पतंजली गिलोय जूस क्या है What is Patanjali Giloy Juice
पतंजली गिलोय जूस "गिलोय" (Tinosporacordifolia (Willd.) Miers) लता पादप बनाया जाता है जो शरीर के लिए बहुत लाभकारी होता है। प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी गिलोय के गुणों के विषय में विस्तार से बताया गया है। इसके गुणों के कारण ही इसे अमृता कहा गया है। गिलोय अमृता, अमृतवल्ली एक ऐसी बेल होती है जो कभी नहीं सूखती है। गिलोय के पत्ते कुछ कुछ पान के जैसे होते हैं और फल मटर के दाने जैसे दिखाई देते हैं। शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढाने से लेकर कई प्रकार के विकारों में गिलोय बहुत ही गुणकारी होती है। गिलोय से हमें गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा, गिलोय में कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, जिंक, कैल्शियम और मैग्नीज आदि भी प्राप्त होते हैं।पतंजलि गिलोय जूस के फायदे Benefits of Patanjali Giloy Juice Hindi
गिलोय का सेवन कई प्रकार की बीमारियों को दूर रखता है क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है और कई विकारों के उपचार हेतु भी इसका सेवन किया जाता है। आइये जानते हैं की गिलोय के रस/जूस से क्या लाभ होते हैं।गिलोय जूस रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है Giloy Boost up Immune Power Hindi
गिलोय के जहां अनगिनत स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं वहीँ पर गिलोय रस के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जो हमें कई प्रकार की मौसमी और संक्रामक बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। गिलोय के सेवन से इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए आवश्यक होता है। गिलोय में तीन प्रकार के एल्केलाइड- गिलोइनिन, ग्लूकोसाइड और बरबेरिन पाए जाते हैं, जो श्वेत रक्त कणिकाओं (डब्लूबीसी) को बढ़ाते हैं और अधिक संख्या में डब्लूबीसी, शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं और नई कोशिकाओं का निर्माण करते हैं तथा इसीलिए ही गिलोय को इम्यूनो बूस्टर (रोगों से लड़ने की शक्ति का विकास करता है) भी कहा जाता। (1)
इसके अतिरिक्त गिलोय में गिलोय में एंटीपायरेटिक गुण होते हैं जो पुराने बुखार को भी ठीक करने में मदद करते हैं। बाबा राम देव और बालकृष्ण जी सदैव ही गिलोय के चमत्कारिक गुणों के विषय में बताते रहे हैं।
गिलोय में होते हैं एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण Giloy Anti inflammatory Property Hindi
गिलोय में एंटी इन्फ्लामेंट्री प्रोपर्टीज होती हैं जो शरीर की सुजन को दूर कर दर्दों को कम करती हैं। गिलोय फेफड़ों के लिए भी गुणकारी है यह कफ्फ को दूर करता है और खाँसी की रोकथाम भी करता है।अस्थमा में भी लाभकारी है गिलोय Giloy Benefits in Asthma Hindi
गिलोय के सेवन से अस्थमा जैसे विकारों में भी लाभ मिलता है। गिलोय के ताजा पत्ते चबाने या फिर तने और पत्तों से तैयार किया गया जूस हमें अस्थमा और खाँसी में लाभ देता है। (2)
बढती उम्र के प्रभावों को कम करती है गिलोय
गिलोय के रस में एंटी एजिग प्रोपर्टीज होती हैं जो बढती उम्र के प्रभावों को कम करने में सहायक होती हैं। संतुलित मात्र में गिलोय का सेवन जहाँ हमें रोगों से दूर रखता है वहीँ पर बढती उम्र के प्रभावों की रोकथाम में भी सहायक होता है। (3)
डेंगू में भी उपयोगी है गिलोय
गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास करती है जिससे कई रोगों में लाभ मिलता है विशेषकर संक्रामक रोगों में, डेंगू जैसे संक्रामक रोगों में भी गिलोय का सेवन गुणकारी होता है।Giloy Uses & Its Benefits | How to Use Giloy | वात, पित्त व कफ रोगों में गिलोय सेवन की अलग-अलग विधि
आखों से सबंधित विकारों में भी लाभकारी है गिलोय जूस
गिलोय का सेवन बेहतर दृष्टि और आखों के विकारों में भी लाभकारी है। गिलोय के क्वाथ के साथ त्रिफला मिलाकर लेने से आखों की रौशनी में बढ़ोत्तरी होती है। इसके अतिरिक्त गिलोय जूस के साथ त्रिफलादिघ्रित से भी शीघ्र लाभ मिलता है। (4)
सभी आयुर्वेदिक दवाओं के विषय में अधिक जाने
यौन इच्छायों में लाभकारी होती है गिलोय जूस गिलोय जूस के सेवन से यौन विकार भी दूर किये जा सकते हैं। (5)
सभी आयुर्वेदिक दवाओं के विषय में अधिक जाने
यौन इच्छायों में लाभकारी होती है गिलोय जूस गिलोय जूस के सेवन से यौन विकार भी दूर किये जा सकते हैं। (5)
राजयक्ष्मा-टीबी बीमारी में लाभदाई है गिलोय
गिलोय के सेवन से डेंगू व वायरल बुखार से ऐसे करें बचाव Uses of Giloy in Prevention of Dengue Fever टीबी रोग में (राजयक्ष्मा) विकार में भी गिलोय का जूस बहुत ही लाभदाई होती है। टीबी रोग में गिलोय के साथ ही अश्वगंधा, गिलोय, शतावर, दशमूल क्वाथ के सेवन से टीबी रोग में सुधार होता है।
पाचन सुधारे गिलोय
गिलोय के सेवन से पाचन तंत्र में भी सुधार होता है। गिलोय के सेवन से कब्ज दूर होता है और पित्त नियंत्रित होता है। गिलोय के सेवन से अजीर्ण, कब्ज दूर होता है और भूख में वृद्धि होती है।
पाचन सुधारे गिलोय
गिलोय के सेवन से पाचन तंत्र में भी सुधार होता है। गिलोय के सेवन से कब्ज दूर होता है और पित्त नियंत्रित होता है। गिलोय के सेवन से अजीर्ण, कब्ज दूर होता है और भूख में वृद्धि होती है।
Giloy Benefits of Giloy गिलोय जूस के अन्य लाभ
- गिलोय के सेवन से (गिलोय और गेंहू के जवारे ) के जूस से कैंसर रोगों में भी लाभ मिलता है। पतंजली आयुर्वेद में अभी कई रोगियों को गिलोय और गेहूं के जवारे के रस से ब्लड कैंसर के रोगियों पर परिक्षण चल रहा है जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं।
- काली मिर्च और गिलोय के जूस के सेवन से सीने में दर्द से छुटकारा मिलता है।
- गिलोय जूस का सेवन मधु के साथ करने से पुराने कफ में लाभ मिलता है।
- गिलोय के पत्तों के रस को मिश्री के साथ लेने पर एसिडिटी में राहत मिलती है।
- गिलोय के रस से पुरानी बुखार में लाभ मिलता है।
- गिलोय के रस के सेवन से कुष्ठ रोग में लाभ मिलता है।
- मूत्र रोगों में गिलोय का रस लाभकारी होता है।
- गिलोय को क्यों कहते हैं अमृता : गिलोय का परिचय और विभिन्न व्याधियों में गिलोय का उपयोग।
- गिलोय क्वाथ क्या होता है : गिलोय क्वाथ का परिचय और विभिन्न व्याधियों में गिलोय क्वाथ का उपयोग।
- गिलोय घनवटी क्या होती है : गिलोय घनवटी का परिचय और विभिन्न रोगों में गिलोय घनवटी का उपयोग।
- गिलोय स्वरस : गिलोय स्वरस से करे कफ्फ और बलगम का उपचार।
- गिलोय और रोग प्रतिरोधक क्षमता : गिलोय के उपयोग से रहे रोगों से दूर।
पतंजलि गिलोय जूस का सेवन Doses of Giloy Juice
गिलोय के जूस के सेवन से कई प्रकार से लाभ मिलते हैं लेकिन फिर भी आप इसे स्वंय लेने के स्थान पर वैद्य से सलाह अवश्य लेवें और चिकित्सक की सलाह के उपरान्त ही इसका सेवन करें। गिलोय की मात्रा, और अन्य ओषधियों का योग व्यक्ति की उम्र, विकार की क्लिष्टता और शरीर की तासीर के मुताबिक होती हैं। आप पतंजली चिकित्सालय में उपलब्ध वैद्य से निशुल्क सलाह ले सकते हैं और इसके उपरान्त गिलोय का सेवन करे।
पतंजलि गिलोय ज्यूस कहाँ से खरीदें Where to buy Patanjali Giloy Juices
पतंली गिलोय का जूस आपको पतंजली आयुर्वेद और बाजार से उपलब्ध हो जाता है। आप चाहें तो पतंजलि आयुर्वेद के स्टोर्स से इसको खरीद सकते हैं या फिर आप इसे ऑनलाइन भी अपने घर पर मंगवा सकते हैं। इसे आप पतंजली आयुर्वेद की अधिकृत वेबसाइट से आर्डर कर सकते हैं जिसका लिंक निचे दिया गया है -
https://www.patanjaliayurved.net/product/natural-health-care/health-drinks/giloy-juice-l/588
पतंजलि गिलोय ज्यूस की कीमत Price of Giloy Juice यह लेख लिखे जाने तक गिलोय जूस की कीमत 500 ML Rs 90/- है। इस विषय पर आप नवीनतम जानकारी के लिए पतंजली आयुर्वेद की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करें।
https://www.patanjaliayurved.net/product/natural-health-care/health-drinks/giloy-juice-l/588
पतंजलि गिलोय ज्यूस की कीमत Price of Giloy Juice यह लेख लिखे जाने तक गिलोय जूस की कीमत 500 ML Rs 90/- है। इस विषय पर आप नवीनतम जानकारी के लिए पतंजली आयुर्वेद की अधिकृत वेबसाइट पर विजिट करें।
पतंजलि गिलोय ज्यूस के सेवन में सावधानियाँ Side effects of Giloy Juice Hindi
यदिपी गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी बूंटी/ पादप है जिसके सामान्य रूप से कोई परेशानी नहीं होती है लेकिन फिर भी आप वैद्य की सलाह के उपरान्त ही इसका सेवन करें और अपनी मर्जी से इसका सेवन नहीं करें। वैद्य की सलाह/दिशानिर्देश के अनुरूप ही गिलोय का सेवन किया जाना चाहिए।पतंजलि आयुर्वेद का गिलोय ज्यूस के सम्बन्ध में कथन Patanjali Ayurveda about Giloy Juice
Giloy Juice is an Ayurvedic Proprietary Medicine Compositions, known as the root of immortality because of its abundant medicinal properties.
What is Giloy (Tinosporacrispa (L.) Hook. f. & Thomson 3. Tinospora sinensis (Lour.) Merr. (Syn- Tinospora malabarica (Lam.) Hook. f. & Thomson)) गिलोय क्या है ?
गिलोय के विषय में बाबा रामदेव ने जो जागृति पैदा की है वह अत्यंत ही प्रशंसनीय है, पहले गिलोय को चुनिन्दा लोग ही जानते थे लेकिन अब हर व्यक्ति गिलोय के बारे में जानता है और संभव होने पर वह अपने आस पास नीम के पास गिलोय जरुर लगाता है, नहीं तो गमले में आवश्य ही गिलोय लगाईं जाने लगी है। गिलोय के ओषधीय गुणों के सबंध में यह आवश्यक है की यह त्रिदोषनाशक है जो वात, कफ और पित्त से सबंधित विकारों को दूर करती है। गिलोय के विभिन्न नाम: गिलोय को विभिन्न नामों से पहचाना जाता है यथा गडुची, गिलोय, अमृता, वत्सादनी, छिन्नरुहा, गुडूची, तत्रिका, अमृता, मधुपर्णी, अमृतलता, छिन्ना, अमृतवल्ली, भिषक्प्रिया आदि।
गिलोय के पत्ते गिलोय के पत्ते कुछ पान के पत्ते के आकार जैसे होते हैं और चटक हरे रंग के होते हैं जो छूने पर मुलायम लगते हैं।
गिलोय का तना : गिलोय का तना देखने में रस्सी के समान बल खाया सा लगता है। इसके तने में भी बहुत ओषधिय लाभ होते हैं। तने और पत्तों का रस निकाल कर गिलोय सत बनाया जाता है (अधिक जाने : गिलोय के गुण और फायदे)
यह भी पढ़ें :
पतंजलि गिलोय सत के फायदे
गिलोय सत को घर पर ही कैसे बनाएं।
क्यों गुणकारी होती है "नीम गिलोय"
नीम गिलोय को अधिक गुणकारी माना गया है क्योंकि गिलोय जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों को स्वंय में समाहित कर लेती है। यही कारण है की नीम गिलोय नीम के गुणों को भी ग्रहण कर लेती है और इसी कारण से नीम गिलोय को अधिक गुणकारी माना गया है।
सन्दर्भ :
गिलोय के पत्ते गिलोय के पत्ते कुछ पान के पत्ते के आकार जैसे होते हैं और चटक हरे रंग के होते हैं जो छूने पर मुलायम लगते हैं।
गिलोय का तना : गिलोय का तना देखने में रस्सी के समान बल खाया सा लगता है। इसके तने में भी बहुत ओषधिय लाभ होते हैं। तने और पत्तों का रस निकाल कर गिलोय सत बनाया जाता है (अधिक जाने : गिलोय के गुण और फायदे)
यह भी पढ़ें :
पतंजलि गिलोय सत के फायदे
गिलोय सत को घर पर ही कैसे बनाएं।
क्यों गुणकारी होती है "नीम गिलोय"
नीम गिलोय को अधिक गुणकारी माना गया है क्योंकि गिलोय जिस पेड़ पर चढ़ती है उसके गुणों को स्वंय में समाहित कर लेती है। यही कारण है की नीम गिलोय नीम के गुणों को भी ग्रहण कर लेती है और इसी कारण से नीम गिलोय को अधिक गुणकारी माना गया है।
गिलोय जूस घर पर कैसे बनाएं How To Make Giloy Juice Hindi
यदि आप स्वंय गिलोय का रस तैयार करना चाहते हैं तो आप गिलोय के ताजा पत्ते लें और कुछ तने लेकर इन्हें धोने के उपरान्त उनको उखल में अच्छे से कूट लें। जब पत्ते और तने को अच्छे से कूट लें तो आप इनको एक पात्र में डालकर हाथ से अच्छे से मसल लें। गिलोय को जितना रगड़ेंगे उतना ही गिलोय का सत / रस पानी में घुलने लगेगा। अब आप पात्र में से गिलोय को छलनी से (महीन छलनी से ) छान लें और आप सीधे ताजा जूस का सेवन करें। इसके उपरान्त आप चाहें तो बचे हुए गिलोय के (कूटे हुयी गिलोय जो छानने के बाद बच गई है ) उसे आधा लीटर पानी में कुछ देर उबाल लें तो पुनः गिलोय का रस तैयार हो जाता है जिसे छान कर ठंडा होने के उपरान्त पिया जा सकता है। यदि मुख पाक से सबंधित कोई विकार हो तो गिलोय के पत्तों को सीधें ही मुंह में पान की तरह से रखें और उसे धीरे धीरे चबा कर खाएं।सन्दर्भ :
- Tinospora cordifolia: One plant, many roles
- Tinospora cordifolia (Willd.) Hook. f. and Thoms. (Guduchi) – validation of the Ayurvedic pharmacology through experimental and clinical studies
- Tinospora cordifolia (Willd.) Hook. f. and Thoms. (Guduchi) – validation of the Ayurvedic pharmacology through experimental and clinical studies
- Tinospora cordifolia (Willd.) Hook. f. and Thoms. (Guduchi) – validation of the Ayurvedic pharmacology through experimental and clinical studies
- Tinospora cordifolia (Willd.) Hook. f. and Thoms. (Guduchi) – validation of the Ayurvedic pharmacology through experimental and clinical studies
- Optimized micropropagation protocol to establish high-yielding true-to-type plantations of elite genotypes of Tinospora cordifolia for consistent production of therapeutic compounds©
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- पतंजलि लोहासव के फायदे Patanjali Lohasav Ke Fayade Hindi Me Benefits Usage/Doses and Price
- पतंजली अर्शकल्प वटी के फायदे घटक सेवन विधि Patanjali Arshkalp Vati Ke Fayde
- पतंजलि दिव्य बादाम रोगन शीरीन के फायदे Patanjali Divya Badam Rogan Ke Fayde Upyog
- पतंजलि दिव्य तेल के फायदे उपयोग Patanjali Divya Taila Benefits, Uses
- पतंजली खदिरादि वटी फायदे घटक सेवन विधि Patanjali Khadiraadi Vati Composition Doses Benefits Hindi
- पतंजलि दिव्य केश कांति तेल के फायदे Patanjali Divya Kesh Kanti Tel Ke Fayde Upyog
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |