कैल्शियम की कमी को दूर करने के उपाय Signs and Symptoms of Calcium Deficiency Home Remedies for Calcium Deficiency
कैल्शियम की कमी को कैसे दूर करें
हमारे शरीर का ९९ प्रतिशत कैल्शियम हड्डियों में होता है और इसका बाकी हिसा खून में मिला होता है। ऐसा नहीं है की कैल्शियम का लेना देना सिर्फ हड्डियों तक ही सिमित हो। पुरे शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए कैल्शियम की महत्ती आवश्यकता होती है। हड्डियों को दुरुस्त रखने और दांतों के स्वस्थ रहने में इसका बहुत बडी भूमिका है जो जाहिर सी बात है। अन्य खनिजो की तरहा से कैल्शियम का शरीर में बहुत ही बड़ा योगदान होता है। कैल्शियम की कमी शुरू में तो मामूली जान पड सकती है लेकिन आगे चलकर ये गंभीर बिमारियों की जड़ बन सकती है। हड्डियों से दीगर यह मांशपेशियों के मसले से भी जुडा हुआ है।शरीर छोटी मात्र में कैल्शियम की कमी को पूरा करने का प्रयत्न कुदरति तौर से करता है लेकिन यदि कमी ज्यादा हो जाती है तो चिकित्सक की सलाह लेना ही लाभदायी होता है। यदि आपको भी कैल्शियम की कमी के कोई लक्षण दिखाई दे तो आप भी ब्लड कैल्शियम लेवल की जांच करवा सकते हैं। यदि आपके अन्दर चिकित्सक ने कैल्शियम की कमी बतायी हो तो आप डॉक्टर की दवाइयों के साथ साथ अपने खान पान में कुछ परिवर्तन करके कैल्शियम के लेवल को नियंत्रित कर सकते हैं।
कैल्शियम की कमी के लक्षण Symptoms of Calcium Deficiency Hindi
यदि आपको इस विषय में कुछ संदेह है तो आप सर्व प्रथम तो चिकित्सक के सलाह ले क्योंकि कई बार घरेलू तरीकों से इसे ठीक किया जाना कुछ वक़्त लेता है जिससे आपकी समस्या और अधिक बढ़ सकती है। जो घरेलु तरीके और आपके डेली रूटीन स्टेप्स हैं वो आप बाद में अपनाए जिससे दवाइयों की निर्भरता को कुछ कम किया जा सके और आप स्वस्थ जीवन का लुफ्त उठा पाए। कैल्शियम की कमी के जो प्रधान लक्षण हैं वो कुछ इस प्रकार से हैं।- बेवजह शरीर में कमजोरी का रहना। बेवजह से मतलब है की आप सही समय पर खाना खा रहे हैं और किसी प्रकार का कोई व्यसन नहीं कर रहे हैं, फिर भी शरीर में कमजोरी का बना रहना।
- जोड़ों में दर्द का होना।
- मांसपेशियों में अकडन का होना और दर्द होना
- नाखूनों का कमजोर होकर टूटना।
- बालों का झड़ना भी कैल्शियम की कमी का लक्षण होता है।
- नींद का समय पर ना आना / अनियमित रूप से नींद का आना और मानसिक थकावट का लगातार बने रहना।
- मानसिक रूप से परिवर्तन जैसे की चिंता, अवसाद और तनाव का बढ़ जाना।
- पाचन तंत्र का बिगड़ जाना मसलन गैस, एसिडिटी, कब्ज का होना।
- पांवो और हाथों में टिंगलिंग (झंझानाह्ट या चींटियों के काटने जैसा महसूस होना ) और एंठन का होना
- लगातार सरदर्द का होना
- हृदय गति का अनियंत्रित होना।
कैल्शियम की कमी को दूर करने के उपाय हिंदी में
यदि आपकी जांच के उपरांत चिकित्सक आपको कैल्शियम की कमी बताता है तो आप उसकी बतायी दवा ले सकते हैं लेकिन आप सिर्फ दवा या फिर सप्लीमेंट पर ही निर्भर हो जाए ये कोई हल नहीं है। आपको भी आपके खान पान में कुछ तो परिवर्तन करने ही होंगे। देखिये दवा अलग विषय है और जिसे हम कुदरती तरीका कहतेहैं वो अलग है, तो आइये जान लेते हैं की हम स्वंय क्या कर सकते हैं जिनसे हम कैल्शियम की कमी से दूर रह सखे।- सबसे पहले आप स्वस्थ जीवन कुछ नियमों का पालन कीजिये मसलन जल्दी सोना, सुबहा जल्दी उठना, समय पर और पूरी नींद का लेना।
- दूध जरुर पिए क्योंकि इसमें कैल्शियम कुदरती तौर से होता है। अब दूध किसका पिए, यह भी जान ले। देसी गाय का दूध और घी अमृत होता है। पहले आप देसी गाय की पहचान कर लें गले में झालर और थुहे वाली गाय देसी होती है। सबसे सरल तरीका है की गर्मिओं में आप गौर करे दो देसी गाय दोपहर में भी मजे से बैठी रहती है जबकि जर्सी हांफती रहती है। तात्पर्य है की देसी गाय का दूध और घी अमृत होता है पुरे शरीर के लिए अब चाहे बात कैल्शियम की हो या फिर ओवरआल दीगर विटामिन्स की। दूध में प्रयाप्त मात्रा में कैल्शियम होता है जो दिन प्रतिदिन की खुराक के लिए अच्छा होता है।
- सर्दियों में आप नियमित रूप से एक चकुंदर में सात से आठ आंवले डालकर उसका ज्यूस पिए, इससे आपके शरीर में विटामिन सी के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होगा और इससे कैल्शियम के अवशोषण में भी मदद मिलेगी।
- रीफाइंड आयल की जगह आप टिल के तेल का उपयोग शुरु कर दे जीससे आपको कई लाभ मिलेगे।
- चिकित्सक की सलाह के उपरान्त आप विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी ले क्योंकि विटामिन डी की कमी हो जाने के कारन कैल्शियम के अवशोषन में बाधा पहुचती है। ये एक दुसरे से इन्टर कनेक्टेड होते हैं।
- रात में भिगोये हुए दो अंजीर रोजाना के नाश्ते में शामिल करें क्योंकि इससे भी प्रचुर मात्रा में शरीर को कैल्शियम के दीगर अन्य विटामिन्स और मिनरल्स प्राप्त होते हैं।
- देसी गाय के घी का भरपूर प्रयोग करें।
- यदि आप मांसाहारी हैं तो बकरे के पैरों के जॉइंट्स (गुड्डी ) का सूप जरुर लें। इससे ना केवल कैल्शियम बल्कि बहुत सारे विटामिन्स प्राप्त होते हैं। शरीर में एक नयी शक्ति का संचार होता है। उसे बनाते वक़्त आधा चम्मच गाय का देसी घी (कम्पाउन्डिंग एजेंट ) और आधा चम्मच हल्दी के साथ में दो से तीन लौंग के साथ में आधा चम्मच सौंठ का मिला दे तो बेहतर होगा। वैसे आप अंडे और मछली का सेवन भी करें लाभ होगा।
- गिलोय क्वाथ का नियमित सेवन करें। गिलोय क्वाथ के विषय में अधिक जाने : गिलोय क्या है
- दही, पनीर, सोयाबीन, ओटमील का उपयोग करें।
- यदि बात आयुर्वेद की जाय तो मुक्ता पिष्टी, और प्रवाल पिष्टी, स्पिरूलीना, बंसलोचन भी इसमें लाभ पहुचाते हैं। अश्वगंधा और गुग्गल भी इसके लिए श्रेष्ठ विकल्प हो सकते हैं।
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- हल्दी दूध के फायदे, उपयोग और नुकसान Haldi Doodh (Turmeric Milk ) Benefits in hindi
- पतंजलि पिप्पली चूर्ण के फायदे Patanjali Pippli Churna Benefits in Hindi
- पतंजलि एकांगवीर रस फायदे घटक और उपयोग Patanjali Ekangveer Ras Benefits Usage and Dose
- खांसी के घरेलू उपाय लक्षण कारण Khansi Ka Gharelu Upay, Ilaaj
- ओटमील के फायदे Oatmeal Surprising Benefits
- रसराज रस के फायदे, उपयोग सेवन विधि Rasraj Ras Benefits Fayde Upyog Sevan Vidhi