झंडू पंचारिष्ट के फायदे घटक उपयोग Zandu Pancharisht Ke Fayde Composition Doses

झंडू पंचारिष्ट के फायदे घटक उपयोग Zandu Pancharisht Ke Fayde

भारत के परंपरागत चिकित्सा पद्धति में आयुर्वेद का बहुत ही बड़ा योगदान है। आज हम आयुर्वेद की एक ऐसी ही औषधि झंडू पंचारिष्ट के फायदों के बारे में जानेंगे। जो पाचन तंत्र को स्वस्थ दुरुस्त बनाकर हमें स्वस्थ रखने में बहुत ही मददगार होती है। इससे हमारी पाचन प्रणाली दुरुस्त होती है तथा हमें पोषक तत्वों की अधिकतम प्राप्ति होती है। यह ओषधि आसव अरिष्ट के सिद्धांतों के अनुसार बनाई जाती है जिसमें मंजिष्ठा, जीरक, एलोवेरा, धनिया, त्रिकटु, किशमिश, अजमोद, लौंग और शती जैसे आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां होती हैं जो पाचन को सुधारने का कार्य करती हैं।
तो आईए जानते हैं झंडू पंचारिष्ट के सेवन से होने वाले फायदे के बारे में।

झंडू पंचारिष्ट के फायदे Zandu Pancharisht Ke Fayde

  1. झंडू पंचारिष्ट पाचन को मजबूत बनाता है।
  2. झंडू पंचारिष्ट में किशमिश और एलोवेरा के कारण ये मल को सख्त होने से रोकते हैं और मल त्याग को सुगम करते हैं। 
  3. गैस, पेट फूलना, सूजन, पेट में फैलाव आदि विकारों में लाभकारी है। 
  4. शतावरी, मुलेठी, गिलोय, धनिया और जीरा के कारण यह सीने की जलन, आफरा आदि में लाभकारी है। 
  5. इसमें त्रिफला का उपयोग किया जाता है जो रेचक की तरह से कार्य करता है।
  6. झंडू पंचारिष्ट शारीरिक शक्ति प्रदान करता है।
  7. दशमूल, गिलोय और अश्वगंधा के कारण यह आँतों को मजबूती देता है। 
  8. झंडू पंचारिष्ट मानसिक अवसाद में राहत प्रदान कर तनाव को दूर करता है।
  9. झंडू पंचारिष्ट में पर्याप्त मात्रा में विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। जो शारीरिक शक्ति के साथ-साथ मानसिक शक्ति के लिए भी सहायक होते हैं।
  10. अनिद्रा को दूर करने में सहायक है झंडू पंचारिष्ट।
  11. झंडू पंचारिष्ट का सेवन करने से पोषक तत्वों का अधिकतम अवशोषण होता है। इसलिए यह स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही लाभदायक होता है।
  12. यह पेट में जलन, अपच, अजीर्ण, गैस, खट्टी डकारें आदि में राहत प्रदान करता है।
  13. यह शरीर में होने वाली गर्मी को दूर कर ठंडक प्रदान करता है।
  14. झंडू पंचारिष्ट पेट संबंधित सभी समस्याओं में बहुत ही लाभकारी होता है।
  15. झंडू पंचारिष्ट पाचन प्रणाली को दुरुस्त बनाता है तथा पाचन संबंधी सभी विकारों को दूर करता है।

झंडू पंचारिष्ट के घटक Ingredients of Zandu Pancharishta

झंडू पंचारिष्ट में कई घटक हैं जिनके कई स्वास्थ्य फायदे होते हैं।
  • त्रिफला (Triphala)
  • शतावरी (Shatavari)
  • लोधरा (Lodhra)
  • लौंग (Cloves)
  • दारुहरिद्रा (Daruharidra)
  • अश्वगंधा (Ashwagandha)
  • द्राक्षाकुमारी DraksaKumari
  • दशमूल Dashmoola
  • शतावरी Satavari
  • यस्ती Yasti
  • त्रिकटु Trikatu
  • त्रिजत Trijat
  • अर्जुन Arjuna
  • लोधरा Lodhra
  • मजिष्ठा Manjistha
  • अजमोद Ajamoda
  • धन्यका Dhanyaka
  • हरिद्र Haridra
  • सती Sati
  • स्वेत Sveta
  • जिरका Jiraka

झंडु पंचारिष्ट सिरप के गुण Properties of Zandu Pancharishta Syrup

झंडू पंचारिष्ट के कई आयुर्वेदिक गुण होते हैं जो की पाचन को सुधारकर शरीर को पोषण देते हैं, ये हैं -
  1. एंटी-स्पस्मोडिक प्रभाव।
  2. पेट की अम्लता को कम करने के लिए।
  3. रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास के लिए।
  4. यकृत के लिए अत्यधिक फायदेमंद।
  5. रेचक के रूप में लाभकारी।
  6. एंटीऑक्सीडेंट की भाँती कार्य करने के लिए। 

झंडू पंचारिष्ट के औषधीय गुण

  1. झंडू पंचारिष्ट एंटासिड के रूप में कार्य करता है क्योंकि इसमें  शतावरी , मुलेठी , धनिया और जीरा आदि होते हैं।
  2. दशमूल, अश्वगंधा और अन्य के कारण यह सूजन रोधी के रूप में कार्य करता है।
  3. मुलेठी, शतावरी, गिलोय, मंजिष्ठा और धनिया के कारण यह पेट में शीतलता लाता है।
  4. झंडू पचारिष्ट हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है।
  5. यह वातनाशक है।
  6. विभिन्न जड़ी बूटियों के कारण यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है।
  7. यह एडाप्टोजेनिक गुणों से युक्त है।
  8. यह तनावरोधी गुणों से युक्त है। 

झंडू पंचारिष्ट के चिकित्सीय उपयोग

झंडू पंचारिष्ट में ३५ अमूल्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है जो पाचन के साथ साथ निम्न विकारों में लाभकारी हैं -
  • अम्लता (Amla) - Acidity
  • सूजन (Swelling) - Inflammation
  • भूख में कमी (Loss of Appetite) - Appetite Loss
  • अपच (Indigestion) - Dyspepsia
  • गैस या पेट फूलना (Gas or Bloating) - Gas or Abdominal Bloating
  • पेट फूलना (Abdominal Bloating) - Abdominal Bloating
  • पेट में भारीपन महसूस होना (Feeling of Heaviness in the Stomach) - Feeling of Heaviness in the Stomach
  • कब्ज़ (Constipation) - Constipation
  • कब्ज /अजीर्ण (Constipation/Indigestion) - Constipation/Indigestion
  • आईबीएस (Irritable Bowel Syndrome) - Irritable Bowel Syndrome
  • पेट की ऐंठन (Abdominal Cramps) - Abdominal Cramps
  • आफरा (Burping) - Belching
  • खट्टी डकारें (Sour Burps) - Sour Burps
  • भूख की कमी (Loss of Appetite) - Loss of Appetite

झंडु पंचारिष्ट की कीमत और कहाँ से खरीदें Where to buy Zandu Pancharishta

Zandu Pancharishta Ayurvedic Digestive Tonic (650ml) ₹179.00 झंडू पचारिष्ट को आप निचे दिए गए ऑफिसियल लिंक से खरीद सकते हैं
zanducare.com/products/zandu-pancharishta 

झंडू पचारिष्ट के अन्य फायदे Other benefits of Zandu Pacharishta

  • झंडू पचारिष्ट के सेवन से हाइपरएसिडिटी में राहत प्राप्त होती है।
  • पंचारिष्ट सिरप पाचन तंत्र को मजबूत करती है। 
  • झंडू पंचारिष्ट कब्ज को दूर करने में लाभकारी है.
  • अजीर्ण और गैस को दूर कर पेट दर्द को दूर करने में लाभकारी।
  • गैस्ट्रिक अल्सर को दूर करने में लाभकारी है।
  • यह आईबीएस सिंड्रोम में लाभकारी है।
  • यह भूख में वृद्धि करता है। 
  • झंडू पंचारिष्ट 35 आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों यथा लवंग, त्रिफला, अजवेन, द्रक्षा, घित कुमारी आदि से बनाया जाता है जो पेट फूलने के रोग में आराम देते हैं। 

झंडू पंचारिष्ट सिरप का सेवन कैसे करें?

इस हर्बल फॉर्मूलेशन ओषधि का सेवन आप 30 दिनों तक करें। 15ml को बराबर पानी में मिलाकर करना हितकर है। वैद्य की सलाह की अनुसार आप इसे अधिकतम तीन से छः महीनों तक संतुलित मात्रा में उपयोग में ले सकते हैं।


झंडू पंचारिष्ट कब लेना चाहिए?

झण्डू पंचारिष्ट का सेवन ३० तक लगातार करना चाहिए, आप दो चम्मच सिरप को समान मात्रा पानी में मिलाकर रोजाना सुबह और शाम को भोजन के उपरान्त लिया जाना चाहिए। यह पाचन को बढाकर भोजन के पचने की क्रिया को तेज करता है जिससे गैस, आफरा अजीर्ण में लाभ मिलता है और आंतें भोजन से पोषक तत्वों को अवशोषण उचित तरह से कर पाती हैं। 
 

क्या झंडू पंचारिष्ट रोज ले सकते हैं?

यह आयुर्वेदिक ओषधि है जिसका कोई दुष्परिणाम नहीं होता है लेकिन यदि आप नित्य इसका सेवन करना चाहते हैं तो कृपया चिकित्सक की सलाह के उपरान्त ही ऐसा करें।  
 

झंडू पंचारिष्ट में क्या क्या मिलाया जाता है?

झंडू पंचारिष्ट सिरप में कई उपयोगी जड़ी बूटियां मिलाई जाती हैं जो सेहत के लिए लाभकारी हैं, इनमे से प्रमुख हैं -
  • त्रिफला (Triphala) - Emblica officinalis, Terminalia bellirica, Terminalia chebula
  • शतावरी (Shatavari) - Asparagus racemosus
  • लोधरा (Lodhra) - Symplocos racemosa
  • लौंग (Cloves) - Syzygium aromaticum
  • दारुहरिद्रा (Daruharidra) - Berberis aristata
  • अश्वगंधा (Ashwagandha) - Withania somnifera

झंडू पंचारिष्ट क्या है ?

झंडू पंचारिष्ट पाचन समस्याओं के लिए एक आयुर्वेदिक उपचार है जो भूख वृद्धि करता है, पाचन रसों का स्त्राव करता है, इसमें ३५ जड़ी बूटियों का उपयोग किया जाता है जो एसिडिटी, गैस, सूजन, कब्ज और पेट फूलना आदि विकारों में लाभकारी है। 

झंडू पंचारिष्ट के घटक और मात्रा बताइये

100 मिलीलीटर में निम्नलिखित सामग्रियां शामिल हैं।
  • द्राक्ष (किशमिश) - विटिस विनीफेरा 2.5 ग्राम
  • घृतकुमारी - एलोवेरा 2 ग्राम
  • दशमूल (आयुर्वेदिक पौधों की दस जड़ें) 2 ग्राम
  • अश्वगंधा (विथानिया सोम्नीफेरा) 1 ग्राम
  • शतावरी (शतावरी रेसमोसस) 1 ग्राम
  • त्रिफला 0.6 ग्राम
  • गिलोय (टिनोस्पोरा कॉर्डिफ़ोलिया) - गुडुची 0.5 ग्राम
  • बाला - सिडा कॉर्डिफ़ोलिया 0.5 ग्राम
  • मुलेठी ( यष्टिमधु ) - लिकोरिस - ग्लाइसीराइजा ग्लैब्रा 0.5 ग्राम
  • त्रिकटु (तीन तीखी जड़ी-बूटियाँ) 0.3 ग्राम
  • त्रिजात जड़ी बूटी 0.3 ग्राम
  • अर्जुन - टर्मिनलिया अर्जुन 0.2 ग्राम
  • मंजिष्ठा - रूबिया कॉर्डिफ़ोलिया 0.2 ग्राम
  • अजमोद (अजवाइन) 0.1 ग्राम
  • धनिया (धनिया) 0.1 ग्राम
  • हल्दी (हल्दी) - करकुमा लोंगा 0.1 ग्राम
  • शती (कपुरकचारी) - हेडिचियम स्पिकैटम 0.1 ग्राम
  • जीरा 0.1 ग्राम
  • लौंग (लौंग) 0.1 ग्राम

झंडू पंचारिष्ट की पैकेजिंग उपलब्धता

झंडू पंचारिष्ट निम्न पैकेजिंग में आपको उपलब्ध होती है -
  • 200 मि.ली
  • 450 मि.ली
  • 650 मि.ली

झंडू पंचारिष्ट के दुष्प्रभाव

यह एक आयुर्वेदिक ओषधि है जिसके कोई ज्ञात दुष्प्रभाव नहीं होते हैं लेकिन आपको सलाह है की आप इसके सेवन से पूर्व निम्न बातों का विशेष ध्यान रहें -
  • इसके सेवन से पूर्व चिकित्सक की राय अवश्य प्राप्त कर लें।
  • निर्धारित मात्रा से अधिक का सेवन ना करें/मनमाने ढंग से ओषधि का सेवन नहीं करना चाहहिए।
  • मधुमेह से ग्रस्त रोगी को चिकित्सक की सलाह अवश्य ही प्राप्त कर लेनी चाहिए। 

झंडू पंचारिष्ट के मुख्य लाभ क्या हैं ?

झंडू पंचारिष्ट पेट की अम्लता, गैस, पेट फूलना और पेट की गड़बड़ी, पेट में भारीपन, पुरानी कब्ज और पेट दर्द आदि विकारों में विशेष रूप से लाभकारी है।
The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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