दालचीनी के फायदे, उपयोग और नुकसान Dalchini (Cinnamon) Ke Fayde Aur Nuksan
प्राचीन काल से ही भारतीय रसोई में कई तरह के मसालों का उपयोग किया जाता रहा है। आप सभी को पता है हमारी रसोई में खड़े मसाले का प्रयोग भी बहुतायत रूप से किया जाता है। हमारी रसोई में ऐसे बहुत से मसाले हैं जो स्वाद को तो बढाते ही हैं साथ ही उनमें पाए जाने वाले औषधीय गुण भी हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं। तो आज हम एक ऐसे ही खड़े मसाले के बारे में जानेंगे जिसका उपयोग करने से खाने का स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही हमें औषधीय गुणों की भी प्राप्ति होती है।
आयुर्वेद में दालचीनी का उपयोग कई रोगों का इलाज (Dalchini ke fayde) करने के लिए भी किया जाता है। तो दोस्तों आज हम दालचीनी के बारे में जानेंगे। हम जानेंगे कि दालचीनी के सेवन से हमें क्या फायदे होते हैं, इसको हम किस तरह उपयोग में ले सकते हैं, तथा इसके अधिक उपयोग से होने वाले नुकसान के बारे में भी हम जानेंगे। तो आइए सबसे पहले जान लेते हैं दालचीनी के उपयोग करने से होने वाले औषधीय फायदे।
दालचीनी क्या है What is Cinnamon in Hindi
दालचीनी (Cinnamon) एक मसाला है, जो दालचीनी के पेड़ की छाल से बनाया जाता है। दालचीनी के पेड़ एक सदाबहार पेड़ है, जो कि 10-15 मीटर ऊंचा होता है। यह पेड़ दक्षिण-पूर्व एशिया और दक्षिण भारत में पाया जाता है।दालचीनी की छाल को सुखाया जाता है और फिर इसे छड़ियों या पाउडर के रूप में बेचा जाता है। दालचीनी की सुगंध बहुत ही तेज होती है और इसमें एक विशिष्ट स्वाद होता है। दालचीनी का उपयोग दुनिया भर के व्यंजनों में किया जाता है। इसे अक्सर मिठाइयों, पेय पदार्थों, और सब्जियों में डाला जाता है। दालचीनी का उपयोग औषधीय purposes के लिए भी किया जाता है। यह पाचन में सुधार करने, रक्त शर्करा के स्तर को कम करने, और सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
दालचीनी के फायदे Benefits of cinnamon
दालचीनी हमारी रसोई घर में उपयोग में लिए जाने वाले खड़े मसाले में से ही एक मसला है। इसके सेवन से हमारे शरीर को बहुत से औषधीय गुणों की प्राप्ति होती है। दालचीनी एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी डायबिटिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी फंगल, और एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज युक्त होती है। दालचीनी के सेवन से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इसमें पाए जाने वाले गुणों के कारण यह हमारे शरीर को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है। तो आइए जानते हैं दालचीनी के सेवन से होने वाले फायदे:
पाचन दुरुस्त करती है दालचीनी Cinnamon improves digestion
दालचीनी का सेवन करने से पाचन संबंधी सभी समस्याओं में राहत मिलती है। प्राचीन समय से ही दालचीनी का इस्तेमाल हमारे रसोई में खड़े मसाले के रूप में किया जाता रहा है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल प्रॉपर्टीज होती हैं। जो पाचन क्रिया के दौरान बैक्टीरिया के संक्रमण से हमें राहत प्रदान करती हैं। दालचीनी का सेवन करने से खाने के साथ पेट में पहुंचने वाले हानिकारक बैक्टीरिया से बचाव होता है। दालचीनी का एंटीमाइक्रोबॉयल गुण पाचन तंत्र को सुचारू रूप से कार्य करने में सक्षम बनाता है। खाने के साथ प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया के कारण जो पेट का इंफेक्शन होता है उससे बचाव करने में दालचीनी काफी सहायक हो सकती है।
दालचीनी पाचन विकार के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। दालचीनी अपच, पेटदर्द, सीने में जलन, जी मचलना, उल्टी, दस्त, कब्ज, और गैस जैसी पाचन संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकती है।
दालचीनी का उपयोग पाचन विकार के लिए करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
दालचीनी का उपयोग पाचन विकार के लिए करने से पहले, किसी भी संभावित एलर्जी के लिए अपनी त्वचा की एक छोटी सी जगह पर एक पैच टेस्ट करना एक अच्छा विचार है।
यहाँ कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको पाचन विकार से राहत पाने में मदद कर सकते हैं:
दालचीनी का उपयोग पाचन विकार के लिए करने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
- दालचीनी, सौंठ, जीरा, और इलायची का पाउडर: एक चम्मच दालचीनी पाउडर, एक चम्मच सौंठ पाउडर, एक चम्मच जीरा पाउडर, और एक चम्मच इलायची पाउडर को मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिएं।
- दालचीनी, काली मिर्च पाउडर, और शहद: एक चम्मच दालचीनी पाउडर, एक चम्मच काली मिर्च पाउडर, और एक चम्मच शहद को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिएं।
- दालचीनी का पानी: एक कप पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उबालें। चाय को छान लें और दिन में दो बार पिएं।
- दालचीनी के पत्तों का काढ़ा: दालचीनी के पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को दिन में दो बार पिएं।
दालचीनी का उपयोग पाचन विकार के लिए करने से पहले, किसी भी संभावित एलर्जी के लिए अपनी त्वचा की एक छोटी सी जगह पर एक पैच टेस्ट करना एक अच्छा विचार है।
यहाँ कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं जो आपको पाचन विकार से राहत पाने में मदद कर सकते हैं:
- स्वस्थ आहार खाएं: अपने आहार में ताजी सब्जियों, फलों, और साबुत अनाज को शामिल करें।
- पर्याप्त पानी पिएं: दिन भर में कम से कम आठ गिलास पानी पीएं।
- नियमित रूप से व्यायाम करें: व्यायाम पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- तनाव कम करें: तनाव पाचन विकार को ट्रिगर कर सकता है।
सूजन को कम करती है दालचीनी Cinnamon reduces inflammation
दालचीनी में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। जो शरीर में होने वाली सूजन को कम करती हैं।
दालचीनी में फ्लेवोनोइड यौगिक होते हैं। इन्हीं यौगिकों के कारण दालचीनी में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। नियमित रूप से दालचीनी का सेवन करने पर शरीर में होने वाली सूजन में काफी राहत मिलती है। दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो लालिमा को कम करने में मदद कर सकते हैं। दालचीनी को सूजन और लालिमा को कम करने के लिए कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे खाद्य पदार्थों में मिलाया जा सकता है, या इसे चाय या अन्य पेय पदार्थों में मिलाया जा सकता है। इसे सीधे त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।
दालचीनी में फ्लेवोनोइड यौगिक होते हैं। इन्हीं यौगिकों के कारण दालचीनी में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। नियमित रूप से दालचीनी का सेवन करने पर शरीर में होने वाली सूजन में काफी राहत मिलती है। दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो लालिमा को कम करने में मदद कर सकते हैं। दालचीनी को सूजन और लालिमा को कम करने के लिए कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे खाद्य पदार्थों में मिलाया जा सकता है, या इसे चाय या अन्य पेय पदार्थों में मिलाया जा सकता है। इसे सीधे त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।
दालचीनी जुकाम के लिये है रामबाण
दालचीनी, काली मिर्च पाउडर, और शहद का मिश्रण सर्दी-जुकाम, गले की सूजन, और मलेरिया के लिए एक लोकप्रिय प्राकृतिक उपचार है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो इन समस्याओं को ठीक करने में मदद कर सकते हैं।दालचीनी की एंटीऑक्सीडेंट क्षमताएं शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकती हैं, जिससे सर्दी-जुकाम और अन्य संक्रमणों से लड़ने में मदद मिलती है। दालचीनी की एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गले की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। दालचीनी की एंटीमाइक्रोबियल गुण मलेरिया के कारण होने वाले परजीवियों को मारने में मदद कर सकते हैं।
दालचीनी, काली मिर्च पाउडर, और शहद के मिश्रण का उपयोग करने के लिए, एक कप पानी में एक चुटकी दालचीनी पाउडर, एक चुटकी काली मिर्च पाउडर, और एक चम्मच शहद मिलाएं। मिश्रण को उबाल लें और 5 मिनट तक उबालें। चाय को छान लें और दिन में दो से तीन बार पिएं।
एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टीज होती हैं दालचीनी में Cinnamon has anti diabetic properties
दालचीनी का सेवन करने से डायबिटीज भी नियंत्रित रह सकती है। दालचीनी में पाये जाने वाले पॉलीफेनॉल्स सीरम ग्लूकोज और इंसुलिन को कम करके डायबिटीज को नियंत्रित कर सकते हैं। इसलिए डायबिटीज के रोगी को दालचीनी का सेवन करने करना चाहिए। ऐसा करने से डायबिटीज नियंत्रित हो सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि दालचीनी डायबिटीज के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार हो सकती है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देकर रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है।
एक अध्ययन में पाया गया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों ने जो अपने आहार में 12 सप्ताह तक दालचीनी पाउडर शामिल किया, उनमें फास्टिंग ग्लूकोज लेवल और एचबीए1सी का स्तर कम हो गया। एचबीए1सी एक रक्त परीक्षण है जो पिछले 2-3 महीनों के औसत रक्त शर्करा के स्तर को मापता है। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों ने जो अपने आहार में 6 सप्ताह तक दालचीनी पाउडर शामिल किया, उनमें खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में कमी आई। दालचीनी का उपयोग कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है, लेकिन इसे चाय, पेय पदार्थों, और मिठाइयों में भी डाला जा सकता है। इसे सीधे त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।
एक अध्ययन में पाया गया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों ने जो अपने आहार में 12 सप्ताह तक दालचीनी पाउडर शामिल किया, उनमें फास्टिंग ग्लूकोज लेवल और एचबीए1सी का स्तर कम हो गया। एचबीए1सी एक रक्त परीक्षण है जो पिछले 2-3 महीनों के औसत रक्त शर्करा के स्तर को मापता है। एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों ने जो अपने आहार में 6 सप्ताह तक दालचीनी पाउडर शामिल किया, उनमें खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में कमी आई। दालचीनी का उपयोग कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है, लेकिन इसे चाय, पेय पदार्थों, और मिठाइयों में भी डाला जा सकता है। इसे सीधे त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।
एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाई जाती है दालचीनी में Cinnamon has antioxidant properties
दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। दालचीनी में एक केमिकल कंपाउंड (प्रोसानिडिन्स) पाया जाता है। इसी केमिकल कंपाउंड के कारण दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। इसलिए दालचीनी का सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट की भरपूर मात्रा होती है। एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। फ्री रेडिकल्स अस्थिर अणु होते हैं जो हमारे शरीर के कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं। दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। इससे हमें कई बीमारियों से बचाव मिल सकता है, जिनमें कैंसर, हृदय रोग, और अल्जाइमर शामिल हैं।
दालचीनी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं। एंटी-ऑक्सीडेंट शरीर को मुक्त कणों से नुकसान से बचाने में मदद करते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर, हृदय रोग, और अन्य पुरानी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। एंटी-इंफ्लामेटरी गुण सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जो दर्द और सूजन से संबंधित कई स्थितियों में मदद कर सकता है।
दालचीनी में पाए जाने वाले कुछ प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिकों में शामिल हैं:
दालचीनी में पाए जाने वाले कुछ प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिकों में शामिल हैं:
सिनामोनिड: यह यौगिक सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करता है।
सिनामोनाल: यह यौगिक एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो मुक्त कणों से लड़ने में मदद करता है।पोलिफेनोल्स: ये यौगिक सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
दालचीनी का उपयोग कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है, लेकिन इसे चाय, पेय पदार्थों, और मिठाइयों में भी डाला जा सकता है। इसे सीधे त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।
दालचीनी का उपयोग कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है, लेकिन इसे चाय, पेय पदार्थों, और मिठाइयों में भी डाला जा सकता है। इसे सीधे त्वचा पर भी लगाया जा सकता है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाए Increase Immune System
- टमाटर के फायदे Benefits of Tomato Tamatar Ke Fayde
- पतंजलि गाय का घी फायदे Patanjali Cow Ghee Benefits Hindi
- गाय के घी के फायदे Benefits of Cow's Ghee Hindi
- पतंजली स्पिरुलिना क्या है स्पिरुलिना के फायदे Patanjali Spirulina Composition Doses Benefits
- पतंजलि गिलोय घनवटी के फायदे घटक Patanjali Giloy Ghanvati Benefits Hindi
फंगल इंफेक्शन को कम करती है दालचीनी Cinnamon reduces fungal infection
दालचीनी में पाए जाने वाले एंटी फंगल प्रॉपर्टीज से यह फंगल इन्फेक्शन को कम करने में भी सहायक होती है। दालचीनी के तेल में पाई जाने वाली एंटी-फंगल प्रॉपर्टीज कैंडिडा अल्बिकन्स, कैंडिडा ट्रॉपिकल और कैंडिडा क्रूसि से लड़ने में सहायक हो सकती हैं।
दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो हमें बैक्टीरिया से होने वाली बीमारियों से बचाते हैं। मॉनसून में मौसम नमी भरा होता है, जिससे बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। ऐसे में दालचीनी का सेवन हमें संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है।
दालचीनी में एंटीफंगल गुण होते हैं, जो हमें फंगस से होने वाली बीमारियों से बचाते हैं। मॉनसून में मौसम गर्म और नम होता है, जिससे फंगस पनपने लगते हैं। ऐसे में दालचीनी का सेवन हमें फंगल संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है।
दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं। मॉनसून में मौसम परिवर्तन के कारण कई लोगों को सर्दी-जुकाम, बुखार, गले में खराश जैसी समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं में दालचीनी का सेवन सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।
दालचीनी में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। मॉनसून में मौसम परिवर्तन के कारण कई लोगों को डायबिटीज की समस्या हो जाती है। ऐसे में दालचीनी का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
त्वचा को स्वस्थ एवं चमकदार बनती है दालचीनी Cinnamon makes the skin healthy and shiny
दालचीनी में एंटी एजिंग और एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। जिससे यह त्वचा संबंधित समस्याओं में लाभ प्रदान करती है। यह एंटी एजिंग होने के कारण बढ़ती उम्र के प्रभाव को भी कम कर सकती है। दालचीनी में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होने से यह चेहरे पर होने वाले पिंपल्स, दाग, मुहासे को कम कर सकती हैं। दालचीनी के पाउडर को शहद में मिलाकर त्वचा पर लगाने से बैक्टीरिया से होने वाले इन्फेक्शन से बचाव हो सकता है।
दालचीनी कोलेजन को नष्ट होने से बचाती है। जिससे त्वचा स्वस्थ एवं चमकदार बनती है।
दालचीनी कोलेजन को नष्ट होने से बचाती है। जिससे त्वचा स्वस्थ एवं चमकदार बनती है।
मुंह में होने वाले इन्फेक्शन और दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होती है दालचीनी Cinnamon is also beneficial for oral infections
एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होने के कारण दालचीनी मुंह के बैक्टीरिया को कम कर सकती है। जिससे मुंह में होने वाले इन्फेक्शन और दांतों में होने वाली कैविटी से राहत प्राप्त हो सकती है। दालचीनी का तेल स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स नामक बैक्टीरिया के इंफेक्शन को कम कर दातों के और मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकता है। मुंह का इन्फेक्शन और दांतों में कैविटी होने पर आप दालचीनी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य ले।
श्वसन विकारों में भी लाभदायक है दालचीनी Cinnamon is also beneficial in respiratory disorders
दालचीनी का सेवन करने से श्वसन विकारों में भी राहत प्राप्त होती है। ब्रोंकाइटिस रोग में फेफड़े के इंफेक्शन को कम करने में भी दालचीनी सहायक होती है। गले की सूजन, श्वास नली में सूजन और इन्फेक्शन को भी दालचीनी का सेवन करने से कम किया जा सकता है। श्वसन संबंधी सभी समस्याओं में दालचीनी का सेवन करना लाभदायक हो सकता है। दालचीनी का सेवन करने से फेफड़ों में हुआ इन्फेक्शन और सूजन कम होती है। फेफड़ों में होने वाले इन्फेक्शन को दालचीनी कम करती है। दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं। जो फेफड़ों के इंफेक्शन को कम करने में सहायक होती है। इसीलिए यह ब्रोंकाइटिस जैसी समस्या में भी लाभदायक हो सकती हैं। निमोनिया और ब्रोंकाइटिस होने पर दालचीनी के पानी की भाप लेने से संक्रमण में राहत मिल सकती है।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- सुरीली आवाज बनाएं मुलेठी Make Voice Melodious With Mulethi
- तरबूज के फायदे Water Melon Benefits तरबूज के फायदे और ओषधिय गुण
- कैल्शियम की कमी को दूर करने के उपाय Signs and Symptoms of Calcium Deficiency
- पतंजली मुलेठी क्वाथ के फायदे Patanjali Mulethi Kvath Benefits Usages Doses and Price
- पतंजलि कहरवा पिष्टी के फायदे Patanjali Kaharava Pishti Benefits and Usages Hindi
- जहरमोहरा पिष्टी के लाभ जहरमोहरा क्या होता है What is Jaharmohra, Benefits of Jaharmohra पतंजलि जहर मोहरा के लाभ और परिचय
हृदय के लिए उपयोगी है दालचीनी Cinnamon is good for the heart
दालचीनी का सेवन करना हृदय के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। यह बेड कोलेस्ट्रॉल को कम करके हृदय को स्वस्थ रखने में सहायक होता है। दालचीनी का सेवन करने से गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है। दालचीनी में सिनामलडिहाइड (Cinnamaldehyde) और सिनामिक एसिड कार्डियो प्रोटेक्टिव गुण होते हैं। दालचीनी के यही गुण हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होते हैं। यह गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाकर तथा बेड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम कर टोटल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाते हैं। इसलिए हृदय संबंधी समस्याओं को कम करने के लिए भी दालचीनी का सेवन बहुत ही लाभदायक हो सकता है।
कैंसर में भी लाभदायक है दालचीनी Cinnamon is also beneficial in cancer
दालचीनी का सेवन करने से कैंसर की कोशिकाओं के विकास में कमी आती है तथा इसका नियमित रूप से सेवन उसे फैलने से रोक सकता है दालचीनी में कीमोप्रेंटिव प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं।
दालचीनी में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एपोप्टोसिस-इंडयूसिंग (कोशिकाओं को खत्म करने वाली) प्रोसेस, एंटी-प्रोलिफेरेटिव (कोशिकाओं को बढ़ने से रोकना वाला) प्रभाव मिलकर कीमोप्रेंटिव एजेंट की तरह कार्य करते हैं। इन सभी के कारण कैंसर की सेल्स के विकास में कमी आ सकती है।
दालचीनी में एंटी कैंसर गुण होते हैं। दालचीनी का सेवन करने से त्वचा के कैंसर में भी राहत मिल सकती है कैंसर जैसी बीमारी में डॉक्टर के द्वारा उपचार लेना अति आवश्यक है। इसी स्थिति में आप डॉक्टर के परामर्श उपरांत ही दालचीनी का सेवन करें।
दालचीनी में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एपोप्टोसिस-इंडयूसिंग (कोशिकाओं को खत्म करने वाली) प्रोसेस, एंटी-प्रोलिफेरेटिव (कोशिकाओं को बढ़ने से रोकना वाला) प्रभाव मिलकर कीमोप्रेंटिव एजेंट की तरह कार्य करते हैं। इन सभी के कारण कैंसर की सेल्स के विकास में कमी आ सकती है।
दालचीनी में एंटी कैंसर गुण होते हैं। दालचीनी का सेवन करने से त्वचा के कैंसर में भी राहत मिल सकती है कैंसर जैसी बीमारी में डॉक्टर के द्वारा उपचार लेना अति आवश्यक है। इसी स्थिति में आप डॉक्टर के परामर्श उपरांत ही दालचीनी का सेवन करें।
तनाव को भी काम करती है दालचीनी Cinnamon also works for stress
दालचीनी तनाव को कम करने में भी सहायक होती है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम कर मस्तिष्क को स्वस्थ एवं रिलैक्स करने का कार्य कर सकती है। दालचीनी का नियमित रूप से सेवन करने से याददाश्त में भी सुधार होता है। यह दिमाग की सक्रियता को बढ़ाती है। दालचीनी में पाए जाने वाले फाइटो केमिकल्स दिमाग की क्रियाशीलता को बढ़ाते हैं। जिससे अल्जाइमर जैसी समस्या में भी राहत प्राप्त हो सकती है। दालचीनी का सेवन करने से पार्किंसंस में भी राहत प्राप्त हो सकती है। दालचीनी का सेवन करने से पार्किंसंस रोग में होने वाले शरीर के अंगों के कंपन में भी कमी हो सकती है।
एचआईवी में भी लाभदायक है दालचीनी Cinnamon is also beneficial in HIV
दालचीनी में पाए जाने वाले प्रोजेनिडिन पॉलीफेनोल एंटी-एचआईवी -1 प्रोसेस दर्शाते हैं। इसलिए दालचीनी का सेवन करना एचआईवी में भी राहत प्रदान करने वाला हो सकता है। हालांकि एचआईवी एक खतरनाक बीमारी है। जिसका डॉक्टर से परामर्श एवं उपचार अति आवश्यक होता है। ऐसी स्थिति में आप डॉक्टर के परामर्श एवं उपचार के बाद ही दालचीनी का सेवन करें।
बालों को घना एवं चमकदार बनाने में भी सहायक है दालचीनी Cinnamon is also helpful in making hair thick and shiny.
बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए दालचीनी के पेड़ की पत्तियों का इस्तेमाल करना बहुत ही लाभदायक होता है। इससे गंजेपन की समस्या को भी कुछ हद तक काम किया जा सकता है। दालचीनी की पत्तियों का प्रयोग कर हेयर फॉलिकल्स की ग्रोथ को बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए आप दालचीनी की पत्तियों को पीसकर उसका पेस्ट बनाकर बालों पर लगाएं। इससे बाल घने व चमकदार होते हैं।
मोटापा कम करने में भी सहायक है दालचीनी Cinnamon is also helpful in reducing obesity
आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम हमारे स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते हैं। और जो भी कम समय में बनता है उसी को खाकर अपने स्वास्थ्य को दिन प्रतिदिन कमजोर बनाते जा रहे हैं। कुछ भी तला भुना खा लेने से वजन भी नियंत्रित नहीं रहता है तथा वजन बढ़ जाता है। जिससे मोटापे की समस्या हो जाती है। मोटापा स्वयं में ही एक बहुत बड़ा रोग है जिससे अन्य रोग भी स्वत ही हो जाते हैं। इसलिए मोटापा को नियंत्रित रखना बहुत ही आवश्यक है। दालचीनी का उपयोग करने से मोटापे को नियंत्रित किया जा सकता है। दालचीनी का सेवन करने से वजन नियंत्रित रहता है। जिससे मोटापा नहीं होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है दालचीनी Cinnamon boosts immunity
दालचीनी में एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट, एंटी एजिंग और एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं। जिससे इसका सेवन करना बहुत ही लाभदायक होता है। दालचीनी का नियमित रूप से सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज की वजह से यह बैक्टीरिया से होने वाले इन्फेक्शन को भी कम कर सकता है। दालचीनी के सेवन से इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होती हैं तथा वायरल इंफेक्शन से बचाव होता है।
इस प्रकार आपने जाना की दालचीनी का सेवन करने से हमें बहुत से लाभ होते हैं। दालचीनी के इन्हीं गुणों के कारण ही इसे रसोई में प्राचीन काल से ही इस्तेमाल किया जाता रहा है। आप भी इसके लाभ प्राप्त करने के लिए इसे अपने दैनिक आहार में अवश्य शामिल करें। दालचीनी का सेवन करने से हमें बहुत से स्वस्थ लाभ होते हैं।
इस प्रकार आपने जाना की दालचीनी का सेवन करने से हमें बहुत से लाभ होते हैं। दालचीनी के इन्हीं गुणों के कारण ही इसे रसोई में प्राचीन काल से ही इस्तेमाल किया जाता रहा है। आप भी इसके लाभ प्राप्त करने के लिए इसे अपने दैनिक आहार में अवश्य शामिल करें। दालचीनी का सेवन करने से हमें बहुत से स्वस्थ लाभ होते हैं।
दालचीनी के कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं जो आप नहीं जानते होंगे। यहां कुछ और लाभ दिए गए हैं:
- दालचीनी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाकर और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देकर ऐसा करती है।
- दालचीनी हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकती है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, रक्तचाप को कम करने, और धमनी की दीवारों को मजबूत करने में मदद करती है।
- दालचीनी कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण ऐसा करती है।
- दालचीनी याददाश्त और सीखने में सुधार करने में मदद कर सकती है। यह मस्तिष्क कोशिकाओं के संचार को बढ़ावा देकर ऐसा करती है।
- दालचीनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद कर सकती है। यह एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण ऐसा करती है।
- दालचीनी का सेवन करने से हृदय रोगों से बचाव संभव होता है।
- दालचीनी खाने से सांस संबंधित रोगों का प्रतिरोध बढ़ता है।
- कोलेस्ट्रोल समस्याओं से निजात पाने के लिए दालचीनी का सेवन आवश्यक हो सकता है।
- मासिक धर्म के दर्द से राहत पाने के लिए दालचीनी फायदेमंद हो सकती है।
- शरीर में दर्द को कम करने में दालचीनी का प्रभावी रोल होता है। आप भोजन में इसका उपयोग कर सकते हैं।
- गठिया रोगियों के लिए दालचीनी का नियमित सेवन लाभकारी हो सकता है।
- दालचीनी के सेवन से बाल लंबे और घने हो सकते हैं।
- दालचीनी का नियमित उपयोग त्वचा संबंधित समस्याओं से बचाव में मददगार हो सकता है, जैसे कि एक्ने, मुँहासे, एक्जिमा आदि।
दालचीनी का उपयोग कैसे करें दालचीनी का उपयोग कैसे करें how to use cinnamon
दालचीनी का सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है लेकिन इसके निश्चित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए दालचीनी की तासीर गर्म होती है अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से लाभ के बजाय नुकसान के नुकसान भी हो सकता है तो आईए जानते हैं दालचीनी का उपयोग कैसे करें।
दालचीनी का उपयोग कैसे करें दालचीनी का उपयोग कैसे करें how to use cinnamon
दालचीनी का उपयोग हम मसाले के रूप में कर सकते हैं। इसके लिए चुटकी भर दालचीनी का पाउडर सब्जी में डालने से सब्जी का स्वाद तो बढ़ता ही है। साथ ही दालचीनी में पाए जाने वाले औषधीय तत्व भी हमें प्राप्त हो जाते हैं। दालचीनी की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे सर्दियों के मौसम में इस्तेमाल करना चाहिए। गर्मियों के मौसम में इसका इस्तेमाल अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
चुटकी भर दालचीनी का पाउडर दूध में मिलकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
दालचीनी की चाय बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है। दालचीनी की चाय बनाने के लिए आप एक छोटा टुकड़ा दालचीनी का डालकर इसे 2 से 3 मिनट तक उबाल लें। अब इसका चाय के जैसे सेवन करें। आप दालचीनी के टुकड़े की जगह दालचीनी के पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
चुटकी भर दालचीनी का पाउडर दूध में मिलकर भी इसका सेवन किया जा सकता है।
दालचीनी की चाय बनाकर इसका सेवन किया जा सकता है। दालचीनी की चाय बनाने के लिए आप एक छोटा टुकड़ा दालचीनी का डालकर इसे 2 से 3 मिनट तक उबाल लें। अब इसका चाय के जैसे सेवन करें। आप दालचीनी के टुकड़े की जगह दालचीनी के पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
दालचीनी के सेवन से होने वाले नुकसान Disadvantages of consuming cinnamon
हालांकि दालचीनी के सेवन से फायदे ही होते हैं नुकसान नहीं। यह पाचन को दुरुस्त कर शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में बहुत ही मददगार होती है। लेकिन दालचीनी की तासीर गर्म होती है। इसलिए इसकी अधिक मात्रा का सेवन करने से हमें कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। दालचीनी की प्रकृति एसिडिक होती है। इसलिए अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से दांतों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इसके अधिक सेवन से पेट संबंधी विकार भी हो सकते हैं। दालचीनी के अधिक मात्रा में सेवन करने से लीवर संबंधित समस्याएं भी हो सकती हैं।
Names of Cinnamon in Different Languages
- Hindi: दालचीनी (dalchini)
- English: cinnamon
- Sanskrit: त्वक् (tvac), स्वाद्वी (swadwi), तनुत्वक् (tanutva), दारुसिता (darusita), चोचम (chocham), वराङ्ग (varaṅga), भृङ्ग (bhṛṅga), उत्कट (utkath)
- Urdu: दारचीनी (darchini)
- Oriya: दालोचीनी (dalochini), दारूचीनी (daruchini)
- Gujarati: दालचीनी (dalchini), तज (taj)
- Tamil: लवंग पत्तै (lavang pattai)
- Telugu: लवंगमु (lavangamu)
- Bengali: दारुचीनी (daruchini)
- Punjabi: दाचीनी (dachini), किरफा (kirfa)
- Marathi: दालचीनी (dalchini)
- Arabic: दारसीनी (darsini), किर्फा (qirfah), र्क्फाहेसेलेनीयाह (qirfahesailaniyah)
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- जहरमोहरा पिष्टी के लाभ जहरमोहरा क्या होता है What is Jaharmohra, Benefits of Jaharmohra पतंजलि जहर मोहरा के लाभ और परिचय
- संगेयशव पिष्टी के फायदे संगेयशव पिष्टी क्या होती है Health Benefits of Sangeyshav Pishti पतंजलि संगेयशव पिष्टी के लाभ और उपयोग Patanjali Sangeyshav Pishti
- गिलोय सत को घर पर कैसे बनाए How To Make Giloy Sat at Home
- पतंजलि अकीक पिष्टी के फायदे Benefits of Patanjali Akeek Pishti Akeek Pishti Usages and Benefits
- Patanjali Giloy Sat Benefits पतंजलि गिलोय सत के फायदे
- मुक्ता पिष्टी ( मोती पिष्टी ) के फायदे Mukta Pishti ( Moti Pishti ) Benefits and Usages कैल्शियम की कमी को करें दूर मुक्ता पिष्टी से
उपरोक्त अध्ययन के अनुसार आपने जाना की दालचीनी के पाउडर का सेवन करना हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से हमें इसके औषधिय गुणों की प्राप्ति होती है। दालचीनी का सेवन करने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। जिससे वायरल बीमारियों से बचाव होता है। इसके साथ ही दालचीनी का सेवन करने से पाचन तंत्र भी दुरुस्त होता है। इसलिए आप भी निर्धारित मात्रा में दालचीनी का सेवन अवश्य करें। अगर आप किसी समस्या या बीमारी से ग्रसित है तो आप दालचीनी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। निर्धारित मात्रा में दालचीनी का सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, लिरिक्स पंदिट्स इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.