि अपच, अजीर्ण, आफरा और कब्ज तो त्रिफला, हिंग्वाष्टक चूर्ण का सेवन करें या फिर वैद्य से संपर्क करें।
  • गर्म पेय प्रदार्थों के सेवन से बचे क्यों की छालों पर कुछ भी गर्म लगने पर ये अधिक पीड़ादायक हो जाते हैं।
  • याद रखें के यदि कोई छाला एक सप्ताह के भीतर स्वंय ठीक ना हो तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
  • ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां, फल और पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करें। (अधिक जाने : एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर आहार )
  • आंवले का मुरब्बा, आवला और विटामिन सी से युक्त आहार का सेवन करें।
  • भोजन के साथ कच्चे प्याज और सलाद का प्रयोग करें।
  • पोषक तत्वों से युक्त आहार आहार का सेवन करें क्योंकि विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, जिंक, आयरन की कमी के कारण से भी छाले होते हैं।
  • सामान्य चाय के स्थान पर ग्रीन टी का उपयोग करें।
  • शरीर में ठण्ड पहुँचाने वाले पौष्टिक पेय प्रदार्थों का सेवन करें।
  • मुलेठी के चूर्ण में शहद मिला लें और उसे मुंह में लगाए, लार तो टपकने दें और मुंह को साफ़ कर ले।
  • नींबू पानी में शहद मिलाकर इससे कुल्ला करें इससे लाभ होगा।
  • शहद (अधिक जानकारी : शुद्ध शहद के लाभ ) और इलायची के चूर्ण को छालों पर लगाने से शीघ्र लाभ होगा।
  • मुखपाक के दौरान आप आहार में विटामिन-सी का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए आप दो-तीन गिलास संतरे या टमाटर के ज्यूस से भी विटामिन सी की प्राप्ति होती है।
  • छालों में दर्द से छुटकारा पाने के लिए बर्फ का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • शहद में भी एन्टीबैक्टेरिअल गुण होते हैं, इसलिए सामान्य अल्सर पर शुद्ध शहद लगाए।
  • गाय के दूध में एंटीवायरल और एंटी बेक्टेरियल गुण होते हैं इसलिए रुई के फोहे को दूध में डुबोकर छालों पर लगाने से लाभ प्राप्त होता है।
  • एलोवेरा के ज्यूस को फोहे में लगाकर सामान्य छालों पर लगाए तो लाभ मिलता है।
  • हल्दी के गुणों से तो आप परिचित होंगे ही, हल्दी में एंटी बेक्टेरियाल गुण होते हैं। हल्दी का पेस्ट बनाकर आप छालों में लगाये और कुछ देर बाद कुल्ला कर लें।
  • श्यामा तुलसी के एक से दो पत्ते रोज चबाकर खाने से भी लाभ मिलता है। तुलसी के पत्ते ज्यादा देर तक अपने मुंह में ना रखें।

डॉक्टर को कब दिखाएं

यदि एक सप्ताह से छाले ठीक नहीं हो रहे हैं या बार बार छाले हो रहे हैं तो छालों के लिए आप वैद्य / चिकित्सक को शीघ्र दिखाएं और वैद्य /चिकित्सक की सलाह के उपरांत ही उक्त घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करें।

क्या पिम्पल मुंह के छाले में तब्दील हो सकते हैं 

नहीं, पिम्पल्स का मुँह के छालों से कोई लेना देना नहीं होता है।

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